पाठ्यक्रम में संशोेधन व कर्तव्यपूर्ति को प्राधान्य
‘मीट द प्रेस’ में कुलगुरू डॉ. मालखेडे का कथन
* कहा : अब विद्यार्थी कर सकेंगे ‘चॉईस बेस्ड’ विषयों का चयन
अमरावती/दि.27– महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए अब ‘चॉईस बेस्ड’ विषयों का पर्याय उपलब्ध रहेगा और उन्हें निश्चित पाठ्यक्रम के तहत ही पहले से तय विषयों की पढाई करना अनिवार्य नहीं रहेगा. इसके तहत कला, वाणिज्य, विज्ञान अथवा अभियांत्रिकी जैसी किसी भी शाखा में पाठ्यक्रम का विषय खुद विद्यार्थियों द्वारा चुने जा सकेंगे. इस आशय की जानकारी देते हुए संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने बताया कि, आगामी शैक्षणिक सत्र यानी जुलाई 2022 से संभाग के महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं के पास ‘चॉईस बेस्ड’ के आधार पर विषयों को चुनने का पर्याय उपलब्ध रहेगा.
गत रोज जिला मराठी पत्रकार संघ द्वारा वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में ‘मीट द प्रेस’ का आयोजन किया गया था. जिसमें संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे को स्थानीय मीडिया के साथ संवाद साधने और अपने विचार व्यक्त करने हेतु आमंत्रित किया गया था. इस अवसर पर सर्वप्रथम जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे का पुष्पगुच्छ देते हुए भावपूर्ण स्वागत किया. जिसके उपरांत कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने अमरावती विद्यापीठ सहित संभाग के शैक्षणिक क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विषयों पर उपस्थित मीडिया कर्मियों के साथ अपने विचार साझा किये.
इस अवसर पर कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने अपनी उपलब्धियों को लेकर गौरवपूर्ण उल्लेख करते हुए कहा कि, मैं जिस विद्यापीठ से अपनी शिक्षा पूर्ण करते हुए पदवी प्राप्त की थी, आज उसी विद्यापीठ के कुलगुरू के तौर पर काम करते हुए मुझे निश्चित तौर पर गर्व व आनंद होता है. साथ ही अमरावती का भुमिपूत्र होने के नाते मुझे विद्यापीठ सहित अपनी जन्मभूमि का कर्ज भी उतारना है, इस बात का भी मुझे हमेशा ऐहसास रहता है. साथ ही उन्होंने यह अपेक्षा भी जताई कि, पाठ्यक्रमों में बदलाव करते समय महाविद्यालयों व विद्यापीठ द्वारा अपने कर्तवयपूर्ति की जाये तथा विद्यार्थियों को थोडी राहत दी जाये. इसके लिए विद्यार्थियों व शिक्षकों के बीच सार्थक व स्वस्थ संवाद होना चाहिए. कुलगुरू डॉ. मालखेडे के मुताबिक प्रतिवर्ष अमरावती विद्यापीठ में एक लाख से अधिक विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लिया जाता है. किंतु पदवी प्राप्त करनेवालों की संख्या 50 हजार के आसपास ही रहती है. जिसका सीधा मतलब है कि, लगभग आधे विद्यार्थी बीच में ही अपनी पढाई छोड रहे है. यह अपने आप में काफी गंभीर बात है.
इस ‘मीट द प्रेस’ में स्थानीय मीडिया कर्मियों से संवाद साधते हुए कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे ने यह भी बताया कि, इन दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसार गुणांकन प्रणाली लागू हो रही है. जिसके तहत क्रेडीट सिस्टीम व गे्रड मार्क प्रणाली को अमल में लाया जायेगा. साथ ही किसी भी कारण की वजह से बीच में ही पढाई छोडे देनेवाले विद्यार्थियों को भी प्रमाणपत्र दिया जायेगा. इसके अलावा संशोधन कार्य को प्रोत्साहित करने हेतु अनुदान में वृध्दि की जायेगी.
* विद्यार्थियों को जिम्मेदार नागरिक बनाने का प्रयास
इस समय कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने यह भी कहा कि, संत गाडगेबाबा व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा. जिसके अनुसार तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही है. साथ ही वैल्यू एडेड एज्युकेशन के जरिये विद्यार्थियों को अच्छा, सच्चा व जिम्मेदार नागरिक बनाने का कार्य किया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों में समाज व देश के प्रति प्रेम व सम्मान का भाव उत्पन्न किया जा सके.
* पदव्युत्तर प्रवेश के लिए केंद्रीय प्रणाली
कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने यह भी बताया कि, अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए पदव्युत्तर प्रवेश हेतु अब केंद्रीय प्रवेश प्रणाली रहेगी. जिसके लिए ऑनलाईन आवेदन करना होगा. इसके तहत प्रवेश हेतु कुल तीन राउंड होंगे. जिसके जरिये पूरी पारदर्शकता रहेगी और सभी महाविद्यालयों में उपलब्ध सीटों की जानकारी स्पष्ट होगी.