माफी मांगने के साथ ही गृहमंत्री पद से इस्तीफा दें अमित शाह
शहर कांग्रेस ने पत्रवार्ता में उठाई मांग
अमरावती/ दि. 24- संविधान दिवस 75 वीं वर्षगांठ के निमित्त संसद में संविधान पर चल रही गंभीर एवं महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संविधान के शिल्पकार डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को लेकर बेहद अपमानास्पद टिप्पणी की है. जिसके लिए अमित शाह ने संसद में खडे होकर देश से माफी मांगनी चाहिए तथा केन्द्रीय गृहमंत्री पद से इस्तीफा भी देना चाहिए. इस आशय की मांग शहर कांग्रेस कमेटी द्बारा बुलाई गई पत्रवार्ता में उठाई गई.
अमरावती संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस संसद बलवंत वानखडे, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेत्री एड. यशोमती ठाकुर, पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता डॉ. सुनील देशमुख, कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख, पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे, प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर, प्रदेश उपाध्यक्ष भैया पवार तथा कांग्रेस पदाधिकारी समीर जवंजाल व पंकज मेश्राम की उपस्थिति के बीच बुलाई गई इस पत्रवार्ता में कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना रहा कि संविधान दिवस के 75 वीं वर्षगाठ के अवसर पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने संसद में संविधान पर चर्चा करने का निवेदन किया था. जिसके चलते भारतीय संविधान के अमृत महोत्सव निमित्त संसद में बेहद धीर गंभीर व महत्वपूर्ण चर्चा शुरू हुई. लेकिन इस समय प्रतिष्ठा रखने की बजाय विपक्षी नेता की बदनामी व अपमान करने के लिए भाजपा ने संसद जैसे व्यासपीठ का दुरूपयोग किया. साथ ही केन्द्रीय गृहमंत्री ने संविधान के मूलतत्व एवं सार का अपमान करने के साथ ही संविधान के शिल्पकार डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को लेकर बेहद विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा कि इन दिनों आंबेडकर का नाम जपने का फैशन हो गया है. यदि इतना ही नाम भगवान का लिया होता तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. इस बयान को लेकर मचे हंगामे के बाद भी भाजपा नेतृत्व एवं समर्थकों को किसी तरह का कोई पछतावा नहीं हुआ है. बल्कि वे लाखों भारतीय की भावनाओं को और भी अधिक आहत कर रहे है.
इस पत्रवार्ता में यह भी कहा आरएसएस की विचारधारा उपर चलनेवाली भाजपा द्बारा शुरू से ही आरएसएस की तरह भारतीय संविधान का विरोध किया जा रहा है तथा आरएसएस पूरी तरह से मनुस्मृति का समर्थन करती है. जो प्रतिगामी व जातीयवादी है. यही वजह है कि विगत 10 वर्षो से भाजपा द्बारा देश में संविधान विरोधी माहोल बनाया जा रहा है. लेकिन ऐसे प्रयासों को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बल्कि कांग्रेस ऐसे प्रयासों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करेगी और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक अमित शाह द्बारा संसद में खडे रहकर अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगी जाती और केन्द्रीय गृहमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया जाता