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अमरावती एअरपोर्ट को मिला आरसीएस एरोड्रम का दर्जा

रंगोत्सव के पर्व पर अमरावतीवासियों को मिली बडी सौगात

* इसी माह के अंत में एअरपोर्ट का होगा शुभारंभ
* सीएम फडणवीस ने सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी
* अब अमरावती से हवाई उडानों का रास्ता खुला
* जारी माह के अंत से शुरु होगा उडानों का सिलसिला
* सप्ताह में तीन दिन रहेगी अलायंस एअर की फ्लाईट
* आगे चलकर हवाई सेवा का किया जाएगा विस्तार
अमरावती/दि. 15 – समिपस्थ बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल को डीजीसीए की ओर से एरोड्रम लाईसेंस प्रदान कर दिया गया है. साथ ही इस एअरपोर्ट को अधिकृत रिजनल कनेक्टीविटी स्कीम (आरसीएस) एअरपोर्ट का दर्जा भी प्रदान किया गया है. इसी जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने परसों होली की पूर्वसंध्या पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट के साथ देते हुए एमएडीसी की व्यवस्थापकीय संचालक स्वाती पांडे के साथ अमरावती एअरपोर्ट के लाईसेंस की प्रतिलिपी को भी साझा किया. ऐसे में माना जा रहा है कि, होली एवं रंगोत्सव के पर्व पर अमरावतीवासियों को केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से एक बडी सौगात मिली है. इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई है कि, जारी माह के अंत तक अमरावती से मुंबई हेतु हवाई उडानों की शुरुआत हो जाएगी. जिसके तहत अलायंस एअरलाईन्स द्वारा मुंबई-अमरावती-मुंबई सेक्टर में शुरुआती दौर के तहत सप्ताह में तीन बार अपनी फ्लाईट चलाई जाएगी. जिसके चलते अमरावती में हवाई कनेक्टीविटी उपलब्ध होने के साथ ही अमरावती शहर सहित जिले में आर्थिक वृद्धि तथा औद्योगिक व पर्यटन क्षेत्र के विकास हेतु नए अवसर उपलब्ध हो जाएंगे.
* वर्ष 2008-09 से शुरु थे प्रयास, अब हुए फलीभूत
बता दें कि, वर्ष 2009 से बेलोरा स्थित विमानतल का विकास व विस्तार करते हुए यहां से नियमित यात्री हवाई सेवा शुरु करने के प्रयास शुरु किए गए थे. जिसे लेकर पहली बार वर्ष 2013 में उस समय उम्मीद के पंख लगे जब तत्कालीन राज्य सरकार ने नए विमानतलों के निर्माण तथा विस्तार व विकास के लिए महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण (एमएडीसी) नामक कंपनी का गठन करते हुए अमरावती विमानतल के विकास व विस्तार का जिम्मा इस कंपनी को सौंपा और कंपनी ने विमानतल को अपने कब्जे में लेने के साथ ही इसके विकास व विस्तार हेतु आसपास की जमिनों को अधिग्रहित करने का काम शुरु किया. जिसके तहत विमानतल की पुरानी इमारत के पास ही बेहद विशालकाय व अति भव्य इमारत का निर्माण किया गया. साथ ही साथ पुराने रन-वे की लंबाई को बढाते हुए विमानतल परिसर में नई एटीसी टॉवर बिल्डींग का निर्माण करने के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं का विकास किया गया. जिसके चलते अब यह विमानतल पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है. जिसका विगत दिनों से नागरी विमान संचालनालय यानी डीजीसीए के अधिकारियों ने दौरा करते हुए इसे हवाई सेवाएं शुरु करने के लिहाज से पूरी तरह योग्य माना और इसे अधिकृत रिजनल कनेक्टीविटी स्कीम (आरसीएस) एअरपोर्ट का दर्जा भी प्रदान किया. जिसके तुरंत बाद राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जारी माह के अंत तक इस विमानतल को शुरु करने की घोषणा की. बता दें कि, विगत दिनों राज्य का बजट पेश करते हुए डेप्युटी सीएम अजित पवार ने भी मार्च माह के अंत तक अमरावती एअरपोर्ट को शुरु करने की बात कही थी. जिसके चलते अब यह उम्मीद बंधती नजर आ रही है कि, मार्च माह के अंत तक अधिकारिक रुप से उद्घाटित होने के उपरांत अप्रैल माह के पहले सप्ताह दौरान ही अमरावती से नियमित हवाई उडानो का सिलसिला शुरु हो जाएगा.

* कैलिब्रेशन सफलतापूर्वक पूर्ण
अमरावती विमानतल पर हाल ही में ‘एअर कैलिब्रेशन ऑफ प्रिसीजन एप्रोच पाथ इंडिकेटर’ यानी ‘पीएपीआय’ की पडताल सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है. जिसके चलते अमरावतीवासियों के लिए अब हवा में उडान भरने का रास्ता खुल गया है. हवाई विशेषज्ञों के मार्गदर्शन के तहत बंगलुरु से अमरावती के एअरपोर्ट के बीच एअर-360 ईआर टर्बो प्रोप विमान की उडान भरते हुए भारतीय विमानतल प्राधिकरण की फ्लाईट इंस्पेक्शन टीम ने कैलिब्रेशन किया और इस विमान ने अमरावती के 26/08 रन-वे से उडान भरते हुए कैलिब्रेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया.

एटीआर-72 सीटर विमानसेवा होगी उपलब्ध
अमरावती विमानतल पर पैसेंजर टर्मिनल बिल्डींग, एटीसी टॉवर व अन्य मूलभूत सुविधाओं के काम पूरे हो चुके है तथा अमरावती विमानतल से नियमित कमर्शियल उडानों को शुरु करने से पहले विभिन्न सुरक्षा संबंधि इंतजामों की भी जांच कर ली गई है. चूंकि अमरावती एअरपोर्ट पर 18 बाय 50 मीटर का रन-वे है. ऐसे में यहां से अब अलायंस एअर कंपनी के जरिए अमरावती से मुंबई के बीच एटीआर-72 सीटर विमानसेवा को शुरु करने का नियोजन किया जा रहा है.

* सप्ताह में तीन दिन रहेगी सेवा
सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती विमानतल से प्रारंभिक चरन के तहत एअर अलायंस द्वारा सप्ताह में तीन दिन विमानसेवा उपलब्ध कराई जाएगी. जिसके तहत सुबह के वक्त मुंबई से अलायंस एअर का एटीआर-72 विमान अमरावती पहुंचेगा तथा यहां पहुंचने के तुरंत बाद मुंबई हेतु वापसी की उडान भरेगा. फिलहाल सप्ताह में तीन दिन केवल एक फ्लाईट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसे आगे चलकर अमरावतीवासी हवाई यात्रियों की ओर से मिलनेवाले प्रतिसाद को देखते हुए आगे बढाया जाएगा, ऐसी जानकारी भी सामने आई है.
* 170 करोड के खर्च से 588 हेक्टेअर क्षेत्र में साकार हुआ है एअरपोर्ट
बता दें कि, अमरावती-अकोला मार्ग पर बेलोरा के निकट स्थित अमरावती एअरपोर्ट का निर्माण करीब 170 करोड रुपयों की लागत से किया गया है और यह एअरपोर्ट लगभग 588 हेक्टेअर क्षेत्र में स्थापित है. जिसमें 1850 मीटर की लंबाईवाले रन-वे का निर्माण किया गया है. जिसके जरिए अधिकतम 90 सीटर क्षमता वाले विमान उडान भर सकते है.

* सीएम फडणवीस की ओर से ननिहाल को ‘होली गिफ्ट’
उल्लेखनीय है कि, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अमरावती में ननिहाल है. जिसके चलते अमरावती शहर के विकास व विस्तार हेतु विभिन्न योजनाएं व उपक्रम उपलब्ध कराने की ओर सीएम फडणवीस का विशेष ध्यान रहता है और वे अमरावती एअरपोर्ट को शुरु कराने के साथ ही अमरावती से हवाई सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भी विशेष तौर पर प्रयासरत थे. इसके लिए सीएम फडणवीस ने एमएडीसी के अधिकारियों के साथ कई दौर की, बैठके की और इसके लिए केंद्रीय नागरी विमानन मंत्रालय से भी सतत संपर्क जारी रखा था. जिसकी बदौलत ऐन होली पर्व की पूर्वसंध्या पर डीजीसीए की ओर से अमरावती विमानतल को आरएसी के अंतर्गत एरोड्रम का दर्जा प्रदान किया गया. इसकी जानकारी एमएडीसी की व्यवस्थापकीय संचालक स्वाती पांडे की ओर से मिलते ही सीएम फडणवीस ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सभी के साथ साझा किया.

* पालकमंत्री बावनकुले ने जताई खुशी
अमरावती विमानतल को डीजीसीए की ओर से एरोड्रम का लाईसेंस मिलते ही राज्य के राजस्व मंत्री एवं अमरावती के जिला पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में केवल अमरावती ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के लिए सुनहरे भविष्य का रास्ता खुल गया है और अब क्षेत्र के व्यापार, व्यवसाय, पर्यटन व उद्योग के लिए शानदार अवसर भी उपलब्ध होंगे.

* 16 साल का समय लगा, कई जनप्रतिनिधि आए व गए
– केंद्र व राज्य में भी सत्ता को लेकर हुआ बडा परिवर्तन
बता दें कि, अमरावती जिले के विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकनेवाले बेलोरा स्थित अमरावती एअरपोर्ट के विकास व विस्तार हेतु तत्कालीन जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने महत्प्रयास करते हुए 26 जनवरी 2009 को शासनादेश पारित करवाया था. जिसके बाद से लेकर अब एअरपोर्ट का शुभारंभ होने में पूरे 16 वर्षों का समय लगा है. इस दौरान अमरावती एअरपोर्ट के विकास व विस्तार सहित भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों को लेकर मामला अदालत में भी कुछ समय तक लटका रहा और अदालत में दायर याचिकाओं का निपटारा होने के बाद यह मसला लंबे समय तक लालाफिताशाही में भी फंसा रहा. इन 16 वर्षों के दौरान अमरावती एअरपोर्ट केंद्र से लेकर राज्य और स्थानीय स्तर तक होनेवाले राजनीतिक बदलावों का भी साक्षी बना और इस एअरपोर्ट ने विभिन्न जनप्रतिनिधियों सहित अलग-अलग सरकारों को भी देखा. जिस समय इस एअरपोर्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा शासनादेश जारी किया गया था तब केंद्र में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्ववाली सरकार थी और सन 2009 के संसदीय आम चुनाव पश्चात एक बार फिर डॉ. सिंह के नेतृत्ववाली यूपीए सरकार का गठन हुआ था. वहीं सन 2014 नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली भाजपा व एनडीए की सरकार केंद्रीय सत्ता में आई. लगातार तीसरे कार्यकाल हेतु केंद्र की सत्ता में बनी हुई है. इसी तरह वर्ष 2009 से अब तक अमरावती जिले में आनंदराव अडसूल (तीन बार), नवनीत राणा (एक बार) व अब 2024 के चुनाव में बलवंत वानखडे सांसद निर्वाचित हुए है. इसके अलावा जहां बेलोरा स्थित विमानतल हेतु शासनादेश जारी होते समय डॉ. सुनील देशमुख अमरावती के विधायक हुआ करते थे, वहीं वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव पश्चात रावसाहेब शेखावत विधायक निर्वाचित हुए थे और 2014 के विधानसभा चुनाव में डॉ. सुनील देशमुख ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की थी. जबकि वर्ष 2019 व 2024 के विधानसभा चुनाव में सुलभा खोडके विधायक निर्वाचित हुई. खास बात यह भी रही कि, जिस समय बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल रहनेवाले बेलोरा स्थित विमानतल के विकास व विस्तार हेतु शासनादेश जारी हुआ था, तब सुलभा खोडके बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक हुवा करती थी और इसके बाद वर्ष 2009 से लेकर अब तक युवा स्वाभिमान पार्टी के रवि राणा बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे है. इसी दौरान राज्य की सत्ता कांग्रेस से भाजपा के पास और फिर महाविकास आघाडी के होते हुए एक बार फिर भाजपा के नेतृत्ववाली महायुति के हाथ आई, ऐसे में कहा जा सकता है कि, इन 16 वर्षों के दौरान बेलोरा विमानतल ने अपने विकास व विस्तार की यात्रा के दौरान अच्छी-खासी राजनीतिक उठापटक भी देखी और संभवत: यह भी बेलोरा विमानतल के शुरु होने में विलंब होने की एक सबसे प्रमुख कारण भी रहा.

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