अमरावती

अमरावती-अकोला दरमियान महामार्ग पर

लगातार 72 घंटे काम कर 80 किलोमीटर लेंथ के काम का शुभारंभ

* गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड करने का प्रयास
* 7 जून तक अविरत शुरु रहेगा काम
अमरावती/दि.3– स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव निमित्त राष्ट्रीय महामार्ग पर बिटुमिनस काँक्रिट के सबसे लंबे रास्ते की निर्मिति इस श्रेणी के अंतर्गत माना कैम्प, अमरावती, छ.193+100, तहसील-मूर्तिजापुर, जिला अकोला, आज 3 जून से 7 जून तक लगातार 72 घंटे काम कर 80 किलोमीटर लंथ का काम करने की योजना बनाई गई है. राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 53 पर (पहले का क्रमांक 6) अमरावती से चिखली दरमियान चार चरणों में काम की शुरुआत की गई है.
भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण अंतर्गत अमरावती-चिखली विभाग में, लोणी गांव केपास रास्ते की अखंडित निर्मिति कर गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड करने का प्रयास किया जा रहा है. इस काम की शुरुआत राज पथ इन्फ्राकॉन प्रा. लि. द्वारा आज 3 जून की सुबह 6 बजे से की गई एवं मंगलवार 7 जून 2022 तक लगातार काम शुरु रहेगा. जिसके चलते अमरावती-अकोला दरमियान कम समय में अधिक काम करने की योजना ठेकेदार कंपनी ने बनाई है. जानकारी के अनुसार 7 जून तक लगातार काँक्रिटीकरण का काम कर 70 से 80 किलोमीटर लेंथ का काम किया जाएगा.
* विश्व विक्रम के लिए अभूतपूर्व तैयारी
इस विक्रमी प्रयास को अमल में लाने के लिए राज पथ टीम ने सुक्ष्म नियोजन किया है. प्रत्येक भाग के लिए स्वतंत्र टीम तैयार की गई है. इसमें प्रकल्प व्यवस्थापक, हाइवे इंजिनिअर, क्लालिटी इंजिनिअर, सर्वेअर, सेफ्टी इंजिनिअर एवं अन्य कर्मचारियों की टीम तैनात की गई है. इस महामार्ग पर ही मान कैम्प में व्यवस्थापन थिक टैंक व वॉर रुम बनाया गया है. इसमें 4 हॉट मिक्सप्लांट, 4 व्हील लोडर, 1 पेव्हर, 1 मोबाईल फिडर, 6 टँडेम रोलर, 106 हायवा, 2 न्युमॅटीक टायर रोलर आदि यंत्र सामग्री सहित 728 मनुष्य बल कार्यरत हैं. यंत्र सामग्री लगातार कार्यरत एवं दोषमुक्त रखने के लिए टाटा मोटर्स के े5 इंजिनिअर्स एवं अन्य 5 अधिकारी यहां पर तैनात हैं. यह टीम उन यंत्रों पर लगातार ध्यान रखे हुए हैं. अत्याधुनिक तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल कर रास्ता निर्मिती का यह विक्रम करने के प्रयास किया जा रहा है. विदर्भ के 45 अंश तापमान में यह विक्रमी कार्य करने के लिए टीम वर्क के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है. जिसकी दखल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ली जाएगी. इसके लिए अकोला-अमरावती मार्ग पर माना में सुसज्ज कैम्प बनाया गया है. यहां पर प्रशासकीय व अभियांत्रिकी कक्ष, अच्छी निवास व्यवस्था, दर्जेदार भोजन व्यवस्था, वाहन देखभाल दुरुस्ती कक्ष, पेट्रोल व डिजल पंप आदि व्यवस्था है. गर्मी की पार्श्वभूमि पर वातानुकूलित व्यवस्था भी की गई है.
राज पथ इन्फ्राकॉन ने सांगली-सातारा दरमियान, पुसेगांव से म्हासुर्णे दरमियान लगातार 24 घंटे रास्ता तैयार करते हुए विश्व विक्रम स्थापित किया था. सार्वजनिक कार्य प्राधिकरण-अश्गुल ने दोहा, कतार में इससे पूर्व विक्रम दर्ज किया था. इसमें उन्होंने करीबन 242 घंटे यानि 10 दिन नॉनस्टॉप निर्माणकार्य कर 25 किलोमीटर रास्ता निर्मिता का विक्रम किया था. राज पथ इन्फ्राकॉन का अब लोणी-मूर्तिजापुर दरमियान विश्व विक्रम करने का प्रयास रहेगा. यह रास्ते निर्माण क्षेत्र की गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में विश्व विक्रम दर्ज करे वाली पहली भारतीय प्राइवेट लिमिटेड कंपनी होगी.

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