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अमरावती व अकोला राज्य में सबसे प्रदूषित शहर

हवा की गुणवत्ता हुई खराब, नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में

अमरावती/दि.2 – गत रोज लोकसभा में देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची प्रस्तूत की गई. जिसमें अमरावती व अकोला इन 2 शहरों को महाराष्ट्र राज्य के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, सभी लिहाज से पिछडे रहने वाले पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के अमरावती व अकोला में स्थित एमआईडीसी को एक तरह से अविकसित कहा जा सकता है और यहां पर प्रदूषण फैलाने वाले कोई बडे कारखाने भी नहीं है. इसके बावजूद भी विगत 6 वर्षों से सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में अमरावती व अकोला का समावेश हो रहा है. जिसका सीधा मतलब है कि, इन दोनों शहरों मेें हवा की गुणवत्ता को सुधारने हेतु गंभीरतापूर्वक प्रयास नहीं हो रहे.
बता दें कि, देश में 131 शहर व परिसर बेहद प्रदूषित रहने की जानकारी केंद्र सरकार द्बारा लोकसभा में दी गई है. इन 131 शहरों में हवा की गुणवत्ता राष्ट्रीय औसत से भी अधिक खराब है. केंद्र सरकार द्बारा इन शहरों में हवा की गुणवत्ता पर हमेशा नजर रखी जाती है और इन शहरों को ‘नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम’ के अंतर्गत रखा गया है. ताकि इन शहरों में हवा की गुणवत्ता को सुधारा जा सके. इसके तहत पश्चिम विदर्भ के अमरावती व अकोला सहित राज्य के 19 शहरों में पार्टीक्यूलेट मैटर यानि कणद्रव्य में 20 से 30 फीसद की कमी लाने का लक्ष्य तय किया गया है और यह लक्ष्य 2024 से 2028 की अवधी हेतु रखा गया है.

* उपाय योजनाओं की अनदेखी
गत वर्ष अगस्त माह में प्रदूषित शहरों की सूची प्रस्तूत करने के बावजूद भी उसकी गंभीरतापूर्वक दखल नहीं लिए जाने के चलते सरकार ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. केंद्र द्बारा तय किए गए मानक के अनुसार पार्टीक्यूलेट मैटर-10 का वार्षिक औसत प्रमाण 60 एवं नॉयट्रोजन डायऑक्साइड का वार्षिक औसत प्रमाण 40 से अधिक रहने पर इन शहरों को प्रदूषित शहर कहा जाता है. जिनमें अमरावती व अकोला का भी समावेश है.

* क्यों खराब हुई इन शहरों की हवा
– सडकों पर आए दिन होने वाला ट्रैफिक जाम
– कालबाह्य हो चुके वाहनों से निकलने वाला घातक धुआ
– रास्तें पर धुल कणों का प्रमाण अधिक
– खुले में जलाया जाने वाला कचरा
– कचरे पर प्रक्रिया करने हेतु शास्त्र शुद्ध पद्धति का प्रयोग नहीं करना
– सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का काफी हद तक अभाव
– ऑटो रिक्षा व निजी वाहनों की संख्या अधिक, इसमें भी कालबाह्य वाहनों का अधिक प्रमाण

* प्रदूषण नियंत्रण मंडल से नोटीस
हवा की गुणवत्ता खराब रहने के चलते महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इससे पहले अमरावती व अकोला महानगरपालिकाओं को नोटीस जारी की है. लेकिन हर साल नोटीस मिलने के बावजूद संबंधित मनपा प्रशासन द्बारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए किसी भी तरह की उपाय योजनाओं पर कोई अमल नहीं किया जा रहा. इसके परिणाम स्वरुप पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के 2 प्रमुख शहर अमरावती व अकोला विगत 6 वर्षों से देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में बने हुए है.

 

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