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अमरावती बस स्थानक होगा फाइव स्टार

परिवहन विभाग की योजना

* बीओटी आधार पर प्रदेश के 24 बस अड्डों की कायापलट
* 1445 करोड की लागत
मुंबई./दि.23 – राज्य परिवहन महामंडल के बसस्थानक-डिपो का अत्याध्ाुनिक निर्माण कार्य करते समय बची जगहों का निजी विकास के माध्यम से बीओटी तत्व पर विकास करने की योजना परिवहन विभाग ने बनाई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस योजना को गति देने के निर्देश दिए हैं. पहले चरण में 5,245 करोड़ रुपए की कमाई रापनि को होगी, ऐसा अनुमान है. बीओटी तत्व पर बूस्टर डोज देने वाले इस योजना के अंतर्गत पहले चरण में 24 बसस्थानकों का विकास करना प्रस्तावित है. इन बस स्थानकों में अत्याध्ाुनिक निर्माण कार्य करते दौरान बची जगह का उपयोग व्यवसायिक संकुल का निर्माण करने के लिए किया जाएगा. इससे महामंडल को 5.40 लाख चौरस मीटर क्षेत्रफल और 1,445 करोड़ रुपए का तैयार निर्माणकार्य मिलेगा तथा 3800 करोड़ रुपए प्रीमियम के स्वरूप में मिलेंगे.
* होगा कायाकल्प
अमरावती बसस्थानक का नई योजना में कायापलट होने की जानकारी है. जिसके अनुसार बस डेपो परिसर की अतिरिक्त जगह निजी कंपनी को देकर उसे विकसित किया जाएगा. फिर विकसित इमारत और साधन बस निगम के सुपुर्द किया जाएगा. साफ है कि, निजी कंपनीयां यात्रियों की सेवा-सुविधा के लिए साधन वहां उपलब्ध कराएगी. जिसमें बढिया रेस्टारेंट, वेटींग हॉल और स्टॉल्स रहेंगे. सूत्रों ने बताया कि, रेल और हवाई अड्डों की तरह सेवा-सुविधा देने का शासन का इरादा है. शीघ्र ही इस बारे में डीपीआर बनेंगे और कंपनी को बनाओ, इस्तेमाल करों और स्थानांतरीत करों, बीओटी आधार पर ठेके मिलेंगे. इससे एसटी निगम को भी इनकम होगी.

* पहले चरण में प्रस्तावित बसस्थानक
स्टार बसें जिन बसस्थानकों में उपलब्ध करायी जाएगी यह भी प्रस्तावित किया गया है. मुंबई में बोरिवली राजेंद्रनगर, मुंबई सेंट्रल, बोरिवली नॅन्सी कॉलनी, कुर्ला, विद्याविहार, ठाणे, भिवंडी, पुणे में शिवाजी नगर, स्वारगेट, पिंपरी चिंचवड, लोणावला, कोल्हापुर, सोलापुर, सांगली, नाशिक में नाशिक महामार्ग, जलगांव सीबीएम, जलगांव शहर, ध्ाुलिया. तथा नागपुर और अमरावती में मोरभवन नागपुर, हिंगणा, अमरावती, अकोला का समावेश है.

* सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी
दस साल पूर्व राज्य सरकार ने बीओटी तत्व पर बस स्थानकों का विकास करने की योजना लायी थी. लेकिन इस योजना को प्रतिसाद नहीं मिला था. इसलिए उस समय की नीति में बदल कर वर्तमान में योजना लागू की जाएगी. इसके लिए जल्द ही प्रकल्प व्यवस्थापन सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी और निविदा मंगायी जाएगी.

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