डॉ. शेखावत की बदौलत देश के रेल्वे नक्शे पर आया अमरावती
रेल सुविधाओं को लेकर हमेशा जागरुक व संघर्षरत रहे डॉ. शेखावत
* कई ट्रेनों को बडनेरा स्टेशन पर दिलवाया स्टॉपेज, कोटा भी बढवाया
* अमरावती रेल्वे स्टेशन के कायाकल्प में रही प्रमुख भूमिका
* अमरावती को 6 नई ट्रेनों की सौगात भी दिलवाई
अमरावती/दि.25- अमरावती मनपा के प्रथम महापौर रहे दिवंगत डॉ. देवीसिंह शेखावत ने पिछले 30 सालों में अमरावती रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने के अलावा बडनेरा में अनेक टे्रनों को स्टॉपेज और यात्रियों की सुविधा के लिए आरक्षण का कोटा दिलवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया रहने से ही, वर्तमान में जिले के नागरिकों को देश के सभी कोने में ट्रेन से जाने की सुविधा उपलब्ध हुई है.
जानकारी के मुताबिक डॉ. देवीसिंह शेखावत मनपा की स्थापना के बाद वर्ष 1991 में महापौर थे और प्रतिभा पाटिल सांसद थी. तब 27 अप्रैल 1991 को डॉ. देवीसिंह शेखावत ने विदर्भ एक्सप्रेस ट्रेन जो सप्ताह में केवल तीन दिन चलती थी, उसे रोजाना चलाने की मांग को लेकर बडनेरा में उस समय विधायक रहे जगदीश गुप्ता, वसंतराव मालधुरे, मनपा के सभी पार्षद और सैकडों व्यापारियों के साथ तीन घंटे तक रेल पटरी पर बैठकर तीव्र आंदोलन किया था. इस आंदोलन के कारण ही विदर्भ एक्सप्रेस ट्रेन रोजाना शुरु की गई थी. उसके बाद जब रासू गवई सांसद थे तब गोंडवाना एक्सप्रेस ट्रेन नागपुर और बिलासपुर चला करती थी. उस समय केंद्रीय रेल मंत्री नीतिश कुमार और राज्यमंत्री राम नाईक थे. उस समय भी डॉ. देवीसिंह शेखावत ने 18 लोगों के साथ दिल्ली पहुंचकर अमरावती जिले के नागरिकों के लिए दिल्ली तक सीधी ट्रेन शुरु करने की मांग उस समय सांसद रही प्रतिभा पाटिल के जरिए की थी. तब 12 दिसंबर 1998 को शरद पवार के जन्मदिन के अवसर पर रेल राज्यमंत्री राम नाईक के साथ रेलभवन में शनिवार रहने के बावजूद बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रतिभा पाटिल, विलास मुक्तेमवार, लता मेघे, डॉ. देवीसिंह शेखावत समेत अमरावती से गए 18 लोगों का प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ था. इस बैठक में गोंडवाना एक्सप्रेस को पश्चिम विदर्भ के नागरिकों की सुविधा के लिए भुसावल से चलाने को मंजूरी दी गई. तब से गोंडवाना एक्सप्रेस बडनेरा से होकर गुजर रही है. यह जिस दिन निर्णय लिया गया उसी दिन बैठक में हावडा व विदर्भ एक्सप्रेस ट्रेन का तृतीय श्रेणी के एसी कोच भी मंजूर किए गए. पहले इन दोनों एक्सप्रेस ट्रेन में प्रथम श्रेणी के एसी कोच ही लगा करते थे.
* अनिल तरडेजा की रही महत्वपूर्ण भूमिका
महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा को रेलवे विभाग का गाढा अनुभव रहने से वे हमेशा डॉ. देवीसिंह शेखावत को रेलवे विभाग की आवश्यक सभी जानकारी देकर जिले की नागरिकों की सुविधा के लिए समय-समय पर रेलवे विभाग से ट्रेनों के स्टॉपेज, नई ट्रेन शुरु करने की मांग के संदर्भ में सूचित किया करते थे. पश्चात डॉ. देवीसिंह शेखावत इसके लिए प्रतिभा पाटिल के माध्यम से प्रयास कर उसकी मंजूरी के लिए अडे रहते थे. इसी कारण अनेक ट्रेन जिले के नागरिकों को उपलब्ध हुई और बडनेरा व अमरावती रेलवे स्टेशन का लगातार विकास होता गया.
* आंदोेलन की चेतावनी के बाद 3 ट्रेनों के स्टॉपेज मिले
अमरावती जिले की सांसद प्रतिभा पाटिल रहते डॉ. देवीसिंह शेखावत ने मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को अनशन पर बैठने की चेतावनी देकर बडनेरा में हापा-हावडा, ओखापुरी और पोरबंदर हावडा एक्सप्रेस को स्टॉपेज दिलवाया था. उस समय महाप्रबंधक अग्रवाल थे. वह इस मांग के लिए तैयार नहीं थे. लेकिन डॉ. देवीसिंह शेखावत अपनी मांग पर अडे रहे थे. तब मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने इन तीनो ट्रेन का स्टॉपेज देने का प्रस्ताव तैयार किया था और डॉ. शेखावत ने इस प्रस्ताव को केंद्र से मंजूरी दिलवाई थी. तब से इन तीनों टे्रन को बडनेरा में स्टॉपेज मिला है.
* अमरावती स्टेशन को भी बचाने में महत्वपूूर्ण योगदान
जानकारी के मुुताबिक वर्ष 1997-98 में अमरावती रेलवे स्टेशन परिसर की जमीन शहर के एक बिल्डर को करोडों रुपए में बेचने की लगभग तैयारी हो चुकी थी और उस समय इस स्टेशन को हमेशा के लिए बंद किया जाने वाला था. लेकिन रेलवे विभाग के इस फैसले को उस समय डॉ. देवीसिंह शेखावत, डॉ. सुनील देशमुख, वसंराव साउरकर, संजय वाघ, किरण पातुरकर के प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली पहुंचकर अथक प्रयासों के बाद रद्द कराया था. सूत्रों के मुताबिक यह दिन 5 नवंबर 1998 था और इसी दिन प्रतिभा पाटिल को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उसके बाद अमरावती रेलवे स्टेशन का विस्तार हुआ.
* प्रतिभा पाटिल के जरिए साधा गया रेल सुविधाओं का विकास
महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा ने बताया कि डॉ. देवीसिंह शेखावत रेलवे विभाग के बारे में हमेशा उनसे जानकारी लिया करते थे और जिले के नागरिकों की सुविधा के लिए प्रतिभा पाटिल के माध्यम से लडा करते थे. दिसंबर 2000 में जब बडनेरा से टिकट के आरक्षण कोटे की समस्या थी तब राजस्थान की राज्यपाल रहते प्रतिभा पाटिल अमरावती दौरे पर थी. तब उन्होंने भुसावल के डीआरएम को अमरावती बुलाकर आरक्षण कोटे की समस्या हल की थी और इसे नागपुर से जोडा गया. इस कारण डॉ. शेखावत का इसमें काफी योगदान रहा है.
* रेल मंत्री लालूप्रसाद यादव रहते मिली थी ट्रेनों की सौगात
वर्ष 2011 में प्रतिभा पाटिल देश की राष्ट्रपति बनी तब उन्होंने डॉ. देवीसिंह शेखावत के माध्यम से अनिल तरडेजा, डॉ. अडवानी, डॉ. अरोरा, एड. अशोक जैन और नवीन चोरडिया को दिल्ली बुलवाया. वहां राष्ट्रपति भवन में उस समय रेल मंत्री रहे लालूप्रसाद यादव और रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर अमरावती को मॉडल स्टेशन करने और यहां से अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन चलाने समेत अन्य ट्रेनों को शुरु करने की मांग की गई थी. तब लालूप्रसाद यादव के निर्देश पर अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन सर्वप्रथम शुरु हुई. यह ट्रेन एक माह तक सप्ताह में तीन दिन पश्चात रोजाना शुरु की गई. उसके बाद अमरावती-सूरत, अमरावती-नागपुर इंटरसिटी, अमरावती-पुणे एक्सप्रेस, अमरावती-तिरुपति एक्सप्रेस ट्रेन शुरु की गई. पश्चात डॉ. देवीसिंह शेखावत के जन्मदिन के अवसर पर लालूप्रसाद यादव ने अमरावती-जबलपुर ट्रेन शुुरु करवाई थी.
* चार रेल मंत्री आकर गए अमरावती
राष्ट्रपति पद पर प्रतिभाताई पाटिल के विराजमान रहते अमरावती रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हुआ था. उस समय केंद्रीय रेल मंत्री लालूप्रसाद यादव थे. उन्हीं के कारण अमरावती से अनेक ट्रेन शुरु हुई. उनके कार्यकाल में लालूप्रसाद यादव के अलावा सुरेश कलमाडी, दिनेश त्रिवेदी भी अमरावती आकर गए. जब अमरावती संसदीय क्षेत्र से प्रतिभा पाटिल सांसद थी तब जाफर शरीफ भी रेल मंत्री के रुप में अमरावती आकर गए थे. लालूप्रसाद यादव ने अमरावती-मुंबई ट्रेन को मिले भारी प्रतिसाद के बाद अमरावती-मुंबई गरीबरथ ट्रेन चलाने का भी आश्वासन दिया था. लेकिन यह सपना अधूरा रह गया.