अमरावती कोर्ट में अब ‘ऑनलाइन’ सुनवाई होगी
जिले के सभी 13 न्यायालयों को दिये आदेश
नागपुर हाईकोर्ट के आदेश पहुंचे अमरावती
अमरावती/दि. 18- कोरोना का प्रसार व संभावित नुकसान टालने के लिए अमरावती जिला व सत्र न्यायालय समेत जिले के सभी 13 कनिष्ठ न्यायालय का कामकाज ‘ऑनलाइन’ करने के आदेश मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने दिये है. यह आदेश अमरावती जिला कोर्ट को प्राप्त हुए है, लेकिन अभी तक ‘ऑनलाइन’ कामकाज कैसे करना इसकी रुपरेखा तय नहीं हुई है. आज दिनभर में यह रुपरेखा तय होगी और संभवत: वीडियो कान्फ्रसिंग की लिंक व्दारा सुनवाई का कामकाज शुरु होगा, इस तरह के संकेत जिला सरकारी वकील परीक्षित गणोरकर ने ‘दै.अमरावती मंडल’ को दिये है. उन्होंने बताया कि पिछले लॉकडाउन में भी सभी दावे ‘ऑनलाइन’ करने के आदेश दिये थे. कोर्ट में वकीलों को एक रुम दी गई थी. वहां से न्यायालयीन कामकाज ‘ऑनलाइन’ चलाने का प्रयास किया था. लेकिन उसके बाद अनलॉक में यह ‘ऑनलाइन’ पध्दति बंद हुई थी. अब कल सोमवार को ही न्यायालयीन कामकाज ‘ऑनलाइन’ करने के आदेश प्राप्त हुए है. जिस पर संभवत: आज दिनभर में नियोजन कर वीडियो कान्फ्रसिंग लिंक तैयार होगी और उसके बाद न्यायालयीन कामकाज यह ‘ऑनलाइन’ होगा.
कोरोना का प्रसार व संभावित नुकसान टालने के लिए यह ‘ऑनलाइन’ पध्दति अमल में लायी गई है. उसके अनुसार जिला व सत्र न्यायालय, दीवाणी न्यायालय, लघुवाद न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, मुख्य न्यायदंडाधिकारी व प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी न्यायालय में अब जल्द ही ‘ऑनलाइन’ कामकाज शुरु किया जाएगा. उसके लिए न्यायालय निहाय अलग-अलग वीडियो कान्फ्रसिंग लिंक मुहैया करायी जाएगी.
शुरुआत में होगी परेशानी
अमरावती के वकीलों को ‘ऑनलाइन’ न्यायालयीन कामकाज करने की आदत नहीं रहने के कारण शुरुआत में इस काम में दिक्कतें आयेगी. इसके साथ ही सबके पास स्मार्ट मोबाइल होना, मोबाइल नेटवर्क होना यह भी जरुरी है. जिससे ‘ऑनलाइन’ कामकाज में शुरुआत में बाधाएं तो आयेगी. पहले लॉकडाउन में भी अमरावती न्यायालय में दावे ऑनलाइन दाखल करने का प्रकार हो चुका है, लेकिन आदत पडने के बाद वकीलों को भी आसानी होगी.
– एड. परीक्षित गणोरकर
जिला सरकारी वकील, अमरावती
लोअर कोर्ट में यह संभव नहीं है
हाईकोर्ट में ‘ऑनलाइन’ सुनवाई ठिक है, लेकिन लोअर कोर्ट में यह संभव नहीं है. उसी में गवाहों के बयान दर्ज कराना तो बिल्कुल ही संभव नहीं है. क्योंकि गवाह को पहले उसकी गवाही किस केस में है यह बताया जाता है, उसके पास स्मार्ट मोबाइल होना भी जरुरी है. सरकारी वकील, आरोपियों के वकीलों से इस प्रक्रिया में गवाह दूर रहेंगे, इस कारण ऑनलाइन गवाही दर्ज करना तो असंभव है, हां… आरग्युमेंट और हेअरिंग ‘ऑनलाइन’ ठिक है.
– एड. प्रशांत देशपांडे, जिला वकील संघ सदस्य, अमरावती
नागपुर में पहले ही दिन उडी धांधली
नागपुर जिला व सत्र न्यायालय तथा अन्य कनिष्ठ न्यायालय के ‘ऑनलाइन’ कामकाज के कल पहले ही दिन अनेक वकीलों की धांधली हुई. कुछ को वीडियो कान्फ्रसिंग की लिंक व्दारा सुनवाई में सहभाग नहीं लेते आया. जो सहभागी हो पाये उनमें से अधिकांश को आगे क्या करना है, यह नहीं सुझा, इसके अलावा वकीलों को नेट कनेक्शन टूटना, आवाज में खरखर आना, वीडियो एरर आदि विविध तकनीकी समस्याओं का सामना करना पडा.