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भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है अमरावती फसल मंडी

शेतकरी संघर्ष समिति ने लगाया आरोप

* जिला उपनिबंधक से भ्रष्टाचार की तुरंत जांच करने की मांग की
अमरावती /दि. 27– प्रति वर्ष करीब 1500 करोड रुपयों का आर्थिक लेनदेन करनेवाली अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सरकारी एवं किसानों की निधि का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है. साथ ही ठेका, निविदा, कबाड बिक्री, रद्दी बिक्री, मातेरा बिक्री, सुरक्षा व ठेका कर्मियों की पुनर्नियुक्ति व किसानों के नाम पर आयोजित किए जानेवाले राजनीतिक सम्मेलनों सहित गलत तरिके से आवंटित किए जानेवाले परवाने की आड लेकर करोडों रुपए का भ्रष्टाचार व अपहार किया गया है. जिसके चलते पूरे मामले की जांच करते हुए दोषी पाए जानेवाले संबंधितों के खिलाफ तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाए, इस आशय की मांग का पत्र शेतकरी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रकाश साबले व सचिव शेखर औगड द्वारा जिला उपनिबंधक सहकारी संस्था को सौंपा गया है.
इस पत्र में शेतकरी संघर्ष समिति द्वारा जिला उपनिबंधक को बताया गया है कि, कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सरकारी एवं किसानों की निधि के जरिए किए जानेवाले विभिन्न तरह के कामों हेतु सरकार की ओर से स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए गए है. जिनका कडाई के साथ पालन किया जाने बेहद जरुरी है. परंतु अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति में अक्सर ही ऐसे दिशानिर्देशों तथा नियमों व शर्तों का खुलेआम धडल्ले के साथ उल्लंघन किया जाता है. यह बात जिला उपनिबंधक कार्यालय द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में भी साबित हुई है. जिसके चलते जांच में दोषी पाए गए संबंधितो के खिलाफ त्वरीत फौजदारी स्वरुप के अपराध दर्ज करना जरुरी है और ऐसा नहीं करने पर संबंधित दोषियों को कहीं न कहीं अभय प्राप्त हो रहा है. अत: जिला उपनिबंधक कार्यालय द्वारा संबंधितों के खिलाफ 15 दिन के भीतर ठोस कदम उठाते हुए कडी कार्रवाई की जाए.

* अमरावती फसल मंडी में बडे पैमाने पर निधि का अपहार व भ्रष्टाचार होने की बात सामने आई है. ऐसे में बाजार समिति के संचालक मंडल को बर्खाश्त करने के साथ ही संबंधितो से अपहार की रकम वसूल करने एवं उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग शेतकरी संघर्ष समिति द्वारा उठाई जा रही है और अपनी इस मांग पर पूरा जोर देते हुए शेतकरी संघर्ष समिति द्वारा कठोर भूमिका अपनाई जाएगी.
– शेखर औगड,
सचिव, जिला शेतकरी संघर्ष समिति.

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