अमरावती/ दि.13– आसमानी व सुलतानी खतरे के चलते किसान मौत को गले लगा रहे है. इसके लिए शासन, प्रशासन के प्रयास भी फिके पड रहे है. राज्य में किसान आत्महत्या के मामले में राज्य के 14 जिलों में अमरावती जिला किसान आत्महत्या में सबसे आगे है. वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा 356 किसानों ने अमरावती जिले में आत्महत्या की है.
* निजी साहुकारों का कर्ज
कृषि प्रधान जिले में कभी बारिश की कमी और अब ज्यादा बारिश के चलते खरीफ समेत रबी की फसलें किसान के हाथ से जाने की संभावना है. प्राकृतिक विपदा, फसल न होने के कारण बडे बैंक के साथ निजी साहुकारों के कर्ज के कारण किसानों के हाथ लगी निराशा और बेटे, बेटियों की पढाई, उनका विवाह कैसे करे, ऐसे चिंता में फंसकर मौत को किसानों ने गले लगाया, यह हकिकत है.
यह है मौत के कारण
किसान आत्महत्या केवल कर्जबाजारी के कारण ही नहीं है, बल्कि विभिन्न प्रकार की बीमारी, पारिवारिक विवाद, नशे की लत, बेरोजगारी, गरीबी, आदि बाते भी जिम्मेदार होने की बात परिक्षण में उजागर हुई है. किसानों को रहने वाली योजना जरुरतमंद किसानों को नहीं मिलती और किसान आत्महत्या न हो इसके लिए दिखावे की मलमपट्टी न करते हुए स्थायी तौर पर उपाय योजना करना महत्वपूर्ण है.