अमरावती/दि.15 – समूचे संभाग में घुसखोरी संबंधित मामलों में अमरावती जिला सबसे अव्वल स्थान पर है. वहीं दूसरे स्थान पर अकोला जिला है. बता दें कि, विगत आठ माह के दौरान अमरावती संभाग में एन्टीकरप्शन ब्यूरो द्वारा 63 कार्रवाईयां करते हुए 86 रिश्वतखोरों को पकडा गया है. उसमें से अमरावती जिले में 18 तथा अकोला जिले में 13 कार्रवाईयां हुई. वहीं जारी माह में मात्र 11 दिनों के भीतर समूचे संभाग में एसीबी द्वारा 11 कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया. जिसमें अकेले अमरावती जिले में 6 कार्रवाईयां की गई. इससे यह स्पष्ट है कि इन दिनों अमरावती जिले में घुसखोरी की प्रवृत्ति लगातार बढती जा रही है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, समूचे राज्य में कोरोना काल के दौरान लगभग सभी सरकारी कार्यालय एवं विभाग बंद थे तथा केवल स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, स्थानीय प्रशासन व पुलिस महकमे द्वारा ही काम किया जा रहा था. किंतु बावजूद इसके लगभग सभी विभागों में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे थे और कोरोना काल के दौरान भी एसीबी की धडाकेबाज कार्रवाई शुरू थी.
अमरावती संभाग में जारी वर्ष के दौरान 1 जनवरी से 14 सितंबर के दौरान अमरावती जिले में सर्वाधिक 18 कार्रवाईया करते हुए 22 रिश्वतखोरों को पकडा गया. वहीं अकोला जिले में हुई 13 कार्रवाईयों में 17 रिश्वतखोर एसीबी के हत्थे चढे. इसके अलावा यवतमाल जिले में 11 ट्रैप में 20, बुलडाणा जिले में 11 ट्रैप में 14 तथा वाशिम जिले में 10 ट्रैप में 13 रिश्वतखोर धरे गये.
वर्ग 1 से वर्ग 3 के 67 लोग फंसे
संभाग में एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई में वर्ग 1 से वर्ग 3 के कुल 67 अधिकारियों-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकडा गया. जिनमें वर्ग 1 के 8 व वर्ग 2 के 7 अधिकारियों सहित वर्ग 3 के 52 कर्मचारियों का समावेश रहा. इसके अलावा एसीबी ने घुसखोरी के मामलों में 4 लोकसेवकों सहित 14 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.
घुसखोरी में पुलिस एवं राजस्व महकमा सबसे आगे
एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई के आंकडों को देखकर पता चलता है कि, संभाग में घुसखोरी के मामले में पुलिस एवं राजस्व महकमा सबसे आगे है. अमरावती संभाग में जारी वर्ष के दौरान 18 पुलिस कर्मचारियोें तथा राजस्व महकमे के 14 व पंचायत समिती के 7 कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकडा गया. इसके अलावा कृषि, समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग, मनपा, भुमि अभिलेख, वन विभाग, आरटीओ, जिला परिषद, पंजीयन विभाग, पंचायत समिती, नगर परिषद तथा अन्न व नागरी आपूर्ति आदि विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी रिश्वत स्वीकारने के मामले में धरे गये है.