राष्ट्रीय पोषाहार योजना के अमल में अमरावती जिला राज्य में दूसरे स्थान पर
जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने दी जानकारी
अमरावती/दि.2 – राष्ट्रीय पोषणआहार योजना अंतर्गत महाराष्ट्र समूचे देश में सबसे अग्र स्थान पर है. वहीं इस योजना के क्रियान्वयन में अमरावती जिले ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है. इस आशय की जानकारी राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा दी गई है. दि गई जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा समूचे देश में सितंबर माह के दौरान राष्ट्रीय पोषण आहार महिना उपक्रम चलाया जाता है. इस महिने में महिला व बालकल्याण विभाग तथा आरोग्य विभाग के माध्यम से विविध उपक्रम चलाते हुए प्रत्येक बच्चे को सुदृढ करने हेतु विविध कार्यक्रम आयोजीत किये जाते है. इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन को लेकर समूचे देश में महाराष्ट्र सबसे अव्वल स्थान पर है. वहीं अमरावती जिला समूचे राज्य में दूसरे स्थान पर है. इसके तहत महिला व बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने खुद विभिन्न स्थानों पर भेंट देते हुए अंगणवाडी सेविकाओं व पालकों से संवाद साधते हुए पोषण आहार उपक्रम को गतिमान किया और अंगणवाडियों के विकास हेतु कई निर्णयों को कार्यान्वित किया. साथ ही प्रशासन को भी इन उपक्रमों के बारे में सतत प्रोत्साहन दिया. इस उपक्रम के तहत समूचे जिले में आशावर्कर व अंगणवाडी सेविका के माध्यम से गांवस्तर पर बडे पैमाने पर जनजागृति की गई और स्वास्थ्य विभाग के मार्फत टीकाकरण को गतिमान किया गया. साथ ही गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में मार्गदर्शन करते हुए अंगणवाडी परिसर में शेवगा व फल वृक्षों का वृक्षारोपण करने, सकस आहार का महत्व समझाने हेतु विविध पाककृति स्पर्धा का आयोजन करने व योग शास्त्र के प्रशिक्षण जैसे उपक्रम भी शुरू किये गये. जिसके चलते समूचे राज्य में अमरावती जिला दूसरे स्थान पर रहा.
इस जानकारी के साथ ही जिप के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलाश घोडके ने भविष्य में भी इस उपक्रम को सातत्यपूर्ण ढंग से चलाने हेतु आवश्यक नियोजन किये जाने की जानकारी दी है.
हर जगह पर सातत्यपूर्ण उपक्रम चलाये
इस संदर्भ में राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु पोषण आहार सबसे महत्वपूर्ण है और भविष्य में भी यह उपक्रम सभी गांव-खेडों में सातत्यपूर्ण ढंग से चलाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि, केवल पोषण आहार माह की स्पर्धा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे सालभर जिम्मेदारीपूर्ण ढंग से काम करते हुए कुपोषण को खत्म करने का नियोजन किया जाये.