नकली माल का सप्लाय हब बन रही अमरावती
इस बार नकली डिटर्जंट के गोदाम पर पडा छापा
* ढाई लाख रुपए का नकली डिटर्जंट हुआ जब्त
* फिलहाल केवल सप्लायर ही आया हाथ में
* नकली डिटर्जंट बनाने वाली की चल रही तलाश
अमरावती/दि.22 – दो दिन पहले नागपुरी गेट पुलिस ने लालखडी परिसर के हयात नगर स्थित एक मकान पर छापा मारकर नकली डिटर्जंट की बडी खेप को बरामद किया था. जहां पर दो लोगों को ब्रांडेड कंपनियों की पैकींग में नकली डिटर्जंट भरकर बेचने के आरोप में पकडा गया था. इस कार्रवाई के दौरान रिन, व्हिल व सर्फ जैसी ब्रांडेड कंपनियों के खाली पैकेट व रैपर भी बरामद किये गये थे. जिन में नकली डिटर्जंट भरकर बेचा जाता था. इस कार्रवाई के चलते इस बार फिर यह तथ्य उजागर हुआ है कि, अमरावती धीरे-धीरे ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली माल बेचने व सप्लाय करने का हब बनती जा रही है. इसस पहले अमरावती में ब्रांडेड कंपनियों की बोतल में निकली शराब बेचने का मामला भी उजागर हुआ था. वहीं नकली इनो की खेप भी पकडी गई थी. साथ ही साथ बिजीलैंड में ब्रांडेड कंपनी का लेबल लगाकर कपडे उत्पादित करने वाले कारखाने पर भी कार्रवाई हुई थी.
बता दें कि, दो दिन पूर्व मुंबई स्थित आईपीआर कंपनी के अधिकारी विजय उत्तम पवार द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर नागपुरी गेट पुलिस के दल ने हयात नगर स्थित एक घर पर छापा मारा. जहां पर दो लोगों द्वारा किराये का कमरा लेकर डिटर्जंट व साबून की खेप रखी गई थी. इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने समीर बेग जसीम बेग (27) तथा उजेब खान रउफ खान (23, दोनों लालखडी रिंगरोड निवासी) से इस माल के बारे में पूछताछ की. तो दोनों लोगों ने बताया कि, उन्होंने यह माल सप्लाय करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति से लाया है. इस समय आईपीआर कंपनी के अधिकारी द्वारा की गई जांच पडताल में पाया गया कि, सर्फएक्सल, रिन साबून व व्हिल पॉउडर जैसी नामांकित व ब्रांडेड कंपनियों के पैकेट में भरा हुआ डिटर्जंट पूरी तरह से नकली है और ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली माल की सप्लाय का काम चल रहा है. जिसके बाद पुलिस ने 2 लाख 85 हजार 455 रुपए मूल्य के इस नकली माल सहित सिल्वर रंग की मारोतीी ओमनी वैन क्रमांक एमएच-29/आर-5275 को भी जब्त कर लिया तथा दोनों आरोपियों से पूछताछ करनी शुरु की.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इस पूछताछ में यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आयी कि, पकडे गये दोनों लोग इस नकली डिटर्जंट की सप्लाय करने का ही काम किया करते थे. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर इस नकली डिटर्जंट को बनाने का कारखाना कहां पर है और किस व्यक्ति द्वारा नकली डिटर्जंट बनाने का काम किया जा रहा है. साथ ही यह देखे जाने की भी सख्त जरुरत है कि, आखिर यह नकली डिटर्जंट अमरावती के अलावा और किन-किन शहरों मेें बेचा जाता है.
* गरीब एवं पिछडे इलाकों में होती है धडल्ले से विक्री
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर कई तरह के नकली उत्पाद गरीब एवं पिछडे इलाकों की बस्तियों में स्थित दुकानों के जरिए खपाये जाते है. ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगबाग बहुत अधिक पढे-लिखे नहीं होते. साथ ही उत्पादों की जानकारी को लेकर बहुत ज्यादा जागरुक भी नहीं रहते. ऐसे में इस तरह के इलाकों में ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली उत्पादों को खपाना काफी हद तक आसान हो जाता है. जिसके चलते कई बार ब्रांडेड कंपनियों के पैकेट व रैपर में भी नकली उत्पाद भरकर बेचे जाते हैं. वहीं कई बार हूबहू ब्रांडेड कंपनी की तरह दिखने वाले नाम व पैकिंग का सहारा लिया जाता है. साथ ही ऐसे नकली उत्पादों को असल उत्पाद की तुलना में कुछ हद तक सस्ते दामों पर बेचा जाता है और सस्ते की लालच में लोगबाग ऐसे उत्पादों को खरीदते भी है.
* इससे पहले भी कई बार पकडी जा चुकी है नकली उत्पादों की खेप
ज्ञात रहे कि, अमरावती शहर सहित जिले में इससे पहले भी कई बार नकली उत्पादों की खेप पकडे जाने के मामले उजागर हो चुके है. हालांकि उनमें आगे चलकर क्या हुआ, यह कभी पता नहीं चला. याद दिला दें कि, कोविड काल के दौरान लगाई गई नाकाबंदी के समय गाडगे नगर पुलिस ने एक कार से नकली शराब की खेप बरामद की थी. जिसके बाद की गई जांच पडताल के चलते रामपुरी कैम्प परिसर में चलने वाला नकली शराब का कारखाना भी उजागर हुआ था. जहां पर रासायनिक रंगों और कुछ तरह के केमिकलों का इस्तेमाल करते हुए महज 20-30 रुपए की लागत में हूबहू एक ब्रांडेड कंपनी की शराब की तरह दिखाई देने वाली नकली शराब बनाई जाती थी. जिसे उसी कंपनी की खाली बोतलों में भरकर शहर के होटलों व ढाबों में विक्री हेतु सप्लाय किया जाता था. उस समय इस मामले को लेकर जमकर हंगामा मचा था. लेकिन आगे चलकर पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की गई, यह कभी सामने नहीं आया. इसी तरह विलास नगर परिसर स्थित एक दूकान से एसिडीटी हेतु प्रयुक्त होने वाली इनो नामक दवाई की भी नकली खेप बरामद हुई थी. जिसमें पता चला था कि, नकली इनो की यह खेप पूरे जिले भर में बेचने हेतु भेजी जाती थी. उस नकली खेप को बरामद करने के बाद आगे अन्न व औषध प्रशासन द्वारा क्या किया गया. यह कभी सामने नहीं आया. इसके अलावा विदेशी ब्रांड वाली नकली सिगरेट की तस्करी का मामला भी इससे पहले अमरावती में उजागर हो चुका है. साथ ही साथ हूबहू ब्रांडेड कंपनियों के उत्पादों की तरह दिखने वाले सौंदर्य प्रसाधनों की विक्री के मामले भी यदाकदा सामने आते रहते है. वहीं अब ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर नकली डिटर्जंट की सप्लाय का मामला उजागर हुआ है. परंतु अब भी यह पता लगना बाकी है कि, आखिर नकली डिटर्जंट की यह खेप कहा से तैयार होकर आ रही थी और इसका कारखाना कहां पर स्थित है.