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अमरावती लोकसभा इतिहास 1991

राम मंदिर की लहर के बावजूद कांग्रेस ने बचाई थी अमरावती की सीट

* प्रतिभा पाटिल बनी थी पहली बार सांसद
* सन 1991 में 24 उमीदवार खडे थे चुनाव में
अमरावती/दि. 18 – कांग्रेस विरोधी लहर में 1989 में वी.पी. सिंग की सरकार बनी थी लेकिन व ज्यादा दिन नहीं चली. तद्पश्चात चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी भी सरकार ज्यादा समय तक नहीं चली और 1991 में फिर लोकसभा चुनाव हुए. इस चुनाव में भी राम मंदिर का मुद्दा छाया हुआ था. इसके बावजूद अमरावती संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की उमीदवारी पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरी प्रतिभा पाटिल चुनाव जीत गई थी. उन्होंने भाजपा-शिवसेना गठबंधन के उमीदवार प्रकाश पाटिल भारसाकले को 55 हजार 481 मतो से पराजित किया था. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी के सुदाम देशमुख 92 हजार 48 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे.
वर्ष 1989 में कांग्रेस विरोधी लहर ने विश्वनाथ प्रताप सिंग प्रधानमंत्री बने थे. कांग्रेस को दूर रखने के लिए त्रिशंकू लोकसभा की चुनाव के दौरान मंडल कमिशन, पिछडे वर्गो को 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा वी. पी. सिंग ने की थी और भाजपा व वामदलों के समर्थन की बैसाखी के सहारे वी. पी. सिंग प्रधानमंत्री बने थे. तब लालकृष्ण आडवानी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर रथ यात्रा शुरु की. इस रथ यात्रा को उस समय बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालुप्रसाद यादव ने रोक दिया था. तब राजनीतिक खिंचतान में भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया था और वी. पी. सिंग की सरकार गिर गई थी. तब चंद्रशेखर ने कांग्रेस समर्थन में 16 महिने की सरकार चलाई. तब उन पर राजीव गांधी की जासूसी का आरोप लगा और सरकार गिर गई. 1991 में लोकसभा चुनाव हुए. मंदिर और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने का मुद्दा इस चुनाव में रहा. राम जन्मभूमि की लहर इस चुनाव में थी. तब महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन हुआ और अमरावती संसदीय क्षेत्र से शिवसेना उमीदवार प्रकाश पाटिल भारसाकले चुनाव मैदान में उतरे. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने उषाताई चौधरी की जगह प्रतिभा पाटिल को उमीदवारी दी. 1989 में निर्वाचित हुए सुदाम देशमुख इस चुनाव में भी कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से उमीदवार थे. चुनाव में कुल 24 उमीदवार मैदान में थे. पहले चरण के चुनाव में कांग्रेस विरोधी लहर जारी रहते राम मंदिर निर्माण का मुद्दा छाया हुआ था. लेकिन दूसरे चरण के चुनाव के दौरान पेरुंबतूर चुनाव प्रचार के दौरान राजीव गांधी की हत्या हो गई. तब कुछ दिनों तक चुनाव स्थगित रहा और पश्चात हुए चुनाव में कांग्रेस की लहर चली. इस चुनाव में राम मंदिर की लहर के बावजूद कांग्रेस ने अमरावती सीट बचाई और प्रतिभा पाटिल 1 लाख 77 हजार 265 वोट लेकर निर्वाचित हुई. इस चुनाव में पहली बार शिवसेना की तरफ से मैदान में उतरे प्रकाश पाटिल भारसाकले ने 1 लाख 31 हजार 784 वोट हासिल किए. वहीं 1989 के चुनाव में एकतरफा जीतनेवाले कम्युनिस्ट पार्टी के सुदाम देशमुख 92 हजार 48 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 244 सीटें प्राप्त हुई थी और नरसिंहराव देश के 10 वें प्रधानमंत्री बने थे. उन्होंने मनमोहन सिंह के साथ चलते हुए पांच साल पूर्ण सरकार चलाई थी. लेकिन यहीं से राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भाजपा देश में उभरकर सामने आई और उनके वोट बढे. साथ ही महाराष्ट्र में भी बालासाहब ठाकरे के नेतृत्ववाली शिवसेना पार्टी भी तेजी से आगे बढी.

* यह थे 24 उमीदवार
1991 के लोकसभा चुनाव में अमरावती संसदीय क्षेत्र में कुल 9 लाख 39 हजार 907 मतदाता थे. इनमें से 4 लाख 25 हजार 509 मतदाताओं ने मतदान किया. चुनाव में कुल 24 उमीदवार थे. इनमें कांग्रेस की प्रतिभा पाटिल, शिवसेना के प्रकाश पाटिल भारसाकले, कम्युनिस्ट पार्टी के सुदाम देशमुख, बसपा के महादेवराव कलसकर, जनता पार्टी के सुरेंद्र भुयार, भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के अमीर खान हमीद खान, निर्दलीय दिलीप भीमराव वाटाणे, नामदेव चोरपगार, शंभुदयाल बाबुलाल श्रीवास, बाबाराव देवराव चोरपगार, मोतीरामजी कोल्हे, दिलीप महादेव डांगे, दशरथ श्रावण नंदेश्वर, ओमप्रकाश भोजराज उत्तराधी, गोपाल नंदलाल उपाध्याय, प्रदीप भीमराव ढेमरे, जयंतराव पुरुषोत्तम कदरे, भाऊसाहेब नागले, विजय किसनराव पाटिल, एस. के. खंडारे, आर. डी. सरदार, महादेवराव वणवे, सुभाषचंद्र साहू, नामदेव कालमेघ, दशरथ श्रावण नंदेश्वर का समावेश था.

* उमीदवारों को चुनाव में मिले वोट
उमीदवार                             पार्टी                    वोट
प्रतिभा पाटिल                      कांग्रेस                177265
प्रकाश पाटिल भारसाकले       शिवसेना             121784
सुदाम देशमुख                      कम्युनिस्ट पार्टी  92048
दिलीप वाटाणे                       निर्दलीय             6165
महादेवराव कलसकर              बसपा                4056
नामदेव चोरपगार                   निर्दलीय            1860
सुरेंद्र भुयार                            जनता पार्टी       1588
शंभुदयाल श्रीवास                    निर्दलीय           1539
अमीर खान हमीद खान             बीआरपी          1467
बाबाराव देवराव चोरपगार          निर्दलीय          1313
मोतीराम कोल्हे                        निर्दलीय          1188
दिलीप महादेव डांगे                   निर्दलीय          1087
दशरथ श्रावण नंदेश्वर                 निर्दलीय          1080
ओमप्रकाश भोजराज उत्तराधी       निर्दलीय         992
गोपाल नंदलाल उपाध्याय            निर्दलीय         901
प्रदीप भीमराव ढेमरे                    निर्दलीय          787
जयंतराव कदरे                           निर्दलीय          785
भाऊसाहेब नागले                        निर्दलीय          643
विजय किसनराव पाटिल              निर्दलीय          566
एस. टी. खंडारे                             निर्दलीय          565
आर. डी. सरदार                           निर्दलीय          414
महादेवराव वणवे                         दूरदर्शी पार्टी      281
सुभाषचंद्र साहू                            निर्दलीय           240
नामदेव कालमेघ                         निर्दलीय           191

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