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अमरावती मंडल ने किया जलपात्र ले जाने का आवाहन

1100 से अधिक पंछी प्रेमियों को नि:शुल्क वितरण

* गणमान्य भी आए मंडल कार्यालय, उपक्रम की जी भर सराहना
अमरावती/दि.3- पश्चिम विदर्भ के अग्रणी हिंदी दैनिक अमरावती मंडल के जलपात्र वितरण उपक्रम को न केवल शानदार प्रतिसाद मिला अपितु संपादक अनिल अग्रवाल की कल्पना की सभी सराहना भी कर रहे हैं. अब तक 1100 से अधिक जलपात्र का वितरण किया जा चुका है. उसी प्रकार अमरावती मंडल प्रबंधन ने पंछी प्रेमियों से शीघ्र शुरु हो रही भीषण गर्मी को देखते हुए जलपात्र ले जाने की अपील भी दोहराई है. खापर्डे बगीचा स्थित अमरावती मंडल के कार्यालय में आकर जलपात्र सभी ले जा सकते हैं.
*अब पडेगी भयंकर गर्मी
इस बार मौसम में थोडा परिवर्तन हुआ और मार्च माह में अधिक तेज धूप नहीं नजर आई. किंतु मौसम विभाग ने अप्रैल से लेकर जून तक भयंकर गर्मी का अंदेशा व्यक्त किया है. जिससे पंछियों को भी जल की आवश्यकता अधिक होगी. प्यास के मारे छोटे पक्षियों का हाल बुरा हो जाता है. वे प्यास से बेहाल होकर यहां-वहां भटकते हैं. इसीलिए संपादक अनिल अग्रवाल ने गत 3 वर्षो से जलपात्र वितरण अभियान छेड रखा है. 2 हजार से अधिक पात्र वितरित किए जाने है. इस कडी में सोशल मीडिया पर आवाहन किया गया. जिसे जन-जन ने उत्तम रिस्पाँस दिया. कई बच्चे अपने माता-पिता को लेकर अमरावती मंडल कार्यालय आए और पक्षियों की खातिर जलपात्र खुशी-खुशी ले गए.
* उपयोगी है जलपात्र
बेहतर गुणवत्तापूर्ण जलपात्र नि:शुल्क है. जिसमें मजबूती है. रस्सी भी अच्छी है जिससे घर की मुंडेर पर रखने के अलावा खूंटी अथवा तार अथवा किसी अन्य वस्तु से लटकाए रखा जा सकता है. पंछी लटके हुए जलपात्र पर आकर आसानी से पानी पी सकते है. निरिह पंछियों को जलपात्र से राहत मिलेगी.
* सभी वर्गो के लोग आए
अब तक 1100 से अधिक लोग जलपात्र ले गए हैं. उनमें सभी आयु और वर्ग के लोग शामिल है. पुलिस अधिकारियों ने भी मंडल की पहल की सराहना करते हुए अपने दफ्तारों के बाहर पंछियों के लिए दाना-पानी हेतु जलपात्र अमरावती मंडल कार्यालय से बुलवाए है. उसी प्रकार कई माता-पिता अपने बच्चों के आग्रह पर जलपात्र ले गए है. निश्चित ही इन बच्चों में प्राणीमात्र के प्रति दयाभाव विकसित और सुलभ होगा.
* तापमान चढा, 40 डिग्री पार
बता दें कि अप्रैल मास आरंभ होते ही गर्मी असर बता रही है. अमरावती और पास पडोस के जिलों में पारा 40 डिग्री को क्रॉस कर गया है. जिससे माना जा रहा है कि, पंछियों के जलपात्र की अब नितांत आवश्यकता है. जलपात्र घर की छत पर अथवा बाल्कनी में भी रखे जा सकते है. पानी रोज बदल दे तो बेहतर रहेगा. पंछियों की प्यास बुझाना हमारा कर्तव्य है. सृष्टि भी इसी से बचती और संवरती है.

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