पांच वर्ष में भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई अमरावती मनपा
नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत का कथन
* सत्ताधारी दल भाजपा पर लगाये बेहद संगीन आरोप
* शहर का विकास पूरी तरह से अवरूध्द होने की बात कही
* बोले : स्मार्ट सिटी व विकास का सपना दिखाकर शहर को कर दिया भकास
अमरावती/दि.15- पांच वर्ष पहले भारतीय जनता पार्टी ने शहरवासियों को विकास के बडे-बडे सपने दिखाये थे और शहर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था. उस समय राज्य में भाजपा की सत्ता थी और आज भी केंद्र मेें भाजपा की ही सत्ता है. साथ ही भाजपा को उस चुनाव में भारी बहुमत भी मिला था तथा पहली बार किसी दल के एकमुश्त 45 सदस्य चुनकर आये थे. किंतु स्थानीय स्तर पर भाजपा के मनपा पदाधिकारी केवल व्यक्तिगत हितों को साधने में ही रह गये और गली से लेकर दिल्ली तक सत्ता रहने के बावजूद वे इसका अमरावती शहर को कोई फायदा नहीं दिला पाये. इन पांच वर्षों के दौरान भाजपा ने अमरावती महानगर पालिका को भ्रष्टाचार का गढ बनाकर रख दिया है और आज संभागीय मुख्यालय रहनेवाले अमरावती शहर की हालत किसी ग्राम पंचायत क्षेत्र से भी ज्यादा बदतर है, क्योंकि नियोजनशून्य व अनुभवहीन रहनेवाले भाजपा नेताओं ने पूरे शहर को भकास बनाकर रख दिया है. इस आशय के आरोप मनपा के नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत ने लगाये.
बता दें कि, बहुत जल्द अमरावती महानगरपालिका के आगामी आम चुनाव होनेवाले है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने स्तर पर चुनाव लडने की तैयारी की जा रही है. साथ ही मनपा के मौजूदा सदन व सत्ता पक्ष द्वारा अपने कार्यकाल में किये गये कामों की समीक्षा करना भी लाजमी है. इसी श्रृंखला के तहत दैनिक अमरावती मंडल द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं, शहराध्यक्षों व मनपा पदाधिकारियों से चर्चा करनी शुरू की गई है. इसी श्रृंखला के तहत आज दैनिक अमरावती मंडल ने मनपा के नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत से प्रत्यक्ष बातचीत की. इस साक्षात्कार में शेखावत ने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही कहा कि, आज यदि अमरावती शहरवासियों को आवारा कुत्तों की समस्या को हल करने सहित मुलभूत सुविधाओें के लिए मनपा मुख्यालय पहुंचकर आंदोलन करना पड रहा है, तो इससे बडी शर्म की बात मनपा के मौजूदा सत्ता पक्ष के लिए नहीं हो सकती.
* पांच साल के दौरान कोई एक ढंग का विकास काम गिनवा दो
नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने इस साक्षात्कार के दौरान लगभग चुनौती देनेवाले अंदाज में कहा कि, विगत पांच वर्ष के दौरान यदि भाजपा ने मनपा की सत्ता में रहते समय कोई एक ढंग का विकास कार्य किया हो, तो उसे सामने रखा जाये. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, विगत पांच वर्ष के दौरान भाजपा के मनपा पदाधिकारी अपने बडे नेताओं की जी-हुजूरी में ही रह गये और अपने व्यक्तिगत हितों को साधने के चक्कर में नागरिकों के हितों व मुलभूत सुविधाओें की पूरी तरह से अनदेखी की गई. इन पांच वर्षों के दौरान भाजपा द्वारा शहर में हॉकर्स पॉलीसी तक नहीं बनायी जा सकी. इसकी वजह से शहर के हॉकर्स सहित आम व्यापारियों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. हॉकर्स को लेकर कोई नीति ही नहीं रहने की वजह से शहर में जहां-तहां बडी बेतरतीबी के साथ हॉकर्स खडे दिखाई देते है. जिनसे आम नागरिकों की आवाजाही के साथ-साथ व्यापारियों को काफी तकलीफों का सामना करना पडता है. किंतु मनपा के सत्ता पक्ष का मानो इससे कोई लेना-देना नहीं है. इसी तरह विगत पांच वर्षों के दौरान अमरावती मनपा में रेस्क्यू वैन घोटाला व शौचालय घोटाला भी उजागर हुए. इसके तहत महज 50 से 60 लाख रूपये मूल्यवाले वाहनों को मल्टीयूटीलीटी वैन बताकर 2 करोड 26 लाख रूपये में खरीदा गया. वहीं बिना शौचालय बनाये ही करीब ढाई करोड रूपये के बिल शौचालय निर्माण के नाम पर जारी कर दिये गये. यह सीधे-सीधे आम जनता द्वारा टैक्स के तौर पर जमा कराये गये पैसों पर डाका है.
* जवाब देने की हिम्मत नहीं थी, तो आमसभा छोडकर भागे
इस बातचीत के दौरान मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने यह भी कहा कि, इस समय मनपा का सत्ता पक्ष चौतरफा सवालों के घेरे में है. जहां एक ओर अमरावतीवासियों से महानगर पालिका स्तर का टैक्स वसूला जा रहा है, वहीं इसकी ऐवज में उन्हेें ग्राम पंचायत स्तर की सुविधाएं भी नहीं दी जा रही. साथ ही आम नागरिकों पर तो टैक्स का बोझ बढाया जा रहा है, किंतु मनपा के व्यापारिक संकुलों का किराया बढाने से सत्ता पक्ष लगातार कन्नी काट रहा है. साथ ही सत्ता पक्ष की प्रशासन पर कोई पकड नहीं है. जिसकी वजह से टैक्स वसूली का काम भी ढंग से नहीं हो रहा और मनपा को तमाम तरह की आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर जो थोडा-बहुत पैसा मनपा की तिजोरी में आ रहा है, उन पैसों में भी घोटाला किया जा रहा है. यहीं वजह है कि, मनपा के सत्ता पक्ष द्वारा पिछली छह आमसभाओं में कामकाज नहीं चलने दिया गया और सवालों का जवाब देने से बचने हेतु खुद सत्ता पक्ष ने हंगामा मचाकर आमसभा स्थगित करवा दी. साथ ही राष्ट्रगीत की आड लेकर सत्ता पक्ष के पदाधिकारी आमसभा से भाग निकले. इस समय शेखावत ने अमरावती मनपा में उलटी गंगा बहने की बात कहते हुए कहा कि, अमूमन विपक्ष द्वारा कामकाज में गतिरोध पैदा करने की वजह से सदन की कार्रवाई स्थगित होती है. किंतु अमरावती मनपा में विपक्ष द्वारा कामकाज जारी रखने और अलग-अलग विषयों पर चर्चा कराने की मांग की जा रही थी. वहीं सत्ता पक्ष चर्चा से बचने हेतु आमसभा को स्थगित कर रहा था.
* प्रभारियों के भरोसे चल रही है मनपा
इस समय नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने यह भी कहा कि, इस वक्त अमरावती मनपा में करीब दो हजार पद रिक्त पडे है. किंतु विगत पांच वर्षों के दौरान सत्ता पक्ष ने एक बार भी पद भरती करने का प्रयास नहीं किया. जिसकी वजह से मनपा का पूरा कामकाज प्रभारी अधिकारियों व कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है. जिसका कोई खास असर या फायदा नहीं होता. वहीं आउटसोर्सिंग हेतु दिये जानेवाले ठेके में भी कई तरह की गडबडियां है और मनपा के इतिहास में पहली बार वाहन चालक भरती का ठेका रखनेवाले ठेकेदार को मनपा के खिलाफ प्रेस विज्ञप्ती जारी करनी पडी. यह अपने आप में बेहद शर्मनाक स्थिति है.
* सरकार से निधी लाने में भी अनास्था
इस बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने कहा कि, मनपा का सत्ता पक्ष सभी मोर्चों पर बुरी तरह से और पूरी तरह से नाकाम व विफल साबित हुआ है. जहां एक ओर स्थानीय स्तर पर मनपा की आय बढाने को लेकर कोई प्रयास नहीं किये गये. वहीं दूसरी ओर केंद्र व राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं व अनुदानों के तहत मिलनेवाली निधी हासिल करने को लेकर भी किसी तरह की कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई. इसमें उदाहरण के तौर पर बायोमायनिंग प्रकल्प का नाम लिया जा सकता है. इस प्रकल्प हेतु स्वच्छ भारत अभियान के तहत पैसे मिल सकते थे और विपक्ष में रहने के बावजूद हम इसके समर्थन में भी थे. जिसके तहत हमने इस बात की पेशकश भी की थी कि, जिला पालकमंत्री व स्थानीय विधायक के जरिये राज्य सरकार व केंद्र सरकार से संपर्क करते हुए इस कार्य हेतु निधी प्राप्त की जाये. किंतु मनपा का सत्ता पक्ष हडबडी व जल्दबाजी का शिकार हो गया और नाहक ही अमरावती मनपा की तिजोरी व स्थानीय नागरिकोें की जेब पर 19 करोड रूपये का बोझ डाला गया. साथ ही इस प्रकल्प से संबंधित प्रस्ताव अब भी स्थायी समिती के सामने विचाराधीन है. ऐसे में समझ से परे है कि, आखिर स्थायी समिती द्वारा इस सीधे-सीधे विषय को लेकर ऐसा कौनसा अध्ययन किया जा रहा है. साथ ही नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने यह भी कहा कि, अकोली परिसर में साकार होने जा रहा घनकचरा प्रकल्प भी मनपा के सत्ता पक्ष की उपलब्धि नहीं है, बल्कि इसे लेकर मनपा आयुक्त के खिलाफ नोटीस जारी हो गई थी और मनपा आयुक्त पर कार्रवाई हो सकती थी. जिसकी वजह से आनन-फानन में इस प्रकल्प को शुरू करना पडा. इसमें भी जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हमने मनपा प्रशासन और सत्ता पक्ष का पूरा साथ दिया.
* पूरे शहर में हर ओर गंदगी और कचरे का आलम
स्थानीय निकाय के तौर पर महानगरपालिका की पहली जिम्मेदारी अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत साफ-सफाई की व्यवस्था बनाये रखना सबसे पहली जिम्मेदारी होती है. साथ ही अंदरूनी रास्तों का निर्माण व विकास तथा शहर का सौंदर्यीकरण भी मनपा की ही जिम्मेदारी है. किंतु आज यदि शहर के किसी भी इलाके का दौरा किया जाता है, तो साफ तौर पर पता चलता है कि, विगत पांच वर्ष के दौरान महानगरपालिका अपनी इस जिम्मेदारी को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही है. शहर में जगह-जगह पर गंदगी और कचरे के ढेर लगे दिखाई देते है और सौंदर्यीकरण का तो सत्यानाश हो चुका है. बाग-बगीचोें सहित रोड डिवाईडर पर लगायी गई हरियाली का कोई रखरखाव नहीं है. ऐसे में इन कामों पर किसी समय मनपा की सत्ता में रहनेवाली कांग्रेस द्वारा किया गया पूरा खर्च बर्बाद हो गया है. साथ ही शहर में इस समय चहुंओर कोविड वायरस के संक्रमण का खतरा फैला हुआ है. किंतु कहीं पर भी फवारणी-धुवारणी होती दिखाई नहीं दे रही. इसके अलावा जगह-जगह बडी बेतरतीबी के साथ लगे बैनर-पोस्टर, फ्लेक्स व होर्डिंग्ज की वजह से शहर का विद्रुपीकरण हो रहा है. ऐसे में खुद नागरिकों ने इस बात पर विचार करना चाहिए कि, उन्होंने पिछली बार किन लोगों पर भरोसा किया था और इसके बदले में उन्हें क्या मिला.
* इस बार जनता दिखायेगी भाजपा को उसकी असली जगह
साथ ही नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने यह विश्वास भी जताया कि, इस बार निश्चित तौर पर शहरवासियों द्वारा भाजपा को उसकी असली जगह दिखाई जायेगी और मनपा की सत्ता में काफी बडा परिवर्तन होगा. जिसके तहत कांग्रेस एक बार फिर मनपा की सत्ता में आयेगी और पहले की तरह अमरावती महानगरपालिका को विकास के रास्ते पर आगे ले जाया जायेगा.