अमरावती

पीएम स्वनिधी वितरण में अमरावती मनपा पिछडी

१४ हजार लाभार्थियों का है लक्ष्य, अब तक केवल १११ हॉकर्स को मिला लाभ

अमरावती प्रतिनिधि/दि.७ – लॉकडाउन काल के दौरान आर्थिक दिक्कतों एवं बेरोजगारी के दुष्चक्र में फंसे शहर के हॉकर्स यानी सडक किनारे अस्थायी दुकान लगाकर व्यवसाय करनेवाले फेरीवालों को दुबारा अपना व्यवसाय शुरू करने हेतु पूंजी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री पथविक्रेता आत्मनिर्भर निधी योजना शुरू की गई है. जिसके तहत प्रत्येक हॉकर्स को १० हजार रूपये की पूंजी कर्ज के तौर पर उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. लेकिन इस योजना के क्रियान्वयन में अमरावती मनपा काफी हद तक पिछडती हुई दिखाई दे रही है. बता दें कि, इस योजना के तहत अमरावती मनपा क्षेत्र में १४ हजार लाभार्थियों को स्वनिधी कर्ज उपलब्ध करने का लक्ष्य तय किया गया है. लेकिन अब तक केवल १११ हॉकर्स को ही दस-दस हजार रूपये का कर्ज उपलब्ध कराया जा सका है. इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर की कुल जनसंख्या के दो प्रतिशत यानी अनुमानित १४ हजार लोगों को इस योजना के तहत लाभार्थी माना गया है. लेकिन अमरावती मनपा क्षेत्र में बोगस लाभार्थियों की संख्या काफी अधिक रहने की वजह को सामने कर अमरावती मनपा द्वारा लाभार्थियों का चयन ही नहीं किया जा रहा. प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अमरावती मनपा के पास अब तक ३ हजार ८१४ लोगों के ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए है. जिसमें से ४५१ आवेदन बैंकों की मंजूरी प्रक्रिया के तहत है और अब तक १११ लाभार्थियों को कर्ज वितरित किया जा चुका है.

मनपा प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मनपा को अब तक केवल ३ हजार ८१४ आवेदन प्राप्त हुए है, लेकिन हकीकत में यह आंकडा ९ हजार से अधिक है. मनपा के विभिन्न विभागों में कार्यरत ठेका नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों सहित कई बोगस लाभार्थियों ने स्वनिधी के लिए आवेदन किया है और बोगस लाभार्थियों की संख्या काफी अधिक रहने और सरकारी निधी के दुरूपयोग का आरोप खुद पर न आने देने के डर की वजह से संबंधित विभाग के अधिकारी इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में रूची नहीं ले रहे है, ऐसा पता चला है. वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन द्वारा सभी फेरीवालों से इस योजना का लाभ लेने हेतु आवाहन भी किया जा रहा है. यह योजना अमरावती शहर में २४ मार्च २०२० से पूर्व अमरावती शहर में फेरी लगानेवाले सभी पथ विक्रेताओं हेतु लागू है और उन्हें एक वर्ष में कर्ज लौटाने की शर्त के साथ १० हजार रूपये तक की पूंजी व्यवसाय करने हेतु उपलब्ध करायी जा रही है. जिसकी किश्तें उन्हें प्रतिमाह अदा करनी होगी. यह कर्ज प्राप्त करने के लिए पथ विक्रेताओें को कोई भी गिरवी या गारंटी नहीं रखनी होगी और यदि वे तय कालावधी के भीतर या उससे पहले यह कर्ज लौटा देते है, तो उन्हें भविष्य में भी कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा.

इस कर्ज पर बैंकों के प्रचलित नियमों के अनुसार ब्याज दर लागू रहेगी. साथ ही आरबीआय के मार्गदर्शक निर्देश भी लागू रहेंगे. साथ ही इस योजना अंतर्गत कर्ज का लाभ लेनेवाले हॉकर्स यदि तय कालावधी के भीतर कर्ज की अदायगी कर देते है, तो उन्हें करीब ७ प्रतिशत का ब्याज अनुदान भी मिलेगा और ब्याज अनुदान की रकम लाभार्थी के बैंक खाते में हर एक तिमाही में जमा की जायेगी. इस योजना में डिजीटल व्यवहार को प्रोत्साहन देने हेतु सभी विक्रेताओं को कैश बैक की सुविधा दी जायेगी. इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु सभी लाभार्थी शहर के कॉमन सर्विस सेंटर अथवा नागरी स्थानीय स्वराज्य संस्था द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुविधा या अपने कंप्यूटर व मोबाईल के जरिये भी आवेदन कर सकते है.

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