अमरावती मनपा ने सडकों की दुरुस्ती के लिए भेजा 141 करोड का प्रस्ताव
62 करोड रुपए तत्काल देने का अनुरोध
* अभी तक निधि न आने से सडकों की दुरुस्ती और निर्माणकार्य ठप्प
अमरावती/दि.29– मनपा को शासन की तरफ से मिलने वाला जीएसटी अनुदान, संपत्तिकर, नगर रचना विभाग की आय से कर्मचारियों का वेतन और अस्थापना खर्च किया जाता हैं. आर्थिक परिस्थिति गंभीर रहने से विकास काम पर उसे खर्च नहीं किया जा सकता. सडक, जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधा के लिए 141 करोड रुपए की निधि उपलब्ध करने की मांग अमरावती मनपा व्दारा राज्य शासन से गत 14 अक्तूबर को पूरक प्रस्ताव भेजकर की गई हैं.
जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर के सडकों के निर्माण कार्य के लिए मनपा व्दारा दो माह पूर्व 141 करोड रुपए की मांग का प्रस्ताव भेजा गया. अतिवृष्टि के कारण शहर के अनेक सडकों की हालत गंभीर हो जाने से 141 करोड में से 62 करोड रुपए तत्काल देने का पूरक प्रस्ताव 14 अक्तूबर को राज्यशासन को भेजा रहने की जानकारी मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने दी हैं. लेकिन अभी तक निधि न आने से शहर की प्रमुख मार्गो की दुरुस्ती और निर्माणकार्य रुका पडा हैं. इसी तरह 15वें वित्त आयोग का 9 माह का पैसा भी ना आने से ठेकेदारों का बकाया मनपा व्दारा अदा नहीं किया जा सका हैं. इस कारण सभी ठेकेदारों में तीव्र असंतोष व्याप्त हैं. मनपा की तिजोरी खाली रहने से किसी का बकाया अदा करना मुश्किल हो रहा हैं. इस कारण सडकों की दुरुस्ती और निर्माणकार्य भी ठप्प पडे हैं. महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में विशेष अनुदान नहीं मिला था. अब फिर से विशेष अनुदान व विकास प्रकल्प के लिए निधि शिंदे-फडणवीस सरकार से मांगी गई हैं. देखना है अब यह निधि कब प्राप्त होती हैं.
नागपुर, अकोला और चंद्रपुर मनपा को भी निधि की प्रतीक्षा
अमरावती की तरह नागपुर, चंद्रपुर व अकोला मनपा को भी निधि की आवश्यकता हैं. नागपुर मनपा की 600 करोड की मांग हैं. वहीं चंद्रपुर मनपा 68 करोड व अकोला मनपा की 35 करोड रुपए की सडक और नालों की दुरुस्ती के लिए मांग हैं. लेकिन विदर्भ की इन किसी भी मनपा को निधि प्राप्त नहीं हुई हैं. सभी मनपा निधी की प्रतीक्षा में हैं.