* सर्वसामान्य यात्रियों को होगा फैसले से नुकसान
अमरावती/दि.26 – अमरावती से मुंबई के बीच चलाई जाने वाली और अंबा एक्सप्रेस के तौर पर विख्यात अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन पूरे साल भर हाउसफुल रहती है. इस ट्रेन में इस समय तृतीय श्रेणी शयनयान यानि स्लीपर कोच के 8 डिब्बे लगे होते है, लेकिन 15 जून के बाद इस ट्रेन में केवल दो स्लीपर कोच रहेंगे. वहीं एसी-3 के 6 डिब्बे बढाए जाएंगे, ऐसी जानकारी सामने आयी है. जिसका सीधा मतलब है कि, इस ट्रेन को संपूर्ण वातानुकूलित करने का प्रयास किया जा रहा है. यदि ऐसा होता है, तो सर्वसामान्य वर्ग के यात्रियों को इसकी वजह से काफी तकलीफ व नुकसान का सामना करना पड सकता है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले सहित अन्य जिलों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगबाग मुंबई जाने हेतु अमरावती-मुंबई ट्रेन से यात्रा करते है. जिसके चलते यह रेलगाडी पूरे साल भर हाउसफुल रहती है. फिलहाल इस ट्रेन में एसी-2 के 2, एसी-3 के 4, स्लीपर के 8 तथा जनरल के 2 डिब्बे लगे होते है. लेकिन 15 जून से इस ट्रेन में एसी-3 के 4 की बजाय 10 डिब्बे रहेंगे. वहीं स्लीपर कोच के 8 की बजाय केवल 2 डिब्बे रखे जाएंगे. ऐसी जानकारी सामने आयी है. ऐसे में स्लीपर कोच से यात्रा करने वाले यात्रियों को आरक्षण प्राप्त करने के लिए काफी समस्याओं का दिक्कतों का सामना करना पड सकता है. साथ ही ज्यादा पैसे खर्च करते हुए मजबूरी के चलते स्लीपर कोच की बजाय एसी-3 में यात्रा करनी पड सकती है.
* 400 की बजाय 1200 रुपए का खर्च
स्लीपर कोच की संख्या कम होने पर यात्रियों को मजबूरी में थर्ड एसी का टिकट लेना पडेगा. अमरावती से मुंबई के लिए स्लीपर कोच का किराया 400 रुपए है. वहीं थर्ड एसी का किराया 1200 रुपए होता है. ऐसे में अमरावती-मुंबई ट्रेन में स्लीपर कोच के यात्रियों को अपनी यात्रा हेतु 400 रुपए की बजाय नाहक की 1200 रुपए का खर्च करना पडेगा.
* धीरे-धीरे सभी ट्रेनें होगी वातानुकूलित
जानकारी यह भी है कि, फिलहाल इस फैसले पर अमरावती-मुंबई ट्रेन के लिए प्रायोगिकतत्व पर अमल किया जा रहा है. साथ ही आगे चलकर यह फैसला धीरे-धीरे सभी रेलगाडियों पर लागू किया जाएगा और स्लीपर कोच की संख्या को घटाते हुए थर्ड एसी कोच की संख्या को बढाया जाएगा.
* अमरावती सहित आसपास के जिलों में रहने वाले कई लोगबाग विशेषकर क्षेत्र के युवा पढाई-लिखाई व रोजगार के लिए मुंबई जाते है. सर्वसामान्य श्रेणी से वास्ता रखने वाले यह सभी लोग स्लीपर कोच में ही यात्रा करते है. यहीं वजह है कि, अमरावती-मुंबई ट्रेन में स्लीपर कोच का आरक्षण हमेशा ही हाउसफुल रहता है. ऐसे में यदि स्लीपर कोच की संख्या को घटा दिया जाता है, तो इसकी वजह से सर्वसामान्य श्रेणी वाले यात्रियों को काफी समस्या व दिक्कतों का सामना करना पड सकता है.
– विलास वाडेकर,
सदस्य, झेडआरयुसीसी
* रेल प्रशासन द्बारा लिए गए फैसले की जानकारी मिलते ही हमने इसे लेकर अपनी आपत्ति मध्य रेल एवं रेल्वे बोर्ड के समक्ष दर्ज कराई है. साथ ही हमारी पूरी कोशिश है कि, इस फैसले को अमल में न लाया जाए. अमरावती सहित विदर्भ क्षेत्र के अधिकांश लोगबाग आज भी बडे पैमाने पर रेलगाडियों के स्लीपर कोच मेें यात्रा करते है. ऐसे में यदि स्लीपर कोच की संख्या घटाई जाती है, तो सर्वसामान्य लोगों को यात्रा के संदर्भ में काफी समस्याओं और दिक्कतों का सामना करना पड सकता है.
– अनिल तरडेजा,
अध्यक्ष, महानगर यात्री संघ