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सवा दो साल से सांस लेने की फुरसत नहीं मिली अमरावती पुलिस को

लॉकडाउन से लेकर अब तक लगातार चल रहा है बंदोबस्त का सिलसिला

* मंजूर छुट्टी पर जाने से पहले ही आ जाता है बंदोबस्त और तैनाती का पत्र
अमरावती/दि.6- विगत करीब सवा दो साल से अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के पास सांस लेने की भी फुरसत नहीं है, क्योंकि शहर में लगातार बंदोबस्त के पीछे बंदोबस्त का दौर चल रहा है. ऐसे में यदि कभी किसी अधिकारी या कर्मचारी की छुट्टी मंजूर भी होती है, तो मंजूर छुट्टी पर जाने से पहले ही उसे अगले बंदोबस्त पर तैनाती का पत्र मिल जाता है. जिसके चलते विगत दो वर्षों से शहर पुलिस आयुक्तालय के अधिकारी व कर्मचारी एक अदद छुट्टी के लिए भी तरस गये है.
बता दें कि, वर्ष 2020 में कोविड संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए राज्य में 23 मार्च से संचारबंदी लागू की गई थी और 24 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. इसके साथ ही शहर में कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों और संचारबंदी को सफलतापूर्वक लागू कराने हेतु पुलिस का कडा बंदोबस्त लगाया गया, जो करीब अगले एक साल तक चलता रहा. अप्रैल से शुरू हुई कोविड संक्रमण की पहली लहर सितंबर माह तक चली. जिसके बाद थोडी-बहुत राहत मिली ही थी कि, फरवरी 2021 से कोविड संक्रमण की दूसरी और सबसे भयावह लहर का दौर शुरू हुआ, जो मई 2021 तक चलता रहा. इस दौरान हालात को देखते हुए सरकार और प्रशासन द्वारा समय-समय पर प्रतिबंधों को कडा करते हुए पूर्णकालिक व रात्रीकालीन कर्फ्यू लागू किया जाता था. ऐसे में शहर पुलिस के तमाम अधिकारी व कर्मचारी पूरा समय बंदोबस्त में तैनात रहे. इसके बाद अभी कोविड संक्रमण के खतरे से थोडी फुरसत मिली ही थी कि, पर्व एवं त्यौहारों का दौर शुरू हो गया. इस दौरान भी कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने हेतु पूरे शहर में कडा बंदोबस्त लागू रहा. वहीं नवंबर 2021 में 12 व 13 नवंबर को उपजे धार्मिक तनाव के चलते अमरावती शहर में एक बार फिर कर्फ्यू लागू कर दिया गया, जो करीब 15 दिनों तक चलता रहा. साथ ही जैसे ही कोविड संक्रमण का असर व प्रभाव कम हुए तथा प्रतिबंधों को शिथिल किया गया, वैसे ही शहर में राजनीति उबाल मारने लगी और अलग-अलग मामलों को लेकर राजनीतिक दलों के आंदोलनों व धरना प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया. इसे लेकर भी पुलिस को बंदोबस्त में तैनात रहना पडा. वहीं विगत माह से जहां एक ओर गुढीपाडवा, रामनवमी, आंबेडकर जयंती, महावीर जयंती, हनुमान जन्मोत्सव व परशुराम जन्मोत्सव एवं अक्षय तृतीया जैसे पर्वों पर कई शोभायात्राओं व रैलियों का आयोजन हुआ और विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजीत किये गये. वहीं जारी माह के दौरान रमजान ईद का पर्व भी मनाया गया. इसी दौरान राज्य में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद पैदा हुआ और इस मामले को लेकर अमरावती में भी युवा स्वाभिमान व शिवसेना के बीच टकराववाली स्थिति बनी. ऐसे में पिछला पूरा महिना पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा तथा ऐहतियात के तौर पर लगाये गये बंदोबस्त का दौर भी लगातार जारी रहा.
ऐसे में कहा जा सकता है कि, विगत करीब सवा दो साल से अमरावती शहर पुलिस द्वारा बिना थके व बिना रूके अपनी ड्यूटी निभाई जा रही है और इस दौरान पुलिस के पास छुट्टी लेना तो दूर, सांस लेने की फुरसत नहीं थी.

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