अमरावती/दि.७ – कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए विगत पांच माह से बंद रखी गयी राज्य परिवहन निगम की अमरावती-पुणे बस सेवा को रविवार ६ सितंबर से शुरू किया गया है और रविवार की शाम ६ बजे कोरोना काल पश्चात पहली शिवशाही बस पुणे के लिए छोडी गयी. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ५० फीसदी यात्री लेकर रवाना होनेवाली शिवशाही की स्लिपर व चेअरकार बसों को फिलहाल नॉन एसी बस के तौर पर चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर स्थानीय मध्यवर्ती बस स्थानक से अकोला, नागपुर व यवतमाल जैसे अन्य जिलों के लिए भी बसें छोडनी शुरू कर दी गई है.
बता दें कि, विगत २३ मार्च से देश में लॉकडाउन शुरू होते ही राज्य परिवहन निगम की बस सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. पश्चात हालात कुछ नियंत्रित होने पर २० मई से जिलांतर्गत बस सेवा को अनुमति प्रदान की गई थी और कुल यात्री क्षमता की तुलना में मात्र ५० प्रतिशत यात्रियों को लेकर बसें चलाने की छूट दी गई थी. इसके शुरूआती दौर में इन बसों को कुल क्षमता के आधे यात्री भी नहीं मिल रहे थे. पश्चात सरकार ने अगस्त माह के अंत में लॉकडाउन के प्रतिबंधों को थोडा और शिथिल करते हुए आंतरजिला बस सेवा शुरू करने की अनुमति प्रदान की. और अब लंबी दूरीवाले रूटों पर भी बस सेवा की बहाली की जा रही है. ज्ञात रहे कि, इससे पहले अकोला, जालना व औरंगाबाद होते हुए पूना हेतु राज्य परिवहन निगम द्वारा वातानुकूलित सुविधा रहनेवाली आरामदायक शिवशाही बसों को चलाना शुरू किया गया था. आसन एवं शयन व्यवस्था रहनेवाली दोनों तरह की रापनि बसोें को यात्रीयों की ओर से अच्छाखासा प्रतिसाद मिलना शुरू हो गया था. ऐसे में अब यात्रियों की सुविधा को देखते हुए राज्य परिवहन निगम द्वारा एक बार फिर शिवशाही बस सेवा को बहाल किया गया है, लेकिन फिलहाल क्षमता से आधे यात्रियों को लेकर शुरू की जा रही इस बस को नॉन एसी यानी वातानुकूलित सेवा के बिना चलाया जा रहा है. यह निर्णय कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लिया गया है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए राज्य परिवहन निगम के अमरावती विभागीय नियंत्रक श्रीकांत गभणे ने बताया कि, अमरावती-पुणे की तरह ही बहुत जल्द राज्य के अन्य लंबी दूरीवाले शहरों के बीच भी रापनि बस सेवा को बहाल कर दिया जायेगा.