अमरावतीविदर्भ

नियमित हवाई सेवा के लिए अमरावतीवासी कर रहे प्रतिक्षा

बेलोरा विमानतल विस्तारीकरण की सभी दिक्कते हुई दूर

अमरावती/दि.23 – अमरावती के बेलोरा विमानतल के विस्तारीकरण कार्य में रहनेवाली सभी दिक्कतें दूर होने के बाद भी यहां से एटीआर-72 विमानों की नियमित उडाने शुरू करने में भी कुछ दिक्कतें आ रही है. ऐसे में यहां से नियमित विमानसेवा शुरू होने के लिए अमरावतीवासियों को और भी प्रतिक्षा करनी होगी.
बता दें कि, राज्य में प्रत्येक राजस्व संभाग का मुख्यालय रहनेवाले शहर में ‘नाईट लैंडींग’ की सुविधा रहनेवाला विमानतल विकसित करना नियोजीत था. राज्य के मुंबई, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद व नासिक इन संभागीय राजस्व मुख्यालयों में विमानतल पहले से कार्यरत है. लेकिन केवल संभागीय मुख्यालय रहनेवाले अमरावती में ही विमानतल पर बडे विमानों के उतरने की व्यवस्था नहीं है. बता दें कि, बेलोरा विमानतल पर वर्ष 1992 में रनवे तैयार किया गया था और आज तक इस रनवे का प्रयोग केवल निजी विमानों के लिए ही होता है.
महाराष्ट्र विमानतल विकास कंपनी द्वारा निजी व सार्वजनिक सहभाग के जरिये बीओटी तत्व पर बेलोरा विमानतल को विकसित करने का निर्णय कुछ वर्ष पूर्व लिया गया था. जिसके बाद इस विमानतल को भारतीय विमानतल प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जायेगा, ऐसा तय किया गया. जिसके बाद प्राधिकरण ने इस कार्य हेतु 336.33 हेक्टेयर जमीन हस्तांतरित करने की मांग की थी. साथ ही प्राधिकरण द्वारा इस विमानतल का विकास पूरी तरह अपनी निधी से करने की बात कही गयी थी, लेकिन अब इस विमानतल के विस्तार व विकास का काम महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण द्वारा ही किया जा रहा है.
बता दें कि, फरवरी 2014 में महाराष्ट्र विमानतल कंपनी ने बेलोरा के नियोजीत विमानतल की जमीन भारतीय विमानतल प्राधिकरण को हस्तांतरित की थी. पश्चात केंद्र में हुए सत्ता परिवर्तन एवं नई सरकार का गठन होने पर भारतीय विमानतल प्राधिकरण ने अमरावती के बेलोरा विमानतल को विकसित करने का प्रस्ताव रद्द कर दिया. इस निर्णय के चलते अमरावती विमानतल के निर्माण का प्रस्ताव एक बार फिर लटक गया और भारतीय विमानतल प्राधिकरण द्वारा अपने पांव पीछे खींच लिये जाने की वजह से इस विमानतल के विस्तार व विकास का जिम्मा एक बार फिर महाराष्ट्र विमानतल कंपनी को सौंपा गया और कंपनी द्वारा शुरू किये गये कामोें को राज्यमंत्रि मंडल की ओर से मान्यता मिली. इस विमानतल के लिए भूसंपादन करने हेतु राज्य सरकार ने 200 से 250 करोड रूपये खर्च किये है तथा यहां पर 2 हजार 500 मीटर का रनवे भी तैयार किया गया है. इसके अलावा यहां पर रात के समय विमानों के उतरने हेतु नाईट लैंडींग सहित टैक्सी वे जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जायेगी. इस विमानतल पर ईमारत सहित अन्य कई सुविधाओं के लिए बडे पैमाने पर निधी की आवश्यकता है और जब तक यह निधी उपलब्ध नहीं होती, तब तक यहां पर काम गति नहीं पकड सकते. ऐसा इस समय दृश्य दिखाई दे रहा है.

सरकारी स्तर पर स्वतंत्र बैठक होना जरूरी

बेलोरा विमानतल के विकास कार्यों की गति बेहद मंद और सुस्त हो गयी है. जिसे गतिमान करने हेतु सरकारी स्तर पर स्वतंत्र बैठक ली जाये. ऐसा निवेदन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को दिया है. प्राधिकरण द्वारा दिसंबर माह तक रनवे का काम पूर्ण करने का नियोजन किया गया है. साथ ही यहां की प्रशासकीय इमारत व अन्य काम भी तय समयावधि के भीतर पूर्ण करते हुए यहां से विमानसेवा शुरू करना आवश्यक है. ऐसे में पहले व दूसरे चरण के कामों को पूरा करने के लिए पालकमंत्री एड. ठाकुर द्वारा लगातार फालोअप लिया जा रहा है.

अब तक ये काम हुए पुरे

बेलोरा विमानतल पर अब तक किये गये कामोें के तहत बडनेरा-यवतमाल राज्य जोड महामार्ग का निर्माण पूरा कर लिया गया है. साथ ही विमानतल पर 1 लाख लीटर की क्षमतावाले भुमिगत जलसंग्रह (जीएसआर) की व्यवस्था की गई है. यहां पर 15 किलोमीटर लंबाईवाली सुरक्षा दीवार का काम शुरू किया गया है तथा एटीआर-72-500 तथा कोड-सी-3 विमानों की तत्काल उडान हेतु आवश्यक साढे सात किलोमीटर की लंबाईवाली सुरक्षा दीवार का काम पूरा कर लिया गया है. वहीं दूसरे चरण के 60 प्रतिशत काम पूरे कर लिये गये है. रनवे के विस्तारीकरण, टैक्सी वे, एप्रॉन, आयसोलेशन बे, पेरीफेरल रोड, जीएसई एरिया तथा स्वच्छता विभाग से संबंधित काम 70 प्रतिशत पूर्ण हो गये है. जिन्हें दिसंबर तक पूरा कर लिया जायेगा.
लेकिन प्रशासकीय इमारत के बजट और निविदा को तैयार करने का काम अब तक नहीं हो पाया है. ऐसे में मंत्रालय स्तर पर इस विषय का फालोअप करते हुए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजीत करने का निवेदन पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया है. जिसमें कहा गया है कि, विकास की दृष्टि से अमरावती से जल्द से जल्द विमानसेवा का शुरू होना बेहद जरूरी है. इसके लिए राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 6 व राज्य महामार्ग को जोडनेवाले 3.10 किमी लंबाई के प्रमुख जिला मार्ग क्रमांक 49 के मजबूतीकरण व सुधार तथा डीवीओआर सेक्शन के पास निंभोरा-जलू जोडमार्ग इस ढाई किलोमीटर की लंबाईवाले रास्ते के काम को भी गति मिलना बेहद आवश्यक है, ताकि जिले के औद्योगिक व वाणिज्यिक विकास की दृष्टि से यह विमानतल जल्द से जल्द शुरू हो सके. इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री एवं विमानतल विकास प्राधिकरण अधिकारियों की उपस्थिति में जल्द से जल्द स्वतंत्र बैठक लिया जाना बेहद जरूरी है.

अमरावती के बेलोरा विमानतल के विकास का काम महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है. जिसके कामकाज की जानकारी लेते हुए हाल ही में हुए काम की समीक्षा की गई है. अमरावती शहर व जिले के विकास हेतु तथा यहां के व्यापार-व्यवसाय व उद्योगोें को गतिमान करने हेतु विमानतल के काम छह माह में पूर्ण होना बेहद जरूरी है. इस संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे की अध्यक्षता में प्राधिकरण अधिकारियों के साथ सरकारी स्तर पर मंत्रालय में एक स्वतंत्र बैठक बुलाने का निवेदन सीएम ठाकरे व राज्य सरकार से किया गया है.
– एड. यशोमति ठाकुर
जिला पालकमंत्री, अमरावती.

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