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अमरावती दंगे की करायी जाये न्यायिक जांच

पूर्व कृषि मंत्री डॉ. बोंडे ने की राज्यपाल कोश्यारी से मांग

अमरावती/दि.24- विगत 12 नवंबर को अमरावती शहर में मुस्लिम समूदाय द्वारा निकाले गये मोर्चे के बाद हुई हिंसा की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति से करायी जाये. इस आशय की मांग का ज्ञापन राज्य के पूर्व कृषि मंत्री तथा भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल बोंडे द्वारा की गई.
अमरावती जिले के दौरे पर बुधवार को यहां पहुंचे महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मुलाकात करते हुए पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, विगत 12 नवंबर को फर्जी खबरों के आधार पर त्रिपुरा की एक तथाकथित घटना के का निषेध करने मुस्लिम समुदाय द्वारा एक मोर्चा निकाला गया. जिसमें सुनियोजीत तरीके से हिंदू बहुल क्षेत्रों में तोडफोड व पत्थरबाजी की गई तथा कई व्यापारियों के साथ मारपीट करते हुए लूटपाट भी की गई. इसका निषेध करने हेतु भाजपा द्वारा दूसरे दिन शनिवार 13 नवंबर को शांतिपूर्ण बंद का आवाहन किया गया. किंतु पुलिस ने दबाव में आकर लाठी चार्ज किया और भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. साथ ही हिरासत में लिये गये भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा अत्याचार भी किया जा रहा है. वहीं एक मामले में जमानत मिलते ही तुरंत दूसरे पुलिस स्टेशन में उसी व्यक्ति के खिलाफ दूसरा मामला दर्ज किया जा रहा है. जिससे साफ है कि, महाविकास आघाडी सरकार एवं जिला पालकमंत्री के दबाव में आकर पुलिस केवल 13 नवंबर की घटनाओं पर ही ध्यान केंद्रीत कर रही है. वहीं 12 नवंबर को हुई घटना को जानबूझकर दबाया जा रहा है.
ज्ञापन सौंपते समय पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे सहित महापौर चेतन गावंडे, भाजपा के जिला महासचिव प्रवीण तायडे, राजेश पाठक, प्रवीण शेगोकार, स्वप्नील भूयार, शंतनु देशमुख, राजेश नेवारे, तहसील अध्यक्ष निलेश श्रीखंडे, सागर शिंगाणे, निलीमा बोके व विजय पुनसे आदि भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे.

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