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रिटायर्ड जज द्वारा कराई जाये अमरावती दंगे की जांच

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने उठायी मांग

कोल्हापुर/दि.23- देश के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की एक तथाकथित घटना को लेकर अमरावती सहित नांदेड व मालेगांव में हिंसा फैली. जिसे लेकर राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे है. इसी कडी में अब गत रोज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने अमरावती में हुए दंगे की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाये जाने की मांग उठाई है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के मुताबिक अमरावती में शुक्रवार 12 नवंबर को एक विशिष्ट समाज ने मोर्चा निकालकर तोडफोड व लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया. जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप दूसरे दिन शनिवार 13 नवंबर को अमरावती शहर में लोगों ने अपना कामकाज बंद रखा और लोगबाग एक दिन पहले हुई घटना का निषेध करने स्वयंस्फूर्त रूप से सडक पर उतरे. इस समय भी विशिष्ट समुदाय के लोगोें ने बंद में शामिल लोगों पर हमला किया. किंतु अमरावती पुलिस द्वारा केवल शांतिपूर्ण बंद में शामिल लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई की जा रही है. वहीं बंद में शामिल लोगों पर पथराव करते हुए हिंसा फैलानेवाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पाटील ने इस बात को लेकर भी आक्षेप उठाया कि, एक ओर तो कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों व जमावबंदी कानून के लागू रहने के बावजूद 40 हजार लोगों का मोर्चा निकालने को मौन सहमति मिल जाती है, किंतु शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने को अनुमति नहीं दी जा रही. जिसका सीधा मतलब है कि, अमरावती जिले में अदृश्य तौर पर कुछ चल रहा है. साथ ही उन्होंने रजा अकादमी पर प्रतिबंध लगाये जाने की मांग करते हुए कहा कि, किसी भी तरह की दादागिरी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और ऐसी घटनाओं को लेकर अब लोग शांत नहीं बैठेंगे. इसके साथ ही उन्होंने विधानमंडल का शीतसत्र नागपुर में ही आयोजीत किये जाने की मांग करते हुए कहा कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार विदर्भ के लोगों का और वहां की समस्याओं का सामना करने से घबरा रही है.

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