अमरावती

वाहनों के लिए ‘चॉईस नंबर’ हेतु अमरावतीवासियों ने अदा किये 1 करोड रूपये

आई, दादा, आप्पा, भाऊ, पवार, दत्ता, शरद, भरत जैसे नामों को किया जा रहा नंबर प्लेट पर साकार

* वीआयपी नंबरों के लिए भी वाहनधारकों का बढा रूझान, आरटीओ की भी बढी आय
अमरावती/दि.19- बदलती जीवनशैली के चलते अब अधिकांश लोगों के पास चारपहिया वाहन दिखाई देने लगे है. इसमें भी आर्थिक रूप से संपन्न लोगों द्वारा बेहद महंगी रहनेवाली फॉर्च्यूनर, ऑडी, बीएमडब्ल्यू व मर्सिडीज जैसी गाडिया खरीदी जाती है. साथ ही विदेशी बनावटवाले वाहन घर में रहना अब प्रतिष्ठापूर्ण माना जाने लगा है. वहीं नेताओं के पास तो 40 से 50 लाख रूपये की कार रहना अब बेहद आम बात हो गई है. इसके साथ ही अब महंगे वाहनों के लिए अपनी पसंदवाले चॉईस नंबर व वीआयपी नंबर रहने की ओर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है. हालांकि ऐसे चॉईस नंबरों व वीआयपी नंबरों के लिए संबंधितों को आरटीओ के पास भारी-भरकम शुल्क अदा करना होता है. जिसके तहत गत वर्ष 119 वाहन चालकों ने अपने पसंदीदा चॉईस नंबर के लिए 1 करोड 1 लाख 61 हजार 500 रूपये का शुल्क अदा किया है. जिससे tr को भी अच्छी-खासी आय हुई है.

* सर्वाधिक पसंदवाले नंबर
अमरावती शहर व जिले के लिए परिवहन विभाग द्वारा ‘एमएच-27’ का कोड निर्धारित किया गया है. ऐसे में कई वाहन चालक अलग-अलग सीरिज में 2727, 7272, 5555, 0555, 9999, 0999, 9090, 1111, 0111, 0011, 0001, 1010, 0010, 0009 जैसे नंबर लेना पसंद करते है. इसके अलावा आई (3115), भाऊ (4137), आप्पा (3144), शरद (2124), भरत (2124), नाज (7151), पवार (4412), राज (2151) जैसे विभिन्न नाम दर्शानेवाले नंबरों को भी वाहनधारकों द्वारा अच्छा-खासा पसंद किया जा रहा है. जिसके लिए लोगबाग अतिरिक्त शुल्क अदा करने हेतु तैयार रहते है.

* सिरीज के बदलते ही बढ जाता है शुल्क
चॉईस नंबर के लिए सिरीज के बदलते ही अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है. ऐसा आरटीओ का तय नियम है. जिसके चलते वाहन धारकों को इन नंबरों हेतु अतिरिक्त शुल्क अदा करना ही होता है. इन दिनों महंगे चारपहिया व दुपहिया वाहनों हेतु चॉईस नंबर को काफी पसंद किया जा रहा है. साथ ही साथ कई वाहनों पर नंबरों के साथ ‘कलाकारी’ करते हुए नंबर प्लेट को ‘फैशनेबल’ बना दिया जाता है.

* नंबर प्लेट पर नाम का डिजाईन बनाना दंडनीय अपराध
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों वाहनों पर आकर्षक नंबर प्लेट लगाने का मानो फैशन चल पडा है. ऐसे में अब सादी नंबरप्लेट की बजाय डिजाईनर नंबर प्लेट का प्रयोग किया जाता है. जबकि ऐसा करना कानूनी तौर पर प्रतिबंधित और दंडनीय अपराध है. साथ ही डिजाईनदार व आकर्षक नंबर प्लेट रहने पर आरटीओ द्वारा दंड भी वसूला जा सकता है. ऐसे में वाहनों का नंबर प्लेट नियमानुसार ही रहना अपेक्षित है.

सरकारी नियमों के अनुसार विशेष व कुछ निश्चित नंबरों के लिए शुल्क लिया जाता है. जिसके लिए आरटीओ से वाहन धारकों को वैध रसीद भी दी जाती है. चॉईस नंबर आवंटित करने के ऐवज में वर्ष 2021 के दौरान अमरावती प्रादेशिक परिवहन कार्यालय ने 1 करोड 1 लाख 61 हजार 500 रूपये का राजस्व हासिल किया है.
– सिध्दार्थ ठोके
उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अमरावती.

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