अमरावतीमहाराष्ट्र

 10 दिन में साइकिल पर अमरावती से अटारी बॉर्डर

विवेक कडू ने साइकिल पर नापी 1500 किमी की दूरी

अमरावती/दि.07– कम्प्यूटर इंजिनियर के तौर पर आरामदायक जीवन जीने वाले विवेक वसंतराव कडू और साइकिल के बीच एक अटूट रिश्ता है और वे अक्सर ही साइकिल पर लंबी-लंबी दुरियों को नापते रहते है. इसी के तहत उन्होनें साइकिल से भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अटारी बॉर्डर पर जाने का संकल्प लिया था. जिसके लिए स्टार्टिंग प्वॉईंट के तौर पर उन्होंने अपने पैतृक शहर अमरावती को चुना. जहां से अटारी बॉर्डर के लिए साइकील चलाने की शुरुआत करते हुए उन्हें 10 दिनों में 1500 किमी की दूरी को तय किया और 10 दिन बाद वे अटारी बॉर्डर पर पहुंच गये.

अपनी इस यात्रा के दौरान विवेक कडू ने देश के 7 राज्यों को पार किया. प्रत्येक राज्य की अलग-अलग प्रथाओं, भाषाओं, खानपान व पहनावे की संस्कृति का निरीक्षण व विश्लेषण करते हुए विवेक कडू 3 मार्च को अटारी बॉर्डर पर पहुंचे थे. विगत 23 फरवरी को अमरावती से अपनी यह यात्रा शुरु करते हुए उन्होंने 10 दिनों के दौरान 1500 किमी की दूरी तय की. इस दौरान आये अनुभव को विशद करते हुए विवेक कडू का कहना रहा कि, यद्यपि हमारी भाषाए अलग-अलग है, लेकिन हम भारतीयता के सूत्र से एक-दूसरे के साथ जुडे हुए है. जिसके चलते यात्रा के दौरान सभी राज्यों व शहरों के लोगों ने उनकी अच्छी खासी सहायता भी की.

विगत 23 फरवरी को अमरावती से अटारी बॉर्डर हेतु रवाना हुए विवेक कडू ने बैतुल, भोपाल, गुना, वॉलियर, मथुरा, दिल्ली, पानीपत, राजापुरा व जालंधर होते हुए 10 दिन में 1500 किमी का सफर पूरा किया और वे 3 मार्च को अटारी बॉर्डर पर पहुंचे. इस दौरान विवेक कडू ने बैतुल के बालाजीपुरा मंदिर, भोपाल के राजाभोज सरोवर मथुरा के गोकुल मंदिर, वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर, दिल्ली के इंडिया गेट तथा अृमतसर के स्वर्ण मंदिर व जलियांवाला बाग को भेंट दी.

विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत लंबे समय से अपने कामकाज के चलते पुणे में रहने वाले विवेक कडू पुणे में भी रोजाना साइकिल से ही अपने कार्यालय आना-जाना करते है. इसके अलावा वे पुणे से अमरावती, गोवा, अक्कलपुर, हंपी व सोमनाथ तथा अमरावती से कन्याकुमारी की दूरी को साइकिल से नाप चुके है. साथ ही अमरावती के पास स्थित चिखलदरा पर्यटन स्थल स्थित लासूर, काकर्डा, सालबर्डी, महिमापुर, तलेगांव दशासर व कोंडण्यपुर जैसे धार्मिक स्थलों तक भी वे साइकिल से घुम आये है. विवेक कडू के मुताबिक प्रकृति ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है, ऐसे में हमने प्रकृति का पर्यावरण व संवर्धन करने हेतु अपने दैनंदीन जीवन में साइकिल का ही प्रयोग करना चाहिए.

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