सूचना, तकनीक का बडा केन्द्र बनेगा अमरावती
जीजाउ बैंक अध्यक्ष अविनाश कोठाले का विश्वा

* देश की अग्रणी आयटी कंपनियों और संस्थाओं से चर्चा
* स्टार्टअप्स को ऑफर्स देने से अवसर
* सन्स ऑफ सॉइल उपक्रम
अमरावती / दि.9– पौराणिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक नगरी के रूप में प्रसिध्द अमरावती यह राज्य का नया सूचना व तकनीकी केन्द्र के रूप में उभरने तैयार हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स (एआई) और नई तकनीक को विकसित करने प्रोत्साहन देने उद्यमी, शिक्षा संस्थाओं के विशेषज्ञ, नीति निर्माता एवं सामाजिक हस्तियां आगे आ रही है. इसी कडी में जीजाउ बैंक अध्यक्ष इंजीनियर अविनाश कोठाले ने बैंक सभागार में महत्सपूर्ण तकनीकी उद्योजक परिषद का आयोजन किया. जिसमें देश के अनेक बडी कंपनियों के आयटी विशेषज्ञ सहित शिक्षा संस्थाओं के पदाधिकारी, संचालक और विशेषज्ञ सहभागी हुए. सभी ने अमरावती के नये आयटी हब के रूप में उभरने की संभावना तथा आशा व्यक्त करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए.
इस परिषद में महत्वपूर्ण बात उभरकर सामने आयी कि केवल आयटी पार्क बनाने और बडे प्रकल्प निर्माण करने से ही स्टार्टअप सफल होंगे, यह जरूरी नहीं है. छोटे कमरों में भी अनेक स्टार्टअप बडी सफलता प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए शासकीय नीतियों का समर्थन एवं व्यवसाय अनुकूल वातावरण आवश्यक हैं.
परिषद में बैंगलोर के ई- सर्कल के संस्थापक संतोष महालिंगम ने हुबली धारवाड बेलगावी क्लस्टर का यशस्वी मॉडल प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन में नीति के कारण कई स्टार्टअप को बडे अवसर मिले. राज्य सरकार स्वयं पहली कस्टमर बनी.
परिषद में बताया गया कि प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री एवं वर्तमान राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने भी अमरावती को तकनीकी हब बनाने के लिए आवश्यक राजकीय इच्छा शक्ति और नीतिगत समर्थन का वादा किया है. उन्होंने उद्योग मंत्री से भेंट कर इस संदर्भ में चर्चा की है. विधायक संजय खोडके और विधायक सुलभा खोडके भी अमरावती के युवाओं को आयटी क्षेत्र में यही अच्छे रोजगार देने के लिए उद्यत है.
परिषद में न्यूयार्क अमेरिका की स्टालको ग्लोबल कंपनी के सीईओ नागपुर निवासी गौरव दलवी ने भी कर्नाटक समान विदर्भ में बियांड मुंबई पुणे सोच रखने और स्वतंत्र उपक्रम शुरू करने पर बल दिया. उन्होंने स्थानीय स्टार्टअप को आर्थिक आधार, नीतिगत सुविधाएं और शासकीय योजनाएं मिलने का विश्वास व्यक्त किया. परिषद में सन्स ऑफ सॉइल उपक्रम की कल्पना भी चर्चित हुई. जिसमें पूर्व विद्यार्थी योगदान कर सकते हैं.
परिषद में प्रा. डॉ. सुरेंद्र दालू, तक्षशिला संस्थान के प्राचार्य व संचालक डॉ. डी. पी. इंगोले, अनिकेत पाथरे, पीयूष हांडेे, कनेक्ट्स टैक्नॉलॉजी के प्रबंधक विजय ढोले आदि ने विचार रखे. इंजीनियर संजय दीवान, प्रा. अभिषेक लाडोले, डॉ. प्रतीक अंगाइतकर आदि के साथ ग्रामेंशन कंपनी के पंकज बांडाबुचे, प्रा. संजय थोपटे, पुणे की सॉफ्टवेयर कंपनी टैलेंट्स के शिवराज दालु, प्रा. शरद मोहोड, पुष्पराज दालु, शिवराज टेकाडे, लांगीट्यूड के संचालक चांडक, प्रा. अनिल बंड, डॉ. वीटी इंगोेले, सिपना कॉलेज के अभिजीत इटकीकर, शासकीय इंजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. काले, उद्योजक राजेंद्र जाधव ने भी भाग लिया और विचार रखे. आभार प्रदर्शन प्रशांत बारबुदे ने किया.