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अमरावती की पैदल वारी पहुंची शेगांव नगरी

सुलभा खोडके ने उठाई पालखी

* गजानन महाराज मंदिर संस्थान में भव्य आरती व पसायदान
अमरावती /दि. 30- अंबानगरी से संत नगरी शेगांव के लिए गत रविवार सबेरे तपोवन के योगीराज नगर में वंदना श्रीकांत चावजी के निवासस्थान से निकली पैदल वारी शुक्रवार को संत नगरी शेगांव पहुंची. वहां निकाली गई शोभायात्रा में अमरावती की विधायक सुलभा संजय खोडके उत्साह व श्रद्धा से सहभागी हुई. उन्होंने पालखी उठाई और सारे रास्ते गजानन भक्तों के संग पैदल वारी करते हुए समाधि मंदिर पहुंची. वहां पूजन और आरती व पसायदान से वारी परिपूर्ण होने की जानकारी योगेश सवाई ने दी.
उल्लेखनीय है कि, वारी का मंगलारंभ सुलभा खोडके के चिरंजीव यश खोडके ने पत्नी सहित किया था. यह वारी गत 21 वर्षों से चल रही है. श्रीकांत चावजी और परिवार के साथ ही क्षेत्र लोगों ने यह पैदल वारी आयोजित करना प्रारंभ किया था. जो अब भी अनवरत है. उत्साह से सैकडों लोग वारी में सहभागी होते है.
29 नवंबर को लगभग 150 किमी का फासला पैदल तय कर श्रद्धालु संत नगरी पहुंचे. वहां दुर्गा मंदिर से दोपहर 3 बजे परंपरागत शोभायात्रा निकाली गई. जिसका पूजन कर विधायक खोडके ने पालखी उठाई और भक्तों के साथ गजानन महाराज का जयकारा करते समाधि मंदिर पहुंची. गजानन महाराज संस्थान द्वारा वारी में आए सैकडों स्त्री-पुरुष भाविकों का विशेष आतिथ्य किया. अंतिम दिन वारी में सैकडों लोग जुडे थे. अपार उत्साह के साथ-साथ गजानन महाराज के प्रति श्रद्धा का भाव भी सभी के मुख से परिलक्षित हो रहा था. मंदिर में विशेष सभागार में पालखी ले जाकर पूजन व आरती की गई.
* सुलभा खोडके का सत्कार
अमरावती से दूसरी बार विधायक चुने जाने उपलक्ष्य वारी की ओर से सुलभा खोडके का शाल-श्रीफल देकर संत गजानन महाराज के आशीर्वाद के रुप में इस समय सत्कार, अभिनंदन किया गया. उसी प्रकार वारी में अनेक प्रकार से योगदान करनेवाले दानदाताओं का भी सुलभा खोडके के हस्ते स्नेहील सत्कार किया गया. इस समय भैयासाहब भारसाकले, दिगंबर पोफली, दीपक यादव, राहुल मोहोड, सचिन मोहोड, माधव राऊत, योगेश सवाई, मोरेश्वर जोशी, प्रवीण अलसपुरे, डॉ. प्रशांत गहुकर, प्रशांत धर्माले, संदीप औशीकर, संजय नरवरे, गणेश घुलक्षे, दीपक पैकिने और सैकडों श्रद्धालु की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही. उल्लेखनीय है कि, संत गजानन महाराज का जयकारा करते हुए लगभग 6 दिनों में पैदल चलकर वारी संत नगरी पहुंचती है. जिसमें विभिन्न जगह पडाव होते हैं. वहां भी वारी के लोगों का चाव से स्वागत व आवभगत करते हैं.

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