जेल में हुआ गलामिलन का भावूक कार्यक्रम
अपने परिजनों से मिलकर कैदियों की आंखे हुई नम

अमरावती/दि. 4 – स्थानीय मध्यवर्ती कारागार में बंद रहनेवाले कैदियों की उनके परिजनों से खुले वातावरण में मुलाकात कराने हेतु कल 3 मार्च को गलामिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस समय अपने परिजनों विशेषत: अपने बच्चों से मिलकर कई बंदीजनों की आंखे नम हो गई और वे बेहद भावूक भी हो गए.
बता दें कि, जेलो में बंद रहनेवाले कैदियों के लिए अपने परिजनों से संपर्क करने हेतु ऐलनफोन, ई-मुलाकात, प्रत्यक्ष मुलाकात, वीडिओ कॉन्फरंसिंग व पत्रव्यवहार जैसे विभिन्न साधन उपलब्ध है, जिनके जरिए कैदी अपने परिजनों से संपर्क कर सकते है. परंतु बढती उम्र वाले बच्चों के लिए अपने माता-पिता का सहवास व भावनिक स्पर्श भी जरुरी होता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए कारागार विभाग ने विगत 10 वर्षों से ‘गला भेंट यानी गलामिलन’ नामक एक स्तुत्य उपक्रम शुरु किया है. जिसके तहत बंदीजनों से उनके 18 वर्ष से कम आयुवाले बेटे व बेटी तथा नाती-पोते जेल में आकर खुले वातावरण के बीच प्रत्यक्ष मुलाकात कर सकते है और उनके साथ बैठकर भोजन भी कर सकते है. इस उपक्रम के तहत राज्य के कारागार व सुधार सेवा विभाग के अपर पुलिस महासंचालक एवं विशेष पुलिस महानिरीक्षक डॉ. जालिंदर सुपेकर के मार्गदर्शन में गत रोज अमरावती सेंट्रल जेल में गलामिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें 30 बंदीजनों ने सहभाग लिया. इनके 18 वर्ष से कम आयुवाले 49 बेटे-बेटियों व नाती-पोतों सहित छोटे बच्चों के साथ 7 महिलाओं को आधार कार्ड की जांच के बाद जेल में प्रवेश दिया गया. इस समय मुलाकात के दौरान कई बंदीजन और उनके परिजन एक-दूसरे से गले मिलते हुए बेहद भावूक हो गए थे. इस समय बंदीजनों ने जेल की कैंटींग से अपने वेतन के जरिए खरीदकर लाए गए चॉकलेट व बिस्कीट अपने बच्चों को भेंट दिए. साथ ही जेल प्रशासन द्वारा सभी के लिए खिचडी व केले के अल्पाहार का इंतजाम किया गया था.
अमरावती मध्यवर्ती कारागार की अधीक्षक कीर्ति चिंतामनी के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम का नियोजन शिक्षक ललित मुंडे द्वारा किया गया था. साथ ही इस आयोजन हेतु वर्हाड संस्था का सहयोग मिला तथा संस्था की ओर से सभी 49 बच्चे-बच्चियों को स्कूल बैग व शैक्षणिक साहित्य का वितरण किया गया. इस अवसर पर कारागार अधीक्षक कीर्ति चिंतामनी, अतिरिक्त अधीक्षक विलास भोईटे, उपाधीक्षक प्रदीप इंगले वरिष्ठ जेल अधिकारी रवींद्र भावे, कारागार शिक्षक संजय घोलप व ललित मुंडे, वर्हाड संस्था के रवींद्र वैद्य, स्वाती वैद्य, सोमेकांत सिंह, प्रमिला मेश्राम, गौरव राऊत व धनानंद नागदिवे आदि उपस्थित थे.