अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१ – मनपा निर्माण कार्य विभाग के अभियंताओं को पदोन्नति देते समय अन्याय किया जा रहा है. सेवा वरीयता निर्धारित करते समय ही अन्याय किए जाने का आरोप तीन वरिष्ठ अभियंताओं ने लगाया है.
बता दें कि मनपा निर्माण कार्य विभाग के तीन अभियंताओं में से एक अभियंता को वर्ष 2000 में और अन्य दो को वर्ष 2004 में स्थायी नियुक्तियां मिली. इससे पहले वर्ष 1996 से 2000 तक लगभग 23 अभियंता अस्थायी तौर पर कार्यरत थे. उन्हें सरकार के निर्णय के अनुसार वर्ष 2005 में स्थायी नियुक्ति मिली. जिसके अनुसार उनके पहले स्थायी रहने वाले तीनों अभियंता यह सेवा वरीष्ठ हैं. बावजूद इसके सरकार के निर्णयानुसार तीनों को वरिष्ठ नहीं माना जाएगा. क्योंकि उनसे पहले ही 23 अभियंता मनपा के अस्थायी सेवा में रहने से सरकार निर्णय व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार वे सेवा वरिष्ठ रहने से उन्हें पदोन्नति दी जाएगी, यह कहना मनपा प्रशासन का है. लेकिन इन 23 अस्थायी अभियंताओं से पहले लगने की बात कहते हुए पदोन्नति के क्रमवारी में 24 से 26 वें नंबर तक कम हुआ है. यह सरासर अन्याय है. स्थायी नियुक्त हुए तीनों अभियंताओं का कहना है कि पहले उन्हें ही सेवा में लिया जाये. लेकिन उन्हें स्थायी नियुक्ति नहीं दी गई है.
जो कर्मचारी पहले से ही सेवा दे रहे हैं, उन्हें उनकी सेवा वरीयता के अनुसार पदोन्नति दी जाये, यह सरकारी निर्णय है. जिसके तहत पदोन्नति दी जाएगी.
-श्रीकांत चव्हाण, विधि अधिकारी, मनपा