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जिला बैंक के अनियमित कामकाज की जांच हो

विधायक प्रताप अडसड ने विधानसभा में उठाई मांग

अमरावती/दि.3- अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक का एनपीए काफी अधिक है और बैंक का कामकाज कंप्यूटराईज्ड भी नहीं है. इसके अलावा सरकार की ओर से तय चार आवश्यक शर्तों को पूर्ण किये बिना ही सीधे 100 फीसद पदभरती के संदर्भ में बैंक द्वारा सरकार को पत्र दिया गया है. वहीं सरकारी अंकेक्षक द्वारा तैयार की गई ऑडिट रिपोर्ट में भी बैंक के कामकाज को लेकर कई त्रृटियां निकाली गई है. जिसका सीधा मतलब है कि, बैंक के कामकाज में बडे पैमाने पर गडबडियां है. जिनकी सघन जांच की जानी चाहिए. इस आशय की मांग चांदूर रेल्वे-धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड द्वारा विधानसभा में की गई है.
इस विषय को लेकर विधायक प्रताप अडसड ने कहा कि, सहकार कानून में संशोधन करते समय पहले से अस्तित्व में रहनेवाले नियमों व उपविधि पर अमल होना बेहद जरूरी है. किंतु इसकी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा जमकर अनदेखी की जा रही है. विधायक अडसड ने कहा कि, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक द्वारा विगत 20 दिसंबर को संचालक मंडल की सभा बुलाते हुए प्रशासक काल के दौरान पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों की पदावनती के विषय में प्रावधानों व नियमों की जानकारी मांगी. जिस पर सीईओ ने अपने पास कोई जानकारी नहीं रहने की बात संचालकों से कही. ऐसे में बैंक के अध्यक्ष ने अगली सभा में यह विषय रखने की बात कही. किंतु 23 दिसंबर को ही संबंधित कर्मचारियों को पदावनत किये जाने का आदेश जारी किया गया. बैंक के संचालकों ने 20 दिसंबर की सभा का कार्यवृत्तांत मांगा, लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया. बल्कि जो प्रोसेडिंग लिखी ही नहीं गई, उसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई. इसके संदर्भ में जिला उपनिबंधक ने भी गंभीर रूख अपनाया है. इसके अलावा जिला बैेंक ने 100 फीसद नौकर भरती की अनुमति मांगी गई है. जिसके लिए चार अत्यावश्यक बातों की पूर्तता करनी होती है. किंतु जिला बैंक में अधिक एनपीए रहने व संपूर्ण संगणकीकृत कामकाज नहीं रहने के चलते दो महत्वपूर्ण शर्तों की पूर्तता नहीं हो रही. इससे पहले भी इन शर्तों की पूर्तता नहीं होने के बावजूद बैंक द्वारा दी गई गलत जानकारी के चलते सरकार की ओर से 50 फीसद भरती की मान्यता प्रदान की गई थी, जो की पूरी तरह से गलत है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, जिला बैंक के कामों में चल रही तमाम तरह की गडबडियों को लेकर आवश्यक जांच की जाये. साथ ही विधायक अडसड ने यह भी जानना चाहा कि, बैंक द्वारा नियमों की पूर्तता नहीं करने के बावजूद भी क्या सरकार द्वारा बैंक को शत-प्रतिशत पद भरती की अनुमति दी जायेगी.

* पीएम किसान सम्मान योजना के लाभार्थियों की दखल ले सरकार
इसके साथ ही विधायक प्रताप अडसड ने राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि, नव वर्ष के प्रारंभ में केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान योजना अंतर्गत 2000 रूपयों की किश्त पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जा रही है. किंतु जिले के हजारों किसानों के नाम इस योजना से संबंधित सूची में शामिल नहीं है. क्योंकि सूची तैयार को लेकर राजस्व एवं कृषि विभाग के बीच जबर्दस्त संभ्रम है. अत: इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री द्वारा दो दिन के भीतर यह सूची तैयार करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. ताकि पात्र लाभार्थी किसानों को इस योजना का आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके. साथ ही उन्होंने पीएम किसान सम्मान योजना की जानकारी राज्य के अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने हेतु व्यापक स्तर पर जनजागृति अभियान चलाये जाने को लेकर भी आवश्यक प्रयास किये जाने की मांग उठायी.

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