अमरावती

हिंदू राष्ट्र निर्मिती की आड में देश में निर्माण की जा रही अराजकता

वरिष्ठ विचारक रावसाहब कसबे का कथन

अमरावती/दि. 7– हिंदू राष्ट्र निर्मिती करना है, ऐसा आभार निर्माण कर उसकी आड में सांप्रदायिक तनाव निर्माण कर देश में अराजकता निर्माण करने का षडयंत्र रचा जा रहा है. इसी कारण अब सभी को सतर्क रहकर केंद्र की भाजपा सरकार की साजिश विफल करना है, ऐसा प्रतिपादन वरिष्ठ विचारक रावसाहब कसबे ने किया. वे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिन निमित्त कांग्रेस की तरफ से इर्विन चौक से नया अकोला तक निकाली गई अभिवादन यात्रा निमित्त आयोजित की गई अभिवादन सभा में बोल रहे थे.
रावसाहब कसबे ने आगे कहा कि डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने पढो, संगठित हो और संघर्ष करो का मंत्र दिया था. उनकी यह शिक्षा महत्व की है. उसी में दलित, शोषित, पीडितों के प्रगति का मार्ग छिपा है.

उन्होंनें कहा कि हिंदू राष्ट्र निर्मिती यानी मनुस्मृति का जय जयकार करने का वर्तमान में प्रयास शुरु है. मनु यह एक महिला के पेट से जन्मा रहा तो भी महिला को ही उसे शुद्र मानना, महिला को कोई भी स्वतंत्रता न दे, ऐसा कहने वाला मनु यह महिला की बजाए गधी के पेट से जन्मा था क्या? ऐसा सवाल उन्होंने इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित किया. यह देश धर्मनिरपेक्ष बनाना है और इसीलिए डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के विचार महत्वपूर्ण साबित होते हैं. लेकिन सत्ता में रहे भाजपा नेता देश में हिंदू-मुस्लिम के बीच जहर डालकर उन्हें भडका रहे हैं. मनुष्य ने मुनष्य को मारना यह कौनसा धर्म सीखाता है. उसे पहले दफना देना चाहिए, ऐसा कहते हुए कसबे ने कहा कि हिंदू राष्ट्र निर्मिती यह बकवास है. मिझोराम और मणिपुर यह देश के ही रहने के बावजूद उनके प्रति केंद्र सरकार को कोई सहानुभूति नहीं है, बल्कि वहां हिंदू राष्ट्र के नाम पर हिंदू और क्रिश्चन के बीच विवाद निर्माण कर अराजकता फैलाई जा रही है. जिस शिवाजी महाराज का लगातार यह नेता उल्लेख करते हैं उस शिवाजी महाराज के सैनिकों में मुस्लिमों की संख्या भी काफी थी. शिवाजी महाराज की जान बचाने वाला भी मुस्लिम ही था फिर शिवाजी महाराज का नाम लेकर मुस्लिमों को लक्ष्य क्यों किया जाता है, यही है क्या हिंदुत्व? ऐसा सवाल भी उन्होंने इस अवसर पर किया.

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