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और 15 लोगों का स्टाफ शीघ्र

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय इसी सत्र से

* एनएमसी की मान्यता का मसला होगा हल
* डीन डॉ. बत्रा का नो कमेन्ट्स
अमरावती/दि.13 -शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय को इसी सत्र से शुरू करने के शासन और प्रशासन स्तर पर प्रयत्न चल रहे हैं. खबर है कि 15 लोगों का अतिरिक्त स्टाफ शीघ्र देने का अनुरोध शासन और विशेषकर वैद्यकीय शिक्षा विभाग से किया गया है. दो रोज पहले ही यह पत्र भेजा गया है. फिलहाल अमरावती में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रशासन का काम देखने 10 लोगों का स्टाफ प्रति नियुक्ति पर नियुक्त हैं. अमरावती में काम के लिए आने हेतु अन्य जिलों से लोग तैयार हैं. उधर मेडिकल कॉलेज आगामी सितंबर, अक्तूबर में शुरू हो रहे नये सत्र से प्रारंभ होने संबंधी प्रश्न पर अधिष्ठाता डॉ. अनिल बत्रा ने नो कमेंट्स कहा. उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना मुश्किल है.
* चार महाविद्यालय होंगे शुरू
सूत्रों ने आज दोपहर अमरावती मंडल को बताया कि अमरावती, वाशिम, भंडारा और गडचिरोली के चिकित्सा महाविद्यालय इसी सत्र से प्रारंभ करने पर जोर दिया जा रहा है. राज्य शासन ने पिछले वर्ष के बजट में 10 नये शासकीय महाविद्यालयों की घोषणा की थी. उसमें विदर्भ के उपरोक्त चारों महाविद्यालय के साथ बुलढाणा का समावेश था. सभी महाविद्यालयों में एमबीबीएस की 100-100 सीटें मंजूर की गई है. सरकारी अस्पतालों को जीएमसी से जोडा गया है. उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए मेडिकल कॉलेज शुरू करने की कोशिश चल रही है. नीट एक्जाम का विवाद चलने से विलंब हो रहा है. नीट का पेपर लीक का मसला कोर्ट में विचाराधीन है.
* एनएमसी की मान्यता
अमरावती जीएमसी के सत्रारंभ हेतु भारतीय चिकित्सा परिषद एनएमसी का दल पिछले दिनों यहां की सुविधाएं और व्यवस्थाएं देख गया. एनएमसी की मान्यता अभी प्राप्त नहीं होने की जानकारी देते हुए इस क्षेत्र के जानकार ने बताया कि महाराष्ट्र शासन ने विधानसभा चुनाव से पहले सभी घोषित जीएमसी शुरू करने प्रयत्न जारी रखे हैं. इसी कडी में एनएमसी से समयावधि लेकर और नियमानुसार भुगतान कर मान्यता लेने का प्रयास होगा. इसी आधार पर कहा जा रहा हैं कि संभाग की दो जीएमसी अमरावती एवं वाशिम शुरू की जायेगी.
* मंत्री महोदय की वीसी
प्रदेश के वैद्यकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने दो दिन पहले वीडियो कान्फरंस कर संबंधित अधिकारी, डीन से चर्चा की. उन्हें सरकार के जीएमसी शुरू करने के निर्णय के बारे में जानकारी दी. उसी प्रकार आवश्यक सुविधाएं करने के लिए निर्देश दिए गये. इससे भी कहा जा रहा है कि अमरावती में इसी सत्र से जीएमसी में 100 विद्यार्थी एमबीबीएस की पढाई शुरू कर देंगे.
* पखवाडे भर में टीचिंग स्टाफ
जीएमसी शुरू होने में एक बडी बाधा प्राध्यापकों की भर्ती का है. इस बारे में विशेषज्ञों ने बताया कि टीचिंग स्टाफ 15 दिनों में भी नियुक्त किया जा सकता हैं. प्रतिनियुक्ति पर भी स्टाफ लिया जा सकता है. अमरावती मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. बत्रा मूल रूप से यवतमाल जीएमसी के प्राध्यापक हैं.
* डीडीओ कोड की अडचन
अमरावती जीएमसी का डीडीओ कोड अभी नहीं मिला है. इसके कारण भी स्टाफ नियुक्ति में विलंब हो रहा है. डीडीओ कोड मिलने से विविध मदों पर जीएमसी खर्च कर सकती है. उसके बिल और वेतन का भुगतान सरकारी ट्रेजरी से होता है. अगले पखवाडे भर में अर्थात 1 अगस्त से पहले अमरावती जीएमसी का डीडीओ कोड आने की जानकारी एक सूत्र ने दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए जरूरी प्रक्रिया मुंबई में पूर्ण कर ली गई है.
* राजनेताओं का हाल
इधर अमरावती जीएमसी के श्रेयवाद के पश्चात उसकी जगह को लेकर राजनेताओं मेें खींचतान चल रही है. विधायक रवि राणा कोंडेश्वर रोड की जगह पक्की हो जाने का दावा करते हैं तो विधायक यशोमती ठाकुर ने नांदगांव पेठ के पास की जमीन पर जीएमसी बनाने की मांग कर रखी है. शहर की विधायक सुलभा खोडके जीएमसी को शहर से दूर ले जाना गरीब मरीजों के लिए असुविधाजनक होना बताया. इन सबके बीच जीएमसी के लिए सर्वप्रथम प्रयत्न करनेवाले भाजपा नेता किरण पातुरकर ने आज अमरावती मंडल से बातचीत मेंं बहुत स्पष्ट कहा कि ध्यान भटकाने की बजाय इसी सत्र से जीएमसी शुरू करने पर बल दिया जाना चाहिए.

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