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और 37 जोड गाडियों में स्लीपर कोच हटाए

ट्रेनों में मध्यम वर्ग कैसे करें सफर ?

* यात्रियों की जेब पर चोट
अमरावती/ दि.12 – रेलवे बोर्ड ने और 37 जोडी गाडियों में स्लीपर कोच हटाने का निर्णय घोषित किया है. उनके स्थान पर नये एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं. जो ज्यादातर एसी कोच रहते हैं. ऐसे में सामान्य मुसाफिरों का ट्रेन का सफर मुश्किल और महंगा होगा. आम यात्रियों की जेब पर बोझ पडेगा. क्योंकि ट्रेनों में एसी कोच अधिक होने से उन कोच में ही मजबूरन सफर करना पड सकता है.
* इन गाडियों में कम होंगे शयनयान
बडनेरा से गुजरनेवाली 6 और गाडियों में ऐसी ही व्यवस्था हो जायेगी. उसमें नागपुर से अहमदाबाद जानेवाली प्रेरणा एक्सप्रेस, नागपुर- पुणे और नागपुर- कोल्हापुर सहित कुछ ट्रेनें शामिल हैं. जिसमें शयनयान कम कर एसी डब्बे बढाए जा रहे हैं.
* पहले भी कम किए शयनयान
अमरावती- मुंबई अंबा एक्सप्रेस सहित अनेक गाडियों में शयनयान हटाने की और एसी डब्बे बढाने की कोशिश हुई थी. यात्रियों के कडे विरोध के कारण रेलवे को अपना निर्णय रद्द करना पडा था. अब पुणे गरीबरथ, दुरंतो जैसी गाडियों से सामान्य कोच हटाए जा रहे हैं. गरीबरथ संपूर्ण 16 कोच एसी है. अन्य जैसे सेवाग्राम, नागपुर-पुणे, नागपुर -कोल्हापुर, नागपुर- अहमदाबाद जैसी ट्रेने 22 से 24 कोच की हैं. वहां फिलहाल 11 शयनयान रहते हैं. उनकी जगह थर्ड एसी के डिब्बे लगाए जाने की सूचना रेलवे बोर्ड से प्राप्त होने की खबर हैं.
* यात्रियों ने किया विरोध
अहमदाबाद, कोल्हापुर जाने के लिए पश्चिम विदर्भ से सीमित ट्रेने हैं. ऐसे में स्लीपर कोचेस कम कर थर्ड एसी के डिब्बे से यात्रा महंगी हो जायेगी. इसलिए स्लीपर कोच हटाने का रेलवे के निर्णय का यात्रीगण विरोध कर रहे हैं. जबकि रेलवे ने अगले कुछ दिनों में डिब्बे बदलने का निर्णय कर लिया है. यात्रियों का कहना है कि नई तकनीक के उपयोग पर उन्हें एतराज नहीं, सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित होनी चाहिए. किंतु शयनयान हटाकर एसी डिब्बे लगाने से यात्रियों को डबल से अधिक किराया देने मजबूर होना पडेगा.

 

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