संतप्त आदिवासी विद्यार्थियों ने छात्रावास कार्यालय में किया ठिया आंदोलन
छात्रावास व्यवस्थापन को लेकर जताया रोष
* कर्मचारियों को कार्यालय से निकाला बाहर
अमरावती /दि.6- आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत चलाए जाने वाले सरकारी आदिवासी छात्रावास में पीने के लिए साफ-सुथरा पानी नहीं मिलने की वजह से यहां रहने वाले विद्यार्थी बीमार पड रहे है. साथ ही इस छात्रावास में अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है. जिससे संतप्त हुए आदिवासी विद्यार्थियों ने गत रोज दस्तुर नगर स्थित आदिवासी सरकारी छात्रावास के कार्यालय में ठिया आंदोलन किया. साथ ही कार्यालय के कर्मचारियों पर अकार्यक्षमता का आरोप लगाते हुए उन्हें कार्यालय से बाहर निकाल दिया. यह आंदोलन करीब 3 से 4 घंटे तक चलता रहा.
उल्लेखनीय है कि, आदिवासी विद्यार्थियों को शहरी क्षेत्र में रहते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध हो. इस बात के मद्देनजर आदिवासी विकास विभाग द्बारा दस्तुर नगर परिसर में एक हजार विद्यार्थियों की प्रवेश क्षमता वाला आदिवासी छात्रावास चलाया जाता है. वर्ष 2011 के सरकारी निर्णयानुसार इस छात्रावास में स्वतंत्र ग्रंथालय, प्रति 10 विद्यार्थियों के लिए एक कम्प्यूटर व इंटरनेट की सुविधा, छात्रावास में पीने के साफ-सुथरे पानी हेतु आरओ फिल्टर, प्रतिमाह एक बार विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच सुविधा, व्यायाम के लिए जीम की व्यवस्था, छात्रावास की दैनंदिन सफाई, स्पर्धा परीक्षा के लिए पुस्तकों की सुविधा एवं रोजाना 4 से 5 अखबारों की उपलब्धता जैसी सुविधाएं देना अपेक्षित है. परंतु शहर के आदिवासी छात्रावास में इसमें से कोई भी सुविधा नहीं रहने का आरोप यहां रहने वाले विद्यार्थियों ने किया है. इस संदर्भ में विद्यार्थियों ने कई बार निवेदन देकर और आंदोलन करते हुए सुविधा दिए जाने की मांग की थी. परंतु इसके बावजूद कार्यालय द्बारा इसकी अनदेखी की गई. जिससे संतप्त होकर 40 से 50 विद्यार्थियों ने अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के नेतृत्व में शहर के दस्तुर नगर परिसर स्थित मुख्य कार्यालय पहुंचकर आंदोलन किया.
* हमारी समस्याएं हल नहीं कर सकते हो, तो कार्यालय छोडो
दस्तुर नगर स्थित आदिवासी छात्रावास के मुख्य कार्यालय में संतप्त विद्यार्थियों को पहुंचने के बाद वहां पर कर्मचारियों व विद्यार्थियों में शाब्दीक विवाद भी हुआ. साथ ही एक कर्मचारियों के साथ विद्यार्थियों ने मारपीट भी की. ऐसी जानकारी भी सामने आयी है. इस समय विद्यार्थियों ने संबंधित कार्यालय में उपस्थित कर्मचारियों से कहा कि, यदि आप हमारी समस्याओं को हल नहीं कर सकते हो, तो तुम्हेें कार्यालय में रहने का भी कोई अधिकार नहीं, ऐसा कहने के साथ ही विद्यार्थियों ने कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकाल दिया. पश्चात संबंधित अधिकारियों द्बारा दिए गए लिखित आश्वासन के बाद विद्यार्थियों ने अपना आंदोलन पीछे लिया.
* शहर में आदिवासी छात्रावास किराए की जगह पर शुरु है. जिसके चलते कुछ प्रमाण में दिक्कतें हो सकती है. मैंने डेढ माह पहले ही गृह प्रमुख के तौर पर अपनी जिम्मेदारी स्वीकारी है और मुझे विद्यार्थियों की समस्या पहली बार ही पता चली है. जिसके चलते विद्यार्थियों की समस्याओं को हल करने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.
– प्रताप वडजे,
गृह प्रमुख, आदिवासी छात्रावास.