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अनिल अग्रवाल का मास्टर स्ट्रोक, सभागार ने खडे होकर बजाई तालियां

बेटे-बेटी के विवाह का तनाव हुआ काफूर

* परिचय सम्मेलन साइड स्नैप
अमरावती/ दि. 24- वर्तमान समय में साधारण लोगों पर अनेक प्रकार के तनाव होते हैं. उसमें संतान का विवाह नहीं हो पाना अथवा घर घराना मनचाहा न मिल पाना जैसी बातें चिंता और तनाव को बढा देती है. यह तनाव किसी भी व्यक्ति को बीमार कर देता है. उसके जीवन के कुछ क्षण या दिन भी कम कर देता है. ऐसे में महेश भवन के शंकरलाल राठी सभागार में आयोजित स्व. चिरोंजीलाल माधोलाल अग्रवाल स्मृति राजस्थानी युवक-युवती वैवाहिक सम्मेलन में भी कमोबेश ऐसा ही माहौल शनिवार दोपहर 12.20 बजे तक था. 12.20 बजे उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे अनिल अग्रवाल संबोधन के लिए खडे हुए. उन्होंने पहली पंक्ति में ही मानो मास्टर स्ट्रोक लगा दिया. जैसे वीरेन्द्र सहवाग कभी क्रिकेट की फिल्ड में शोएब अख्तर की पहली ही गेंद पर छक्का जड दें.
हुआ यह कि अनिलजी ने संबोधन की शुरूआत में ही वहां भारतभर से पधारे अभिभावकों के चेहरे पर देखें जा रहे तनाव का विषय छेडा. उन्होंने कहा कि अपनी संतान की शादी अच्छे घर घराने, सुसंस्कृत परिवार में करने की चाहत होती है. वर्तमान दौर ऐसा है कि यह चिंता बढी है. इसके अनेक कारण है. अमरावती के इस आयोजन में 6 प्रदेशों से पधारे सैकडों अभिभावक भी इसी कारण चिंतित नजर आ रहे हैं. किंतु उन्हें इस बात की चिंता छोड देनी चाहिए. राजस्थानी समाज अपने आप में बडा सक्षम हैं. सभी आयवर्ग तथा पढे-लिखे वर्ग के लिए उचित संबंध मिल जाता हैं. बस हमारी घटक समाज में बेटी व्यवहार की तैयारी होनी चाहिए. अनिल अग्रवाल इतने पर ही नहीं रूके अपितु उन्होंने मानों नब्ज पर हाथ धर दिया था.
अनिल अग्रवाल ने आयोजक हितकारक मंडल के गत तीन माह से जारी प्रयासों का सफल होने का प्रमाण सभागार खचाखच भरे होने और अनेक शहरों, नगरों के प्रत्याशी आने का उल्लेख किया. इसे समूचे राजस्थानी समाज की सफलता बताया. इसके साथ ही सभी से खडे होकर करतल ध्वनि की अपेक्षा व्यक्त की. सभी खडे होकर देर तक तालियां बजाते रहे. अभिभावकों का तनाव दूर हो गया. उनके चेहरें पर खुशी की लहर सभी ने महसूस की.

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