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गौपूजन व तुलादान से मना अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal) का जन्मदिवस

मित्र परिवार ने किया गौरक्षण में भावपूर्ण आयोजन

* विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य रहे उपस्थित, आर्शीवचनों की हुई बरसात

अमरावती/दि.3- दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभूमि के संपादक तथा राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल (Anil Agrawal) का जन्मदिवस स्थानीय श्री गौरक्षण धाम में गौ पूजन व गौ भोजन हेतु गूड तुलादान के जरिये बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. अनिल अग्रवाल मित्र मंडल द्वारा आयोजीत इस पारिवारिक व भावपूर्ण आयोजन में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले गणमान्य उपस्थित थे. जिन्होंने आर्शीवचनों की बरसात करते हुए अनिल अग्रवाल को 50 वें जन्मदिवस एवं 51 वे वर्ष की आयु में पदार्पण अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दी.
शहर के प्रथम नागरिक व महापौर चेतन गावंडे की अध्यक्षता में आयोजीत इस कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथी श्री गौरक्षण संस्थान के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल, पूर्व अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, ख्यातनाम समाजसेवी डॉ. गोविंद कासट, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष डॉ. रवि खेतान, राजस्थानी हितकारक मंडल के सचिव रामेश्वर गग्गड, मार्गदर्शक पं. देवदत्त शर्मा तथा पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले उपस्थित थे. इस अवसर पर सर्वप्रथम तुलादान हेतु उपलब्ध करायी गई सामग्री का वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई. पश्चात तुलादान की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए गौ-भोजन हेतु गूड का दान किया गया. तदोपरांत सभी उपस्थित गणमान्यों ने अनिल अग्रवाल का उनके जन्मदिवस के अवसर पर अभिनंदन किया और उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी.
इस पारिवारिक कार्यक्रम में संचालन व आभार प्रदर्शन अशोक राठी ने किया. इस अवसर पर सर्वश्री राजेश मित्तल, राधेश्याम अग्रवाल, दीपक मंत्री, मैड क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा, संतोष अग्रवाल, सतीश राजपुरिया, विजय अग्रवाल, धनंजय अग्रवाल, हुकमीचंद खंडेलवाल, अजय चौधरी, राजकुमार ककरानिया, संजय अग्रवाल, एकनाथपुरम रहवासी संघ के अध्यक्ष विजय अग्रवाल, एकता प्रॉपर्टी डीलर्स असो. के अध्यक्ष कैलाश गिरोलकर, सुरेश रतावा, जॉयन्ट्स ग्रुप के मनोज भेले, अशोक राठी, हरीना फाऊंडेशन के रामप्रकाश गिल्डा, शरद कासट, अनिल कपबशी, भारत चिरानिया, विनोद अग्रवाल, सतीश राजपुरिया, कैलाश मित्तल, अमीत मंत्री, साहिल खंडेलवाल, प्रा. सुभाष गवई, विशाल सुरेका, आशा अग्रवाल, ज्योति अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, पुष्पा चिरानिया सहित शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों व संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे. जिन्होंने अनिल अग्रवाल को 50 वे जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी. सभी उपस्थित गणमान्यों का अनिल अग्रवाल परिवार की ओर से श्रीमती मीना रमेश अग्रवाल, सौ. माया व राजेश अग्रवाल, सौ. संगिता अनिल अग्रवाल, मोहित अग्रवाल, ऋषि अग्रवाल, अमन अग्रवाल, प्रणय अग्रवाल व छोटू अग्रवाल ने स्नेहिल स्वागत किया.

* दान व गौसेवा हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा

इस अवसर पर अनिल अग्रवाल को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए शहर के वरिष्ठ विधिज्ञ एवं गौरक्षण संस्थान के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल ने कहा कि, भारतीय संस्कृति में दान एवं गौसेवा का अनन्य साधारण महत्व है तथा अनिल अग्रवाल एवं उनके परिवार द्वारा हमेशा ही गौरक्षण संस्थान को हर संभव सहायता प्रदान की जाती है. साथ ही आज अपनी जीवन के सुवर्ण महोत्सवी जन्मदिवस को साकार करने हेतु गौरक्षण का चयन करते हुए अनिल अग्रवाल एवं उनके मित्र परिवार द्वारा प्रशंसनिय कार्य किया गया है, जिसका सभी ने अनुकरण करना चाहिए. इस अवसर पर एड. आर. बी. अटल ने गौरक्षण संस्थान के पदाधिकारियों के साथ पुष्पगुच्छ देकर अनिल अग्रवाल का अभिष्टचिंतन किया.

* कम आयु में ही परिपक्वता की मिसाल

इस समय राजस्थानी हितकारक मंडल के मार्गदर्शक एवं वेदमर्मज्ञ पं. देवदत्त शर्मा ने कहा कि, यद्यपि अनिल अग्रवाल ने कालानुरूप शारीरिक तौर पर अब कहीं जाकर 50 वर्ष की आयु पूर्ण की है. किंतू हकीकत यह है कि, जब वे मात्र 18-20 वर्ष की आयु के थे, तभी उनमें किसी 50 वर्षीय व्यक्ति के बराबर परिपक्वता थी. साथ ही यह परिपक्वता बदलते समय के साथ और भी अधिक बढती गई. यहीं वजह है कि, आज अनिल अग्रवाल के आपसी संपर्कों व जान-पहचान का दायरा इतना अधिक विशाल है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. घर के मुखिया की तरह वे अपने संपर्क में आनेवाले हर व्यक्ति का पूरा खयाल रखते है और रिश्तों को बडी शिध्दत के साथ निभाते है.

* प्रगल्भ विचार व परिपक्व सोच की प्रतिमूर्ति है अनिलबाबू

अपने सामाजिक कार्यों के चलते समूचे जिले में परिचित रहनेवाले ख्यातनाम समाजसेवी डॉ. गोविंद कासट ने कहा कि, अपने कडे परिश्रम व लगन के साथ दैनिक अमरावती मंडल को प्रत्येक शाम की अनिवार्य जरूरत बना देनेवाले अनिल अग्रवाल ने पत्रकारिता को किसी सामाजिक सेवा व कार्य की तरह किया और समाज के हर घटक व वर्ग को अपने अखबार में उचित स्थान भी दिया. यहीं वजह है कि, आज अमरावती के पत्रकारिता जगत में अग्रवाल बंधुओं व अमरावती मंडल का अपना एक अलग ही स्थान है.

* पत्रकारिता के साथ सामाजिकता भी

अग्रवाल समाज अमरावती के अध्यक्ष डॉ. रवि खेतान ने बेहद कम आयु में अर्जीत की गई तमाम तरह की उपलब्धियों के लिए अनिल अग्रवाल का अभिनंदन करने के साथ ही कहा कि, अनिल अग्रवाल ने पत्रकारिता करने के साथ-साथ सामाजिकता को भी बखूबी निभाया और वे केवल अग्रवाल समाज ही नहीं, बल्कि समाज के विभिन्न घटकों के लिए सदैव तत्पर रहते है. साथ ही अमरावती में अग्रवाल समाज को संगठित करने एवं एकसूत्र में पिरोने के लिए भी उनके प्रयास बेहद प्रशंसनीय है.

* विवेकनिष्ठ प्रकाशस्तंभ है अनिल जी

शहर के प्रथम नागरिक व महापौर चेतन गावंडे ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि, मनुष्य को भाषा व संस्कृति विरासत में मिलते है. जिसका हम सभी को विवेकनिष्ठ उपयोग करना चाहिए. सूरज ढलने के बाद छानेवाला अंधेरा तो प्रकृति निर्मित होता है, किंतु इन दिनों हम कई तरह के मानवनिर्मित अंधेरों से जूझ रहे है. जिससे पार पाने के लिए विवेकनिष्ठता ही काम आती है और अमरावती में अनिल अग्रवाल अपने आप में एक विवेकनिष्ठ दीपस्तंभ की तरह है, जो समाज को राह दिखाने का काम करते है. अनिल अग्रवाल द्वारा जिला मराठी पत्रकार संघ में स्थापित अत्याधुनिक अभ्यासिक से प्रेरणा लेकर ही आज अमरावती महानगरपालिका भी साईनगर परिसर में ठीक उसी तरह की अभ्यासिका स्थापित करने के बारे में सोच रही है.

* हर क्षेत्र में योगदान व सहायता देने का माद्दा

शहर के पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले ने कहा कि अक्सर लोगबाग आर्थिक रूप से संपन्न और जीवन में सफल होने के बाद किसी सर्व सुविधायुक्त संभ्रांत रिहायशी इलाके में रहने चले जाते है. किंतु परकोट के भीतर साबनपुरा परिसर यानी पुरानी अमरावती के निवासी अनिल अग्रवाल और उनके परिवार में जीवन में तमाम सफलताएं प्राप्त करने के बावजूद अपने पुराने निवासस्थान को नहीं छोडा. यह अपनी जडों के साथ जुडाव की मानसिकता को दर्शाता है और जिस तरह अनिल अग्रवाल को पुरानी अमरावती पर नाज है, उसी तरह पुरानी अमरावती भी उन्हें अपनी शान समझती है. उन्होंने यह भी कहा कि, वे विगत करीब 35 वर्षों से अनिल अग्रवाल के काम को देख रहे है. इस दौरान उन्होंने पाया कि, अनिल अग्रवाल ने सभी क्षेत्रों में अपना योगदान और सहायता देने का माद्दा है और एक बार वे जिस काम के साथ जुड जाते है, उसे जुनून की हद तक जाकर पूरा करते है.

* परिवार व समाज के बिना मैं कुछ भी नहीं

समाज के गणमान्यों व मित्र परिवार द्वारा किये गये भावपूर्ण सत्कार की वजह से आत्मविभोर हो चुके अनिल अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, बतौर पत्रकार उनके पास शब्द संग्रह की कोई कमी नहीं है. किंतु जीवन में कई बार ऐसे भावनात्मक पल आते है, जब तमाम शब्द भी नि:शब्द हो जाते है. अपने 50 वर्ष की आयु में उनके जीवन के करीब 32 वर्ष कामकाजी व सार्वजनिक जीवन में बीते है. इस दौरान उन्हें सबसे बडा सहारा परिवार से मिला और समाज ने भी उन पर भरोसा जताते हुए उनका पूरा साथ दिया. जिसके दम पर वे आज इस मुकाम तक पहुंच पाये है. ऐसे में वे कह सकते है कि, परिवार के सहयोग और समाज के साथ के बिना वे कुछ भी नहीं. इसके साथ ही उनका सबसे बडा संबल उनके बडे भाई राजेश अग्रवाल रहे. जिन्होंने हर कदम पर कंधे से कंधा मिलाकर उनका पूरा साथ दिया. अनिल अग्रवाल ने यहा तक कहा कि, यद्यपि वे खुद दैनिक अमरावती मंडल का चेहरा है, किंतु हकीकत में वे केवल चेहरा ही है और पूरा शरीर तो राजेश जी अग्रवाल का है. जिनकी मेहनत के दम पर अमरावती मंडल ने पत्रकारिता में अपना विशिष्ट स्थान बनाया और आज उसी स्थान पर खडे रहने की वजह से चेहरे के रूप में उन्हें पहचान मिली है. जीवन में आगे भी कई कामों को करने का संकल्प रहने की बात कहते हुए अनिल अग्रवाल ने सभी उपस्थितों से भविष्य में भी ऐसे ही साथ व सहयोग मिलने की कामना की.

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