अमरावती/दि.12 – पशु खाद्य के दाम बढने से पशु पालक चिंता में है. पशु पालकों को अपने पशुओं को क्या खिलाए ऐसा प्रश्न उनके सामने उपस्थित हो रहा है. ढेप, सरकी व हरे चारे के दाम बढने से पशु पालक परेशान है. उन पर पशुओं को सोयाबीन का कुटार खिलाने की नौबत आ गई है. कृषि का पूरक व्यवसाय ग्रामीण क्षेत्र में पशु पालन व दुग्ध व्यवसाय है. ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्रों में भी अनेक लोगों का उदर निर्वाह दुग्ध व्यवसाय से हो रहा है.
फिलहाल ढेप 3800 रुपए व सरकी 3900 रुपए प्रतिक्विंटल है. कडबा, कुटार के भी दामों में वृद्धि हुई है 20 रुपए में मिलने वाली पेंडी 60 रुपए में मिल रही है. दुग्ध व्यवसाय के बुरे दिन आ गए है. दुग्ध व्यवसाय नुकसान में चल रहा है ऐसा कहा जा रहा है. अमरावती शहर में दुग्ध संकलन केंद्र बडी संख्या में है. ग्रामीण क्षेत्र से आनेवाला दूध महत्वपूर्ण स्त्रोत है दुध को फैट अनुसार दाम दिया जाता है.
भैस को ढेप व हरा चारा नहीं दिए जाने पर दूध में फैटनेस कम होता है और दूध को उचित दाम नहीं मिल पाते. भैस को आवश्यक खाद्य नहीं मिलने से पशु पालक चिंता में है. पर्याय स्वरुप पशु पालक पशुओं को सोयाबीन की चूरी खिला रहे है. एक ओर पशु खाद्य के दाम बढने से पशु पालकों के जेब पर अतिरिक्त भार पड रहा है दूसरी ओर दुध उत्पादन पर भी उसका परिणाम हो रहा है.