अमरावतीमहाराष्ट्र

पशुओं को भी लू का खतरा, पशुपालक सावधानी बरतें

पशु संवर्धन विभाग ने दी सलाह

अमरावती/दि.17– अप्रैल महीने के पहले सप्ताह से ही पारा चढा है. भीषण गर्मी के कारण पशु भी हलाकान हो रहे है. तेज धूप के कारण पशुओं को बीमारियों के साथ लू का खतरा रहने से उनकी देखभाल व सावधानी बरतने की सलाह पशुसंवर्धन विभाग ने पशुपालकों को दी है.

जिले में मार्च महीने में 41 डिग्री तापमान था. अप्रैल माह में 42 डिग्री तक तापमान दर्ज किया गया. विगत दो दिनों से बदरीले मौसम के कारण भीषण गर्मी महसूस हो रही है. आने वाले कुछ दिनों में तापमान और भी बढने का अनुमान मौसम विभाग ने व्यक्त किया है. इसलिए पशुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह पशु संवर्धन विभाग द्वारा दी जा रही है. पिछले कुछ दिनों से धूप-छांव रहने पर भी गर्मी की तीव्रता कायम है. तापमान और लू से पशुओं की सुरक्षा करने के लिए पशुपालकों ने आवश्यक सावधानी बरतने की जरूरत है. भैसों को पानी में बैठने की सुविधा रहने पर ऐसे स्थान पर छोडें. पानी के हौद में तथा इसमें नमक और गुड डालकर लकडी से मिक्स करें. जिससे धूप के कारण आनेवाली कमजोरी कम होने मदद होती है, यह सलाह पशुसंवर्धन विभाग ने दी.

* प्रतिबंधात्मक उपाय
पशुओं के कोठे में भरपूर हवा आने की सुविधा हो. बीच-बीच में पानी छिपें. छत पर घास डालकर पानी छिंपे, ताकि कोठा परिसर ठंडा रहता है. भैंसों में पसीने के ग्रंथियों की संख्या कम रहने से शरीर का तापमान करने के लिए अथवा ठंडा रखने के लिए भैसों को पानी में कुछ समय के लिए बिठाएं. भैसों का प्राकृतिक रूप से रंग काला और चमडी मोटी होती है. इसलिए गर्मी की तीव्रता बढी की चमडी भी गरम होती है. इसलिए उन्हें ठंडा पानी पिलाएं. आहार में क्षार मिश्रण का उपयोग करें. सुबह 11 बजे तक और शाम में 4 बजे के बाद पशुओं को चराई के लिए छोडें. दोपहर की धूम में पशुओं को छांव में बांधकर रखे. दोपहर के समय हरा मक्का, लहसून घास जैसा पोषक चारा दें.

* पशुओं के उष्माघात के लक्षण
लू लगने पर पशु अस्वस्थ होते है तथा पशुओं की भूख-प्यास कम होती है. पशु किसी भी प्रकार की हलचल न करते हुए बैठे रहते है. पशुओं को 8 से 10 घंटे के बाद दस्त लगने की संभावना रहती है. श्वसन का दर बढकर धाप लगने जैसा महसूस होता है. आंखे लाल होकर आंखों से पानी बहने लगता है.

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