अमरावतीमहाराष्ट्र

मेलघाट के 72 गांवों में अंनिस ने की जनजागृति

140 कार्यक्रमों के आयोजन का दावा

* 20 दिनों का पहला चरण आज पूर्ण
* जाधव और देशमुख की प्रेस वार्ता
अमरावती/दि.7-मेलघाट के दुर्गम आदिवासी बहुल गांवों में बीमारियां ठीक करने के नाम पर अघोरी प्रथाएं जैसे पेट पर लोहे की छड से दाग देना और अन्य प्रथाएं चल रही है. इन्हें रोकने के लिए महाराष्ट्र अंनिस ने गत 17 मार्च से 20 दिवसीय मुहिम शुरु की. इसके तहत 72 गांवों में जनजागृति के 140 जनसंवाद कार्यक्रम और प्रात्यक्षिक लेने का दावा आज दोपहर आयोजित पत्रकार वार्ता में किया गया. इस अभियान में पुणे से नंदिनी जाधव, मुंबई से प्रवीण देशमुख, श्रीकृष्ण धोटे, भगवान रणदिवे और अन्य ने भाग लिया.
नंदिनी जाधव ने बताया कि, जहां भी मौका मिला अंधश्रद्धा निर्मुलन समिति ने जागरूकता का प्रयास किया. लोगों को जादूटोना और तांत्रिक के पास जाने से बचने की सलाह दी गई. उसके स्थान पर कोई बीमारी या दुर्घटना होने पर प्राथमिक चिकित्सालय में जाने के लिए उद्युत करने का प्रयत्न किया. जाधव ने बताया कि लोग कामकाज पर जाते इसलिए रात को उनकी बस्तियों में जाकर जागृति का प्रयास किया. कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. वहां विषम परिस्थिति में आदिवासियों को समझाने का प्रयास किया. कई बार वाहनों की हेडलाइट में जागरूकता के कार्यक्रम किए गए. अभी भी मेलघाट के कई दुर्गम भागों में अंधश्रद्धा निर्मुलन समिति जाएगी. उन्होंने बताया कि, जिलाधीश सौरभ कटियार, सीईओ संजीता मोहपात्रा, चिखलदरा के गट विकास अधिकारी शिवशंकर भारसाकले, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी आदित्य पाटिल आदि अनेक का उनके अभियान में बडा सहयोग रहा. कार्यक्रम का संयोजन, दुर्गम भागों में रूकने की व्यवस्था, उसी प्रकार आंगनवाडी और जिला परिषद शाला, आश्रमशाला, आशा वर्कर सभी के लिए कार्यक्रम लिए गए. प्रस्थापित हानिकारक अघोरी उपचार रोकना आवश्यक है, किंतु मेलघाट जैसे भागों में इन अनिष्ठ प्रथाओं को रोकना या उसके बारे में बात करना चुनौती पूर्ण भी रहने की बात नंदिनी जाधव ने कही.

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