अमरावती/ दि. 16- देश की खजांची पखवाडे भर बाद अर्थ संकल्प संसद में प्रस्तुत करने जा रही है. कोरोना महामारी के लगभग नाश होने पश्चात यह बजट आम से लेकर खास लोगों के लिए ढेर सारी अपेक्षाएं लिए आनेवाला है. ऐसे में अमरावती मंडल ने आज से शहर के विविध व्यवसायों के सफल नाम तथा व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ ही टैक्स सलाहकारों से उनकी अपेक्षाएं जानने का प्रयत्न आरंभ किया है. इसी कडी में आज आरंभिक अपेक्षाएं शहर और जिले के जानकारों ने बजट को लेकर व्यक्त की है. अधिकांश ने बातचीत में आशा व्यक्त की कि, देश की बाजारपेठ बचाने के लिए ऑनलाइन के कारोबार को लेकर सरकार को कुछ गुरूगंभीर कदम उठाने चाहिए. उसी प्रकार आयकर छूट की सीमा बढने के साथ उसके पूरे ढांचे में बदलाव की अपेक्षा भी अधिकांश लोगों ने प्रकट की. बता दे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण आगामी 1 फरवरी की दोपहर 12 बजे संसद में वर्ष 2023-24 का आमदनी का लेखा जोखा रखने वाली है.
* टैक्स में कमी से होगा स्वर्ण व्यापार का भला
वैश्विक कारणों से सोने के दाम में तेजी आयी है. सोना नई उंचाई को छू रहा है. आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहा है. ऐसे में सोने का स्थानीय स्तर का व्यवसाय बडा प्रभावित हुआ है. छोटे दुकानदार एवं कारीगर सोने में आयी तेजी के कारण व्यापार में भारी मंदी से परेशान हो गए हैं. ऐसे में मोदी सरकार से सोने के टैक्स में कमी की अपेक्षा अमरावती सराफा व्यापारी असो. के अध्यक्ष राजेन्द्र भंसाली ने व्यक्त की. भंसाली ने स्वर्ण कारोबार का संपूर्ण चित्र प्रस्तुत कर दिया. उन्होंने बताया कि एक तरफ पीएम मोदी देश में नंबर 2 का धन कम करना चाहते हैं. इसके लिए 6 बरस पहले उन्होंने नोटबंदी भी लागू की.े लोगों ने बडी परेशानियां झेलकर नोटबंदी सहन की. अब सरकार को सचमुच अधिकांश काम नंबर 1 में लाना है तो सोने चांदी जैसी कीमती धातुओं पर लगाई गई भारी टैक्स दर को कम करना चाहिए. भंसाली के अनुसार सोने पर 3 प्रतिशत जीएसटी लागू है. इसके कारण सोना प्रति 10 ग्राम 1700-1800 रूपए महंगा हो जाता है. स्वाभाविक है कि बगैर बिल के लेन-देन को बढावा मिलता है. ऐसे ही सोने पर आयात शुल्क जो केवल आधा प्रतिशत था. दाम बढने पर भी उसे कम करने की बजाय मोदी सरकार ने उसे 5 प्रतिशत, फिर 10 प्रतिशत और अब 12.5 प्रतिशत कर दिया. जिसके कारण 10 ग्राम सोना जो आम आदमी देना चाहता है वह उसे 5-6 हजार रूपए महंगा मिलता है. सरकार को आयात शुल्क में कटौती करनी चाहिए. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण से भारत भर के लाखों-करोडों स्वर्ण कारोबार से जुडे लोगों की यही बडी अपेक्षा है. इस बजट में सोने का आयात शुल्क कम करने एवं जीएसटी में भी कम से कम आधी राहत देनी चाहिए. आम भारतीय महिला अपने गले में कम से कम डोरला मणि की पोत धारण करना चाहती है. टैक्स कम कर वित्त मंत्री सामान्य महिला की एक इच्छा तो अवश्य पूर्ण कर सकती है.
टैक्स स्लैब में भी बदलाव की अपेक्षा अनेक पीढियों से अमरावती में सोने का व्यवसाय कर रहे दीपाजी सदाजी फर्म के संचालक भंसाली ने व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आयकर छूट सीमा अवश्य बढनी चाहिए. भंसाली ने स्वर्ण व्यवसाय को बचाने के लिए टैक्स में कमी की अपेक्षा दोहराई. उन्होंने समझाने का प्रयत्न किया कि टैक्स कम होगा तो स्वर्णाभूषण की बिलिंग बढेगी. सरकार को अधिक राजस्व मिलने का दावा भी भंसाली ने किया. सराफा असो. के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि छोटे दुकानदार भी बिलिंग पर जोर देंगे. क्योंकि डेढ प्रतिशत के लिए वे भी करवंचना से बचेंगे. 500-600 रूपए का टैक्स भरने के लिए ग्राहक और दुकानदार दोनों राजी रहेंगे.
* ऑनलाइन व्यापार पर सरचार्ज की अपेक्षा
अमरावती महानगर चेंबर के सचिव घनश्याम राठी ने बजट अपेक्षा का जिक्र करते ही कहा कि ऑनलाइन व्यापार ने स्थानीय बाजारपेठ को खतरे में ला दिया है. जबकि स्थानीय बाजार पर ही देश के अधिकांश लोगों का उदर निर्वाह टिका हुआ है. ऐसे में मोदी सरकार के मंत्री निर्मला सीतारामण से इस बारे में कुछ ठोस और प्रभावी प्रणाली की अपेक्षा देशव्यापी है. देश का प्रत्येक छोटा-बडा व्यापारी यही चाहता है कि वित्त मंत्री के नाते निर्मला जी अब ऑनलाइन व्यापार पर कडे कदम उठाए. उसमें ऑनलाइन बिजनेस करनेवालों पर लेवी अथवा सरचार्ज लगाए. यह सरचार्ज भारी रहना चाहिए. इसके अलावा भी कदम वित्त मंत्री को उठाने चाहिए. क्योंकि इससे मौजूदा सिस्टम के लैप्स होने का खतरा पैदा हो गया है. घनश्याम राठी ने व्यापारियों के हित की अपेक्षा व्यक्त की है. हकीकत यही है कि ऑनलाइन व्यापार ने छोटे-बडे दुकानदारों को बडा परेशान कर रखा है.
घनश्याम राठी ने आयकर ढांचे में भी गत 10 वर्षो से विशेष बदलाव नहीं होने की तरफ वित्त मंत्री का ध्यान खींचा. उन्होंने कहा कि टैक्स ढांचे में संपूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता है. इस दिशा में सभी छोटे-बडे व्यवसायी और प्रत्येक जन अपेक्षा पर रहा है कि कम से कम 5 लाख रूपए तक आमदनी पर कोई टैक्स न लगाया जाए. ऐसे ही सीनियर सिटीजन की आयु सीमा में भी बदलाव होना चाहिए. फिलहाल 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को आयकर में राहत सरकार देती है. इसे घटाकर 60 वर्ष किया जाना चाहिए.
महानगर चेंबर सचिव घनश्याम राठी ने देश में विमानतल सुविधाएं बढाने की चाहत भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि घरेलू हवाई यात्रा को बढावा देने से सरकार को राजस्व प्राप्त होगा. लोगों का समय बचेगा. सडक दुर्घटनाओं पर भी नियंत्रण होगा. जल्दी पहुंचने की होड में दुर्घटनाएं होती है. सडक संसाधन बढ रहे है. किंतु हवाई यात्रा पर भी जोर दिया जाना चाहिए.
* जीएसटी में लाएं एमनेस्टी योजना
शहर के जानेमाने कर सलाहकार और अभिनंदन बैंक के अध्यक्ष एड. विजय बोथरा ने बजट को लेकर अनेक अपेक्षाए अमरावती मंडल से चर्चा दौरान व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू हुए 5वर्ष से अधिक समय हो गया है. अनेक लोगों और फर्मो के टैक्स संबंधी मामले प्रलंबित है. ऐसे में सरकार को जीएसटी की एमनेस्टी योजना लानी चाहिए. पूरी बकाया कर 10 प्रतिशत और दंड माफ, ऐसी कोई योजना लानी चाहिए.
एड. बोथरा ने कहा कि 80 सी में डेढ लाख की छूट मिलती है. इसे बढाना चाहिए. कम से कम दो लाख होनी चाहिए. ऐसे ही सेलरी डिडक्शन को भी 50 हजार से बढाकर 1 लाख रूपए या उससे अधिक किए जाने की अपेक्षा पगारदार वर्ग कर रहा है. हाउजिंग लोन में दो लाख की लिमिट कम है. इसे भी 3 लाख रूपए से अधिक होना चाहिए. जो व्यक्ति बैंक को ब्याज दे रहा है. सरकार को उसे टैक्स में राहत देनी ही चाहिए.
खुद सफल बैंकर एड. बोथरा ने बैंकों पर लगाए गए टैक्स को भी कम करने की अपेक्षा वित्त मंत्री से व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरचार्ज और आयकर मिलाकर 33-35 प्रतिशत टैक्स लग रहा है. इसे कम किया जाना आवश्यक है. बैंकों की प्रगति के लिए यह बेहद जरूरी होने की बात भी एड. बोथरा ने कही. उन्होंने देश की पहली महिला वित्त मंत्री से आशा जताई कि वे शिक्षा के मद में संसाधन बढाने के लिए बजट में बडे प्रावधान करेगी. देश में ही शिक्षा के संसाधन बढने से छात्र-छात्राओं को विदेश नहीं जाना पडेगा. उनका देश से जुडाव कायम रहेगा. वह पढ लिखकर यही काम कर देश की उन्नति में योगदान करेगा. आखिर शिक्षा को मूलभूत अधिकार माना जाता है. शिक्षा का बजट बढना चाहिए.