प्रतिनिधि/दि.१
अमरावती– अन्नाभाऊ साठे जन्मशती वर्ष की शुरुआत आज से हो गई है. साहित्यीक, समाजसुधारक , लोक कलाकार अन्नाभाऊ साठे अनपढ होने के बावजूद भी उन्होंने मराठी साहित्य क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. स्कूल में जाकर पढाई का पाठ नहीं पढने पर भी उनका साहित्य जगत में महत्वपूर्ण योगदान है. बीते कुछ वर्षो पहले संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के पाठ्यक्रम में लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे के जीवनचरित्र का समावेश था. लेकिन इसके बाद उनके जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम से हटा दिया गया. इसलिए अब विद्यापीठ के पाठ्यक्रम में अन्नाभाऊ साठे का जीवन चरित्र पुन: समाविष्ठ करने के लिए डॉ.मनीष गवई ने राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाई है. डॉ. मनीष गवई के मुताबिक अन्नाभाऊ साठे के जीवन चरित्र का विद्यापीठ के पाठ्यक्रम में पुन: समावेश किया जाए. इसके अलावा लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे के नाम पर स्वतंत्र अध्यासन केंद्र शुरु किया जाए. विद्यापीठ के प्रादेशिक कला विभाग को लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे का नाम देने की भी मांग की गई है.