* जोशी परिवार और मित्रजनों ने की भक्तों की आवभगत
* मिक्स वेज तथा रामकोला की सब्जी ने बढाया स्वाद
अमरावती/दि.14– दीपावली पर लक्ष्मीपूजन पश्चात नया अन्न खेतों से लाया जाता है और अपने-अपने ईष्ट को अर्पण कर भोग लगाया जाता है. इसे अन्नकूट कहते हैं. मंदिरों में अन्नकूट के आयेाजन का श्रीगणेश गत शाम बडनेरा के नई बस्ती स्थित बालाजी मंदिर से हो गया. पुरोहित जोशी परिवार और मित्रजनों ने भक्तों की आवभगत की. सैकडों ने प्रसादी ग्रहण की. आयोजन के अंतर्गत मंदिर की सुंदर सजावट की गई थी. उसी प्रकार संध्या समय भोग आरती के साथ प्रसादी भोज आरंभ हुआ. जिसका देर रात तक अनेक ने आनंद लिया. गोविंदा और जय बालाजी के साथ कृष्ण कन्हैयालाल की जय का जयकारा लगता रहा.
आयोजन में अनेक गणमान्य की उपस्थिति प्रमुखता से रही. राजेश जोशी, अजय उर्फ बबलू जोशी, चिराग, भूपेश, अनुराग एवं मित्र परिवार ने आरती की. बडी संख्या में महिला भाविक भी उपस्थित थी. गोवर्धन पर्वत का भगवत गीता में धार्मिक महत्व है क्योंकि यह कहता है कि भगवान कृष्ण ने भगवान इंद्र की पूजा करने के बजाय प्रतिपदा कार्तिक शुक्ल पक्ष को ब्रज में गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी. गोवर्धन पूजा-जिसे अन्नकूट या अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह दिवाली के 5 दिनों में चौथे दिन पड़ता है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन होता है. इस वर्ष दीपावली के बाद अमावस्या आने से गोवर्धन पूजन का उत्सव मंगलवार, 14 नवबंर को सर्वत्र धूमधाम से मनाया जायेगा. जिसके साथ ही मंगलवार से अन्नकूट प्रसादी का सर्वत्र वितरण किया जायेगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. अन्नकूट शब्द का अर्थ है, अन्नों का मिश्रण. इसके कारण से भी लोग इस पूजन के लिए कई सारे पकवान बनाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं. भगवान कोअपने-अपने सामर्थ अनुसार भोग लगता है. कोई केवल मूंग दाल व बाजरे की खिचड़ी तैयार करते हैं, तो कोई 56 भोग प्रसादी में चढ़ाते हैं. अन्नकूट में कई सारी सब्जियों को मिलाकर मिक्स सब्जी तैयार की जाती है. इसके अलावा कढ़ी-चावल, पूरी, रोटी, मूंग की दाल अथवा खिचड़ी, बाजरे का हलुआ आदि का समावेश होता है. इस प्रथा को लेकर कई कथाएं हैं.माना जाता है कि अन्नकूट पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा स्वस्थ स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. उनके जीवन की दरिद्रता का नाश होता है. जीवन में सुख-शांति एवं समृद्धि का वास होता है. कुछ कथाओं में यह भी सुनाया जाता है कि इस दिन किसी मनुष्य को दुखी नहीं रहना चाहिए यदि आज के दिन वह दुखी रहेगा तो आने वाले पूरे साल वह दुखी ही बना रहेगा, इसलिए सबको इस दिन प्रसन्न रहकर भगवान के अन्नकूट के प्रसाद को ग्रहण करना चाहिए. चित्रांश समुदाय में यह भी मान्यता है कि इस दिन कलम-दवात को विश्राम देना चाहिए, क्योंकि अगले दिन भाईदूज पर कलम, किताब, भगवान चित्रकूट का पूजन किया जाता है.
* महाकाली माता मंदिर में भंडारा 18 को
अंबादेवी मार्ग पर स्थित हिंदू शमशान भूमि परिसर के महाकाली माता
शक्तिपीठ के शक्तीपीठाधीश्वर 1008 शक्ति महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से शनिवार, 18 नवंबर को शाम 7 बजे अन्नकूट अर्थात भंडारा का आयोजन किया जायेगा. शक्तिपीठाधीश्वर शक्ति महाराज की उपस्थिति में माता महाकाली का विधिविधान से पूजन किया जायेगा. पश्चात मां के सभी भक्तों के लिए प्रसादी का आयोजन कर सभी को अन्नकूट का लाभ दिया जायेगा. इस आयोजन में सभी से सहभागी होकर अन्नकूट का लाभ लेने का आवाहन शक्तीपीठाधीश्वर 1008 शक्ति महाराज ने किया है. बता दें कि, इस अवसर पर जो भक्त मंदिर में वितरित बरकत से वंचित रहे. उन भक्तों को आगामी शनिवार, 18 नवंबर को अन्नकूट के दौरान बरकत बांटी जायेगी.
* सतीधाम मंदिर में अन्नकूट 24 को
रायली प्लॉट स्थित सतीधाम मंदिर में अन्नकूट का आयोजन किया जा रहा है. मंदिर के प्रमुख जय जोशी ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी विविध सदस्यों के सहयोग से अन्नकूट आयोजित किया जायेगा. शुक्रवार, 24 नवंबर को कार्यक्रम से पूर्व सतीधाम मंदिर में महाआरती की जायेगी. सभी भगवान को 56 भोग लगाया जायेगा.
* माहेश्वरी भवन में रविवार को प्रसादी वितरण
श्री माहेश्वरी पंचायत द्वारा रविवार, 19 नवंबर की शाम राधा कृष्ण मंदिर में छप्पन भोग अर्पित कर अन्नकूट का आयोजन किया जायेगा. धनराज लेन स्थित माहेश्वरी भवन में सर्वप्रथम पंचायत व अन्य सदस्यों की उपस्थिति में राधाकृष्ण मंदिर में भगवान की शाम 7.30 बजे आरती की जायेगी. पश्चात भगवान को अन्नकूट व 56 भोग प्रसादी चढ़ाकर उपस्थित भक्तों को अन्नकूट का लाभ दिया जायेगा.
* अग्रवाल समाज का अन्नकूट 19 को
अग्रवाल समाज की ओर से आगामी रविवार, 19 नवंबर को अन्नकूट का आयोजन किया जायेगा. इस संदर्भ में अग्रवाल समाज के अध्यक्ष विजय केडिया ने बताया कि रविवार, 19 नवंबर को शाम 7.30 बजे धनराज लेन स्थित सत्यनारायण मंदिर में सर्वप्रथम आरती की जायेगी.
पश्चात रात 8 बजे से 10 बजे तक अन्नकूट के प्रसाद का वितरण किया
जायेगा. जो लोग मंदिर तक नहीं आ सकते ऐसे परिवारों के साथ कुछ अन्य के लिए टिफिन की व्यवस्था की जायेगी.