
मोर्शी/दि.२०-किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने और उनके कारण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के साथ-साथ किसान आत्महत्याओं के लिए अग्रणी नीतियों का विरोध करने के लिए सैकड़ों किसानों की उपस्थिति में दापोरी में एक दिवसीय भूख हड़ताल की गई. हर साल १९ मार्च को संवेदनशील नागरिक किसान आत्महत्या के कलंक को मिटाने और जनता और सरकार का ध्यान किसान आत्महत्याओं की ओर आकर्षित करने के लिए अन्न त्याग दिवस मनाते हैं. इस साल भी कई किसानों ने आत्महत्या की है. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए नागरिकों ने अन्न त्याग कर अपनी भावना व्यक्त की. सातबारा कोरा कर किसानों को कर्जमुक्त करें, परिशिष्ट ९ से किसान विरोधी कानून रद्द किया जाए. सभी कृषि उत्पादों को विनियमित किया जाए. आवश्यक वस्तु अधिनियम को निरस्त किया, कृषि को दिन में बारह घंटे बिजली उपलब्ध करें, संतरा उत्पादक किसानों के लिए संतरा प्रक्रिया प्रकल्प स्थापित करें, आदि विभिन्न मांगों को लेकर अन्नत्याग आंदोलन किया गया, ऐसा ग्राम पंचायत सदस्य रूपेश वालके ने बताया. आंदोलन में कृषि उपज मंडी समिति के पूर्व संचालक प्रकाश विघे, पूर्व पंस सभापति दीपक पांडव, ग्राम पंचायत सदस्य रूपेश वाल्के, उपसरपंच प्रभाकर तायवाड़े, संजय नागले, राजकुमार कोंडे, कंचन कुकड़े, भूषण उमाले, राजू पाटिल, वासुदेव तायवाडे, राजेश तलकित, शंकर ढोमने, गोविंद वानखेड़े, शिवराम दंडले, भूषण उमाले सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे.