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हनुमान अखाडा खेल विश्वविद्यालय बनाने का ऐलान

प्रदेश के बजट में अमरावती को अनेक गिफ्ट

* सर्वत्र खुशी की लहर
* पद्मश्री ताऊ बोले-आज दिवाली
* बधाई का तांता
अमरावती/दि.9- उपमुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस ने अपने मामा के गांव को पहले ही बजट में बडे-बडे उपहार दे दिए. जब उन्होंने अर्थ संकल्प में बहुप्रतिक्षित शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के साथ ही अमरावती की विश्व विख्यात तथा शतायुषी खेल संस्था हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल को खेल विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा आज दोपहर विधानमंडल में कर दी. उसी प्रकार महानुभाव पंथ के लिए काशी का मान रखते रिद्धपुर में भी मराठी भाषा विद्यापीठ स्थापित करने की घोषणा की है. अपना पहला बजट प्रस्तुत करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह ऐलान कर दिया. जिससे सर्वत्र खुशी की लहर व्याप्त हो गई है. हनुमान अखाडे के सर्वेसर्वा एवं पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य खुशी से फूले नहीं समाए. उन्होंने अमरावती मंडल से बातचीत में अपार प्रसन्नता जताते हुए कहा कि, आज का दिन तो दिवाली जैसा हो गया है. मंडल की सौ बरस की क्षेत्र और खेल की सेवा को राज्य शासन ने इज्जत दी है. सम्मान दिया है. वैद्य और हनुमान अखाडे के संचालकों को दोपहर से ही बधाई का तांता लगा था.
* 1920 में स्थापना
उल्लेखनीय है कि हनुमान आखाडा की स्थापना 1920 में अंबादासपंत वैद्य ने की थी. स्वतंत्रता के पहले से यह संस्था खेल क्षेत्र को समर्पित है और पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन देने के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडियों को तैयार किया है. उसी प्रकार शारीरिक शिक्षा के अमुमन सभी पाठ्यक्रम यहां पढाए जाते है. खेल संस्थान के रुप में अंतर्राष्ट्रीय कीर्ति प्राप्त हव्याप्रमं में 1967 से डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन स्थापित है. जहां पूरे भारत के लगभग 25 प्रांतों के छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यहां पढाई पूर्ण करने के पश्चात अनेक विद्यार्थियों ने शासन-प्रशासन में बडे पद प्राप्त किए है ऐसे ही खेल क्षेत्र में भी नाम कमाया है. डिग्री कॉलेज स्वायत्त होने से उसका अलग दीक्षांत समारोह होता है. बीपीएड और एमपीएड के साथ बदलते दौर को देखते हुए अन्य विषय को भी जोडा गया है. 3 हजार विद्यार्थी भी महाविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे है. खेल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी यहां तैयार हो रहे है.

* पद्मश्री वैद्य की आंखों में खुशी के आंसू
आज दोपहर जैसे ही हनुमान अखाडे को खेल विद्यापीठ का दर्जा दिए जाने की बहुप्रतिक्षित घोषणा हुई और समस्त अंबानगरी में तेजी से यह सुखद समाचार फैला, अखाडे के महासचिव प्रभाकरराव वैद्य को भी बधाई के संदेश आना शुरु हो गए थे. अनेक गणमान्यों ने प्रभाकरराव को बधाई दी और वर्षो का स्वप्न पूर्ण होने पर अभिनंदन भी किया. अमरावती मंडल से बातचीत में प्रभाकरराव अत्यंत भावुक हो गए थे. उनकी आंखे मारे खुशी के छलक गई थी. वे केवल इतना कह पाए कि अखाडे के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. दिवाली जैसा है. सरकार ने अखाडे को मान-सम्मान (इज्जत) दी है. जोरदार काम हो गया है. हनुमान अखाडे की सेवा और काम लोगों को बहुत भाती थी. देश में प्राइवेट में इतनी बडी संस्था और इतना काम किसी अन्य का नहीं है. अमरावती की शान बढ गई है. अमरावती की दिवाली है.

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