सुपर स्पेशालिटी में फिर एक दुर्लभ शल्य क्रिया

गर्भवती महिला का सिर का ट्यूमर निकाला

* वीपी शंट सर्जरी में डॉ. वानखेडे सफल
* आड नदी चिखलदरा की युवती को नवजीवन
अमरावती/ दि. 17 – विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल में आज फिर एक दुर्लभ सर्जरी चिकित्सकों ने पूर्ण की. चिखलदरा तहसील की आड नदी गांव निवासी 21 वर्षीया युवती को डॉ. अंकुश वानखेडे और उनके सहयोगी चिकित्सकों ने नवजीवन दिया. जब मस्तिष्क में दुर्लभ ट्यूमर हटाने वीपी शंट शल्यक्रिया सफल की. यह युवती ऑपरेशन दौरान तीन माह की गर्भवती हैं. डॉक्टर्स ने चुनौती स्वीकार कर ऑपरेशन सफल किया. न्यूरोसर्जन डॉ. वानखेडे और महिला रोग तज्ञ डॉ. मनन बूब की प्रशंसा हर कोई कर रहा है. बता दें कि अस्पताल में यह बडी शस्त्रक्रिया महात्मा ज्योतिराव फुले जन स्वास्थ्य योजना अंतर्गत नि:शुल्क की गई.
सिर में भरा पानी
महिला उपचार के लिए सुपर अस्पताल में पहुंची. उसे बे्रेन ट्यूमर होने से उसकी व्हेंट्रीकुलो पेरिटोनियल वीटी शंट सर्जरी की गई. जिसमें सिर में जमा हो गया पानी पहले निकाला गया. महिला तीन माह की गर्भवती हैं. वह जांच के लिए सुपर स्पेशालिटी आयी थी. उसका एमआईआर किया गया तो ट्यूमर का पता चला.
तबियत बिगडी
ट्यूमर के कारण महिला की तबियत बिगड रही थी. उसे गत कुछ दिनों से तकलीफ बढ जाने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया. विभिन्न जांच में मस्तिष्क में पानी इकट्ठा हो जाने का पता चला. तत्काल वीपी शंट किया गया. मरीज के मस्तिष्क में सेरेबेलो- पोंटाइन एंगल क्षेत्र में ट्यूमर पाया गया. जिससे
मरीज सिरदर्द, वरटीगो, शारीरिक तालमेल में दिक्कत महसूस कर रहा था. ऐसे में ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में लिक्विड एकत्र होने से हायड्रोसेफॅलस होने की स्थिति बन गई थी. ऐसे में तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी. महिला गर्भवती होने से पेट में नली नहीं डाली सकती थी.
महिला की दो दिनों से सिजरिंग की गई और पेट में नली डाली गई. ऑपरेशन के बाद मस्तिष्क के द्रव्य उचित प्रकार से रहने लगे. मरीज को राहत मिली. तीसरी शल्यक्रिया अगले मंगलवार को होगी. जिसमें ब्रेन ट्यूमर निकाल बहार किया जायेगा. फिलहाल मरीज और बच्चा सुरक्षित है.
न्यूरोसर्जन डॉ. वानखडे के साथ स्त्रीरोग तज्ञ डॉ. मनन बूब, बधीकरण तज्ञ डॉ. राखी वानखडे, डॉ. शीतल सोलंके, डॉ. अश्विनी मडावी, डॉ. चेतन देउलकर, डॉ. उज्वला मोहोड, डॉ. नितिन बर्डिया, अधिसेविका चंदा खोडके के मार्गदर्शन में दीपाली देशमुख, मनीषा रामटेके, अनीता तायडे, कविता बेरड वैष्णवी प्रियंका गायकवाड, सुमित्रा पोरे, कशीश दामले,साक्षी महल्ले, वैभवी कोथलकर, आकाश काले, वेदांत इंदुरकर,लक्ष्मण, जीवण जाधव आदि ने योगदान दिया. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अमोल नरोटे और विशेष कार्य अधिकारी डॉ. मंगेश मेंढे का मार्गदर्शन मिला
क्या कहते हैं सर्जन
न्यूरोसर्जन डॉ. अंकुश वानखेडे ने मीडिया को बताया कि समय पर निदान और उचित शस्त्रक्रिया के माध्यम से सेरेबेलो पोंटाइन एंगल इस क्लीस्ट बीमारी का उापचार हो सकता है. अमरावती में इस प्रकार की उच्चश्रेणी की न्यूरोसर्जरी सफल होना स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है. अब लोगों को इस प्रकार के उपचार हेतु बडे शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं है.
* मां और बच्चा सुरक्षित
स्त्रीरोग डॉ. मनन बूब ने कहा कि इस प्रकार की सर्जरी में सबसे महत्वपूर्ण रूग्ण और नवजात की सुरक्षा होती है. अत: चुनौती को स्वीकार कर जटिल शस्त्रक्रिया की गई. अब मंगलवार को तीसरे चरण की ट्यूमर की शस्त्र क्रिया की योजना है. उसे भी सभी मिलकर यशस्वी करेंगे. मां और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित कर जटिल ऑपरेशन हमारी सफलता है.

Back to top button