* दस्तावेजों की पूर्तता के बाद भी लगता है चार-पांच दिन का समय
अमरावती/दि.27– कोविड संक्रमण काल के दौरान विवाह समारोह में उपस्थिति को लेकर कई नियम व शर्ते लागू किये गये थे. जिसके चलते कई लोगों ने पंजीयन विवाह का मार्ग स्वीकार किया और ताम-झाम के साथ होनेवाली शादियों की तुलना में पंजीकृत पध्दति से विवाह करना काफी आसान भी रहा, क्योेंकि विवाह होने के बाद महज एक घंटे के भीतर विवाह प्रमाणपत्र मिल जाता था. जिससे लोगों को काफी सुविधाएं भी हुई. किंतु महानगर पालिका में इससे बिल्कुल विपरित स्थिति है. जहां पर पांचों झोन कार्यालयों में सभी दस्तावेजों की पूर्तता करने के बाद भी विवाह प्रमाणपत्र मिलने हेतु तीन से पांच दिन का समय लगता है.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान कई प्रतिबंधात्मक नियम लागू किये गये थे. ऐसे में भव्य-दिव्य स्तर पर आयोजीत होनेवाले विवाह समारोहों को बेहद साधे व सामान्य ढंग से पारिवारिक स्तर पर ही संपन्न कराया गया. नियमानुसार जो व्यक्ति जिस क्षेत्र का निवासी है, उसे संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त कार्यालय में अपने यहा हुए विवाह का पंजीयन कराना होता है. जिसके लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होते है. किंतु मनपा के पांचों झोन कार्यालयों में सभी दस्तावेजों के साथ पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद भी प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु चक्कर काटने पडते है और कई बार तो केवल अधिकारियों के हस्ताक्षर नहीं होने की वजह के चलते नागरिकों को प्रमाणपत्र मिलने हेतु चार से पांच दिनों का इंतजार करना पडता है.
* ऐसे मिलता है विवाह प्रमाणपत्र
विवाह समारोह निपटने के बाद 30 दिनों के भीतर 50 रूपये भरकर संबंधित सहायक आयुक्त कार्यालय में आवेदन करना होता है. जिसके लिए आवेदन के साथ दुल्हा-दुल्हन की जानकारी सहित विवाह समारोह से संबंधीत जानकारी देनी होती है.
* 50 से 250 रूपये आता है खर्च
विवाह समारोह जिलांतर्गत संपन्न होने की स्थिति में विवाह प्रमाणपत्र हेतु मात्र 50 रूपये का शुल्क अदा करना होता है. वहीं यदि विवाह किसी अन्य जिले में संपन्न हुआ है, तब उसका पंजीयन प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु 250 रूपये का शुल्क लिया जाता है.
* ये दस्तावेज रहते है आवश्यक
विवाह पंजीयन प्रमाणपत्र के लिए दुल्हा-दुल्हन की टीसी, पहचान पत्र (आयडी प्रुफ), निवासी प्रमाणपत्र, विवाह पत्रिका तथा 100 रूपये का कोर्ट फी स्टैम्प देना जरूरी होता है.
– इस 100 रूपये के स्टैम्प पर हलफनामा लिखकर देने के साथ ही दुल्हा-दुल्हन के तीन पासपोर्ट फोटो व विवाह समारोह के फोटो भी देने होते है.
– इसके अलावा तीन साक्षीदार भी उपस्थित करने होते है और हर साक्षीदार पर एक-एक पासपोर्ट फोटो, आयडी प्रुफ व निवासी दाखला प्रतुत करना होता है.
– इन सभी दस्तावेजों के साथ आवश्यक शुल्क अदा करने के बाद तीन दिन में पंजीयन प्रमाणपत्र संबंधित कार्यालय द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है.
* जान-पहचान रहने पर जल्दी होता है काम
पता चला है कि, यद्यपि मनपा के सहायक आयुक्त व जिला सहायक निबंधक कार्यालय में विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु किसी एजेंट की जरूरत नहीं पडती. किंतु यदि यहां पर थोडी-बहुत जान–पहचान है, तो काम थोडा जल्दी हो जाता है, अन्यथा तीन से पांच दिनों का समय लगना तो तय है.
* ऑनलाईन है प्रक्रिया, कोई वेटिंग नहीं
इस संदर्भ में प्रशासन का कहना है कि, विवाह पंजीयन प्रमाणपत्र की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाईन है और महज तीन दिनों में प्रमाणपत्र मिल जाता है. साथ ही इस समय विवाह प्रमाणपत्र का कोई भी मामला प्रलंबीत नहीं है. हालांकि कुछ मामलों को दस्तावेजों के अभाव या किसी अन्य त्रृृटी के चलते जानबूझकर प्रलंबीत रखा गया है. दस्तावेजों की पूर्तता करने व त्रृटी के दूर होने पर संबंधित मामलों में भी प्रमाणपत्र जारी कर दिये जायेंगे.