* अनेक क्षेत्र घंटों अंधेरे में
अमरावती/दि.16– दिन में 40 डिग्री तापमान झेल रहे अमरावतीवासियों को सांझ घिरे मौसम के बदलते मिजाज का सामना करना पड रहा है. तीन दिनों के अंदर फिर शहर तथा परिसर में आए अंधड के कारण कई भागों में पेड उखड गए. बैनर पोस्टर, बिल बोर्ड को भी क्षति पहुंची. अनेक घरों में धूप से बचाव के लिए लगाए गये ग्रीन नेट उखड गए. आंधी, तूफान और कुछ देर की बारिश ने कई भागों में बत्ती गुल कर दी. जिससे घंटों कई इलाके अंधियारे में रहे. विशेष कर उपनगर बडनेरा क्षेत्र में काफी नुकसान का समाचार है.
* गिरे पेड, सडकें बाधित
मनपा उद्यान अधीक्षक श्रीकांत गिरी द्बारा दी गई जानकारी के अनुसार शंकर नगर, संजय गांधी नगर, वनश्री कॉलोनी, बडनेरा जूनी बस्ती, बडनेरा नई बस्ती, माया नगर, साईनगर, महावीर नगर, हरिगांगा आइल मिल क्षेत्र में झाड उखडने से काफी समय तक यातायात प्रभावित रहा. श्रीकांत गिरी ने बताया कि प्रत्येक क्षेत्र में ताबडतोड मनपा दस्ते पहुंचे और सडको पर गिरे पेडों को हटाया गया. मार्ग सुचारू किया गया.
* बिजली गुल
बडनेरा के कुछ भागों सहित अनेक क्षेत्र में बिजली तार हिल गये और आपूर्ति खंडित हो गई. जिससे शारदा नगर, राजापेठ जैसे एरिया में थोडी देर में बिजली आपूर्ति सुचारू की गई. किंतु कंवर नगर, दस्तूर नगर रोड, यशोदा नगर, धनवंतरी नगर, दंडे प्लॉट, संजय गांधी नगर, प्रसाद कॉलोनी, सुभाष कॉलोनी, जूना बायपास आदि भागों में देर तक बिजली गुल रही. जिससे मारे उमस के लोग परेशान हो गये थे.
* कार पर गिरा पेड, जनहानि नहीं
दस्तुर नगर में एक कार पर अंधड के कारण जमीन से उखड कर पेड गिर गया. सौभाग्य से उसमें सवार लोग समय रहते निकल गये. जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. यहां भी मनपा उद्यान विभाग के दस्ते ने पहुंचकर सडक से पेड हटाया. मार्ग सुचारू किया.
* दिन में धूप, शाम में बारिश
सोमवार को दिनभर शहर और जिले के अधिकांश भागों में धूप तेज रही. शाम को मौसम ने करवट बदली. अचानक तेज हवाएं चलने लगी. बादल घिर आए और बरसने लगे. इससे फूटपाथ पर छोटी- मोटी दुकानें और खोमचे लगाकर व्यवसाय करनेवाले दुकानदारों का कामकाज चौपट हो गया. गत कुछ दिनों से बेमौसम बारिश ने लोगों, दुकानदारों को काफी परेशान कर रखा है.
* ओलावृष्टि से संतरा नष्ट
उधर मोर्शी, वरूड, चांदुर बाजार, अचलपुर सहित जिले के संतरा पट्टी में गत शुक्रवार, शनिवार की ओलावृष्टि से न केवल संतरे का आंबिया बहर गल गया है. बल्कि संतरे के पेडों को भी नुकसान पहुंचा है. इसी प्रकार फफूंद का रोग होने की आशंका बढ गई है. आंबिया बहर के फल पेडों से गलकर गिर रहे हैं. जानकारों ने बताया कि 22 हेक्टेयर क्षेत्र में संतरे का काफी नुकसान हुआ है. यह भी कहा जा रहा है कि किसानों को अपने संतरे के पेड बचाने के लिए उपाय योजना करना चाहिए. उपाय योजना में ओलावृष्टि ग्रस्त पेड पर कॉपर आक्सी क्लोराइड अथवा बोर्डो मिश्रण या फफूंद नाशक दवाई का छिडकाव करना चाहिए. उसी प्रकार पेडों में खाद भी डालनी चाहिए. प्रति पेड एक किलो अमोनियम सल्फेट देना चाहिए. चीले टेड स्वरूप के सुक्ष्म द्रव्य का छिडकाव भी किया जा सकता है. इससे छोटे फलों की गलाई रूक जायेगी और उन पर विभिन्न प्रकार की फफूंद से बचाव होगा.
* फसलों पर वन्यजीवों का अटैक
कावली वसाड परिसर सहित संपूर्ण धामणगांव रेलवे तहसील में फसलों पर वन्य जीवों का उपद्रव बढने से किसान परेशान हो गये हैं. मूंगफली, मूंग, तिल की पैदावार ले रहे खेतों में हरियाली नजर आने से जंगली जानवर खेतों में घुस रहे हैं. परिसर के सिदोडी, चिंचपुर, पिंपलखुंटा, गव्हाणी, पाणी, वाठोडा, अशोक नगर, गूंजी, दाबाडा, कावली, वसाड आदि गांवोंं में जंगली सूअर, बंदर, नीलगाय का उपद्रव बढा है. यह प्राणी खेतों में मूंगफली और अन्य फसलों को खराब कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि जंगली जानवरों के उपद्रव के कारण वे लोग परेशान हो गये हैं. उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में कुओं में अच्छा जलस्तर है. जिससे गर्मी के इन दिनों में भी मूंगफली, तिल, मूंग की बुआई की जाती है. कुओं से सिंचाई करने से खेत लहलहा उठे. वहां बगैर बाढ के खेतों में जंगली जानवर घुसकर नुकसान कर रहे हैं.