अमरावती/दि.25– ब्रह्मपुरी वनविभाग अंतर्गत तलोधी बालापुर वनपरिक्षेत्र के गोविंदपुर क्षेत्र के जंगल में मुमताज अहेमद शेख के खेत में सुबह के समय वनकर्मचारियों को गस्त के दौरान एक मृत बाघ दिखाई पडा. इस घटना की जानकारी वनविभाग के वरिष्ठों को मिलने के बाद मृत बाघ का पंचनामा में पाया गया कि नर जाती के बाघ की उम्र एक से देड वर्ष के बाघ व्दारा शिकार के पीछे भागने से कुंए की सुरक्षा दिवार न होने के कारण वह कुएं में गिरने से उसकी मौत हो गई.
वनविभाग के कर्मचारियों ने प्राथमिक अनुमान के दौरान पाया कि कुएं में गिरने के बाद इस किशोर बाघ ने खुद को बचाने का काफी प्रयास किया. जिसके कारण कुएं की दिवार पर उसके नाखुन के निशान भी पाए गए है. इस समय घटना स्थल परिसर में कार्यरत स्वाब नेचर केअर फाउंडेशन के अध्यक्ष यश कायरकर, बंडू धोतरे एनटीएसी प्रतिनिधी, विवेक करंबेकर मानद वन्यजीव संरक्षक ब्रह्मपुरी, पंकज माकोडे नेचर एनवोर्मेन्ट एंड वाईल्ड लाईफ ऑर्गनायजेशन की उपस्थिती में पंच नामा कर मृत बाघ को शवविच्छेदन हेतु तलोधी वनविभाग के सावरगांव के लकडा डेपो में भेज कर उसका पोस्टमार्टम किया गया. इस समय पशुवैद्यकीय अधिकारी ताडोबा, डॉ. रविकांत खोब्रागडे, नागभीड पशुधन विकास अधिकारी डॉ. ममता वानखेडे ने बाघ का पोस्टमार्टम किया उसके बाद इस किशोर नर बाघ को लकडा डेपो,सावरगांव में अग्नि दी गई. इस समय सहाय्यक वनसंरक्षक एस. बी. हजारे, तलोदी बालापूर वनपरिक्षेत्र अधिकारी अरुप कन्नमवार, गोविंदपुर के क्षेत्र सहाय्यक आर.एस. गायकवाड, नेरी के क्षेत्र सहाय्यक रासेकर तथा तलोदी बालापुर वनपरिक्षेत्र के सभी वन कर्मचारी व स्वाब संस्था के सभी सदस्य उपस्थित थे.
तीन दिन में दो बाघ की मौत
पिछले तीन दिनों में दो व महिने में तीन बाघों की ब्रह्मपुरी वन विभाग अंतर्गत बाघों की मौत होने की घटना उजागर हुई है तथा इसी परिक्षेत्र अंतर्गत 27 नवंबर 2023 को रेल्वे के धक्के से बाघ के शावक की मौत हुई थी. सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के मेंढा माल में एक निजी खेत के कुएं में शिकार के लिए लगाए गए विद्युत तार से एक बाघ की 21 दिसंबर व 24 दिसंबर को तलोधी वनपरिक्षेत्र में सुरक्षा दिवार न होने के कारण कुंए में गिरने से बाघ के शावक की मौत होने की घटना सामने आई है. इस घटना के बाद तीन दिनों में दो बाघों व एक महिने में तीन बाघों की मौत की घटना सामने आई है.
वर्ष भर में चंद्रपुर जिले में 21 बाघों की मौत
जिले में वर्ष भर में अभी तक कुल 21 वाघों की मौत की खबर सामने आई है. जिसमें कई घटना में आपसी संघर्ष में व कुछ शिकार में व कुछ दुर्घटना में मृत्यू होने की खबर से वनविभाग के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है. जिले में वर्ष भर में कुल 21 बाघों की मृत्यू हुई है.