अमरावती के 201 प्रकल्पों से जवाब-तलब
लैप्स की पडताल, 11 हजार प्रकल्पों को नोटिस
* महारेरा ने शुरु की कार्रवाई
अमरावती/दि.16-महारेरा ने मई 2017 में स्थापना पश्चात दर्ज 10773 व्यापगत अर्थात लैप्स गृहनिर्माण परियोजनाओं को नोटिस जारी की है. निर्धारित अवधि में यह प्रकल्प तैयार नहीं हुए हैं. उन्होंने महारेरा को इस बारे में सूचित भी नहीं किया. इस अनियमितता की महारेरा ने गंभीर दखल लेकर एक माह के अंदर जवाब देने की नोटिस जारी की है. जिसके बाद महारेरा कठोर कार्रवाई भी कर सकती है.
इन 10 हजार से अधिक प्रकल्पों में अमरावती के 201, नागपुर के 548, संभाजीनगर के 511, नासिक के 815, पुणे के 3406 और मुंबई महाप्रदेश के सर्वाधिक 5321 प्रकल्प शामिल है. महारेरा की यह पडताल पश्चात पूरी होने के बाद प्रकल्प रद्द करने की कार्रवाई भी हो सकती है.
महारेरा में पंजीयन के लिए आवेदन करते समय प्रत्येक विकासक को प्रकल्प कब पूर्ण होगा, इसकी तारिख प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से दर्ज करना पडता है. प्रस्तावित तारिख से पहले प्रकल्प पूर्ण हो जाने पर भोगवट प्रमाणपत्र के साथ प्रपत्र 4 प्रस्तुत करना होता है. प्रकल्प अधूरा रहने पर नूतनीकरण की प्रक्रिया अपेक्षित है. प्रकल्प शुरु करने में हीं कोई दिक्कत आने पर प्रकल्प रद्द करने का आवेदन आवश्यक है. स्थायी संपत्ति अधिनियम की धारा 11, विनियम के नियम 3, 4 और 5 के अलावा 5 जुलाई 2022 के आदेश प्रमाण 33 की धारा 3 और 4 के अनुसार प्रत्येक विकासक को तीमाही/ वार्षिक ऐसे कालबद्ध तरीके से विहित फॉर्म में वेबसाइट पर विवरण अपडेट करना बंधनकारक है. 10773 प्रकल्पों ने अपेक्षित कार्यवाही नहीं की इसलिए नोटिस जारी कर पडताल होने की जानकारी महारेरा ने दी.
क्या कहते हैं महारेरा अध्यक्ष
महारेरा अध्यक्ष मनोज सौनिक ने 10 हजार से अधिक प्रकल्पों को नोटिस जारी करने की पुष्टि करते हुए बताया कि, 30 दिनों की मुदत खत्म होने के बाद महारेरा प्रकल्प को रद्द भी कर सकता है. स्थगित कर सकता है. प्रकल्प की फ्लैट खरीदी और विक्री पर प्रतिबंध लगा सकता है. बैंक खाते सील कर सकता है, कठोर कार्रवाई का पर्याय खुला है. महारेरा को ऐसी कार्रवाई की नौबत न लाएं.